Terrorist attack in Russia: रूस के उत्तर में स्थित दागेस्तान में रविवार को यहूदियों के धर्मस्थल सिनेगाग, ईसाइयों के आर्थोडाक्स चर्च और पुलिस पोस्ट पर गोलीबारी की घटना हुई है। वहां पर बंदूकधारियों आतंकवादियों ने चर्च और सिनेगाग में आए श्रद्धालुओं पर अंधाधुंध गोलीबारी की। गोलीबारी में छह पुलिसकर्मियों और चर्च के पादरी के मारे जाने और 13 लोगों के घायल होने की सूचना है।
अधिकारियों के अनुसार, रूस के उत्तरी काकेशस क्षेत्र के दागेस्तान में आतंकवादियों ने चर्च, एक आराधनालय और एक पुलिस चौकी पर हमला किया, जिसमें कम से कम 15 पुलिस और नेशनल गार्ड अधिकारी, कई नागरिक और एक पादरी मारे गए.
Terrorist attack in Russia: पादरी की गला रेतकर हत्या
न्यूज एजेंसी एपी ने दागेस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्रालय का हवाला देते हुए बताया कि रिपोर्ट के अनुसार, हथियारबंद लोगों ने डर्बेंट के चर्च में 66 वर्ष के पादरी ‘फादर निकोले’ का गला रेत दिया, जबकि सुरक्षा गार्ड की गोली मारकर हत्या कर दी गई. हमले में मारे गए कानून प्रवर्तन अधिकारियों में से एक ‘दागेस्तान लाइट्स’ पुलिस विभाग का प्रमुख था.

Terrorist attack in Russia: हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर
डर्बेंट में पुलिस अधिकारियों पर हमले का वीडियो बनाया गया और इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया गया। क्लिप में गोलियों की आवाज़ सुनी जा सकती है, साथ ही सड़क पर पुलिस की गाड़ियां खड़ी दिखाई दे रही हैं।
Terrorist attack in Russia: विदेश से साजिश रचने का दावा
रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ ने कानून प्रवर्तन सूत्रों के हवाले से बताया कि दागिस्तान के एक अधिकारी को हमलों में उसके बेटों की संलिप्तता को लेकर हिरासत में लिया गया है। मेलीकोव ने बिना कोई सबूत उपलब्ध कराए दावा किया कि इन हमलों की साजिश संभवत: विदेश में रची गयी।
Terrorist attack in Russia: रूस-यूक्रेन युद्ध कैसे शुरू हुआ था?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 23 फरवरी 2022 की रात को यूक्रेन के खिलाफ जंग का एलान किया था. 24 फरवरी की तड़के यूक्रेन की राजधानी कीव और आसपास के शहरों में हवाई हमले होने लगे. रूस के हमलों से दुनिया में हड़कंप मच गया. इसके बाद यूक्रेन ने भी जवाबी कार्रवाई की. युद्ध के कारण दुनिया दो धड़ों में बंट गई.
यूक्रेन के लिए नाटो देश साथ आ गए. अमेरिका, ब्रिटेन, पोलैंड, फ्रांस सहित कई देश अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन को मदद देने लगे. वहीं, रूस की ओर से चीन, दक्षिण कोरिया, ईरान जैसे देश अप्रत्यक्ष रूप से साथ आ गए. हालांकि, भारत ने किसी का पक्ष नहीं लिया. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत का पक्ष रखते हुए कहा कि भारत सार्वजनिक रूप से युद्ध की समाप्ति के लिए प्रतिबद्ध है.
Putin in Vietnam: वैश्विक राजनीतिक परिवर्तन के बीच संबंध मजबूत करना
प्योंगयांग में पुतिन और किम जोंग उन का ऐतिहासिक सम्मेलन: नया गठबंधन