Yemen Airstrike: Middle East Crisis में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में इजरायल की सेना ने यमन में Houthis-नियंत्रित क्षेत्रों पर हवाई हमले किए और रस इसा और होदेदाह बंदरगाहों को निशाना बनाया। ये हमले इजराइल के बेन गुरियन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर Houthis द्वारा दागी गई मिसाइल का बदला थे। यह घटना इजरायल और मध्य पूर्व के विभिन्न विरोधियों के बीच बढ़ते संघर्ष के गंभीर संकेत हैं, जिसमें हिज़बुल्लाह, हमास और ईरान समर्थित Houthis समूह शामिल हैं।
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ToggleHouthis हमलों के जवाब में इजरायल ने की Yemen Airstrike
रविवार को, इजरायल ने यमन में Houthis ठिकानों पर कई हवाई हमले किए, जिनमें रस इसा और होदेदाह में बिजली संयंत्रों और बंदरगाह सुविधाओं को निशाना बनाया गया। Yemen Airstrike में कम से कम चार लोगों की मौत हुई, जिनमें एक बंदरगाह कर्मचारी और तीन इंजीनियर शामिल थे। Yemen Airstrike के कारण होदेदाह में बिजली की आपूर्ति भी बाधित हो गयी हैं। होदेदाह यमन का एक महत्वपूर्ण बंदरगाह शहर है और पहले से ही संघर्ष के कारण मानवीय संकट का सामना कर रहा है।
इजरायली सेना ने Yemen Airstrike को Houthis द्वारा किए गए लगातार मिसाइल और ड्रोन हमलों का जवाब बताया है। नवंबर 2022 से, Houthis समूह ने इजरायल को निशाना बनाया है। इन हमलो को यमन गाजा में इजरायल के हवाई हमलों के जवाब में फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता के रूप में देखते हैं।
इजरायल की सेना ने Houthis पर आरोप लगाया है कि वे ईरानी निर्देश और वित्तीय सहायता के तहत काम कर रहे हैं, और इराकी मिलिशिया के साथ मिलकर क्षेत्रीय स्थिरता को कमजोर करने और वैश्विक नौवहन की स्वतंत्रता को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं।
Houthis की बढ़ती गतिविधि और ईरान की भूमिका
Houthis, जो यमन में ज़ैदी शिया मुस्लिम अल्पसंख्यक से जुड़े एक राजनीतिक और सैन्य समूह हैं, ने इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके मिसाइल हमलों ने इजरायल की सरकार को कड़ी प्रतिक्रिया देने के लिए प्रेरित किया है। Houthis का कहना है कि यह उनके द्वारा इजरायल के खिलाफ प्रतिरोध का हिस्सा है और वे अपनी सैन्य गतिविधियां जारी रखेंगे।
Houthis की सैन्य क्षमताओं ईरान की मदद से बढ़ाया गया है। ईरान ने उन्हें उन्नत हथियार प्रदान किए हैं और उनके प्रशिक्षण में मदद की है, खासकर हिज़बुल्लाह के माध्यम से। इस सहयोग ने Houthis को एक शक्तिशाली क्षेत्रीय शक्ति बना दिया है, जो अब यमन की सीमाओं से बाहर जाकर इजरायल जैसे देशों को निशाना बना रहे हैं।
ईरान की इस संघर्ष में भागीदारी, Houthis और हिज़बुल्लाह को समर्थन देकर, स्थिति को और अधिक बिगाड़ रही है। ईरान ने हाल ही में हुए Yemen Airstrike की कड़ी निंदा की, जिसमें ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासेर काना’नी ने इन हमलों को “अमानवीय” बताया और अमेरिका पर इजरायल के “अपराधों” का समर्थन करने का आरोप लगाया। ईरान का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष हस्तक्षेप यह दिखाता है कि मध्य पूर्व में एक व्यापक भू-राजनीतिक संघर्ष चल रहा है, जहां इजरायल और ईरान अपनी शक्ति और प्रभुत्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
हिज़बुल्लाह की भूमिका और इजरायल की रणनीति में बदलाव
Yemen Airstrike हिज़बुल्लाह के खिलाफ एक बड़े आक्रमण के दो दिन बाद हुए हैं , जिसमें हिज़बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह समेत 20 से अधिक सदस्यों की मौत हो गई। हिज़बुल्लाह भी ईरान समर्थित है और इजरायल के खिलाफ लड़ाई में सक्रिय रहा है। हिज़बुल्लाह विशेष रूप से गाजा में हमास के हमलों के बाद से लेबनान की सीमा से क्रॉस-बॉर्डर हमले कर रहा है।
हसन नसरल्लाह की मौत इजरायल की रणनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। इजरायली रक्षा बल (आईडीएफ) ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है और अब गाजा से ध्यान हटाकर उत्तरी सीमा पर हिज़बुल्लाह से लड़ने पर ध्यान केंद्रित किया है। हिज़बुल्लाह के प्रमुख कमांडरों की मौत ने समूह को एक बड़ी चुनौती में डाल दिया है और इसके नेतृत्व संरचना को कमजोर कर दिया है।
इजरायल के Houthis और हिज़बुल्लाह दोनों के खिलाफ एक साथ युद्ध छेड़ने से क्षेत्रीय युद्ध की संभावना बढ़ गई है, जिसमें केवल इजरायल और फिलिस्तीन ही नहीं, बल्कि लेबनान, यमन और संभवतः इराक और ईरान भी शामिल हो सकते हैं। इजरायली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने कहा, “कोई भी जगह हमारे लिए बहुत दूर नहीं है,” जो यह संकेत देता है कि इजरायल अपने दुश्मनों को जहां भी हो, वहां पर निशाना बनाएगा।
संघर्ष का मानवीय प्रभाव
Yemen Airstrike यमन के Houthis की सैन्य संरचना को नष्ट करने के उद्देश्य से किए जा रहे हैं, लेकिन इसके मानवीय परिणाम काफी भयानक हो सकते हैं। यमन पहले से ही गृहयुद्ध और अकाल से जूझ रहा है, और रस इसा और होदेदाह जैसे बंदरगाह देश की महत्वपूर्ण जीवनरेखा हैं। यहां से खाद्य सामग्री, ईंधन और मानवीय सहायता का आयात किया जाता है। इन बंदरगाहों में कोई भी रुकावट यमन के लाखों नागरिकों के लिए एक बड़ी त्रासदी हो सकती है जो बाहरी सहायता पर निर्भर हैं।
बिजली संयंत्रों और बंदरगाह सुविधाओं पर हुए Yemen Airstrike यमन की बुनियादी ढांचे को और नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिससे देश के बड़े हिस्से अंधेरे में डूब गए हैं और आवश्यक सेवाओं से वंचित हो गए हैं। ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार, यमन के बंदरगाहों का मानवीय महत्व “अत्यधिक महत्वपूर्ण” है, क्योंकि ये प्रमुख आपूर्ति का प्रवेश बिंदु हैं।
क्षेत्रीय प्रभाव और व्यापक युद्ध की संभावना
इजरायल के Houthis पर सैन्य हमलों और साथ ही गाजा और लेबनान में चल रही उसकी गतिविधियों ने बड़े क्षेत्रीय युद्ध की आशंकाओं को बढ़ा दिया है।Houthis का हिज़बुल्लाह और हमास के साथ ईरानी रेज़िस्टेंस एक्सिस से जुड़ाव यह संकेत देता है कि इजरायल को कई मोर्चों पर एक साथ हमलों का सामना करना पड़ सकता है।
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