Vinesh Phogat: Paris Olympic में भारतीय पहलवान Vinesh Phogat की अयोग्यता ने भारतीय खेलों में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती के फाइनल से कुछ घंटे पहले विनीश फोगाट को वजन के मुद्दे के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस निर्णय के बाद भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) ने फोगाट के लिए संयुक्त रजत पदक की अपील की है। इस विवाद को सुलझाने के लिए वकील हरिश साल्वे को नियुक्त किया गया है, जिनका नाम भारतीय कानूनी क्षेत्र में उच्च मानक के रूप में जाना जाता है।
Vinesh Phogat: हरिश साल्वे की कानूनी विशेषज्ञता
हरिश साल्वे, पूर्व सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया और किंग्स काउंसल, को इस मामले में Vinesh Phogat का प्रतिनिधित्व करने के लिए नियुक्त किया गया है। साल्वे की कानूनी विशेषज्ञता और अनुभव इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। वे 1999 से 2002 तक भारत के सॉलिसिटर जनरल रहे हैं और उन्हें संविधान, व्यापार और मध्यस्थता कानून के क्षेत्र में गहरा ज्ञान प्राप्त है।
Vinesh Phogat: प्रमुख मामलों में साल्वे का योगदान
हरिश साल्वे ने कई हाई-प्रोफाइल मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
- कुलभूषण जाधव का मामला: साल्वे ने कुलभूषण जाधव का प्रतिनिधित्व किया, जिनको पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी के आरोप में मृत्युदंड सुनाया था। साल्वे ने इस मामले में केवल ₹1 की कानूनी फीस ली, जो उनके न्याय के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
- वोडाफोन कर विवाद: साल्वे ने वोडाफोन को ₹11,000 करोड़ के कर विवाद में भारत सरकार के खिलाफ जीत दिलाई।
- भोपल गैस त्रासदी: साल्वे ने केसुब महिंद्रा का प्रतिनिधित्व किया, जो भोपल गैस त्रासदी के मामले में शामिल थे।
- सलमान खान का हिट-एंड-रन मामला: साल्वे ने 2002 के हिट-एंड-रन मामले में सलमान खान की ओर से न्याय प्राप्त करने में मदद की। इस मामले में खान को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया।
- कावेरी जल विवाद: साल्वे ने कावेरी जल विवाद में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व किया, जो एक महत्वपूर्ण जल विवाद था।
Vinesh Phogat: की घोषणा और चुनौती
Vinesh Phogat, जो Paris Olympic के फाइनल में पहली भारतीय महिला पहलवान थीं, ने अपने अयोग्यता के निर्णय के बाद पहलवानी से संन्यास की घोषणा की। उन्होंने सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट के माध्यम से अपनी हार और संन्यास की बात साझा की। फोगाट ने अपने करियर की समाप्ति के बारे में कहा, “माँ कुश्ती मुझसे जीत गई, मैं हार गई। मुझसे आपकी उम्मीदें और मेरे साहस टूट गए। मुझे अब और शक्ति नहीं है। अलविदा कुश्ती 2001-2024। मैं हमेशा आपके ऋण में रहूँगी।”
Vinesh Phogat: CAS में सुनवाई की प्रक्रिया
फोगाट की अयोग्यता के खिलाफ अपील करने के लिए हरिश साल्वे का प्रतिनिधित्व महत्वपूर्ण है। कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है, जो खेल विवादों का समाधान करती है। इस मामले की सुनवाई CAS में होगी, और साल्वे के कानूनी अनुभव को देखते हुए इस विवाद के समाधान की उम्मीद की जा रही है।
Vinesh Phogat: हरिश साल्वे की कानूनी यात्रा
हरिश साल्वे ने 1992 में दिल्ली उच्च न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नियुक्ति प्राप्त की। वे 2015 में भारत के सर्वोच्च पुरस्कार – पद्म भूषण से सम्मानित हुए। हाल ही में, वे इंग्लैंड और वेल्स के लिए क्वींस काउंसल के रूप में नियुक्त किए गए थे। उनके द्वारा किए गए प्रभावशाली केस और कानूनी गहरी समझ ने उन्हें भारतीय कानूनी क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण नाम बना दिया है।
हरिश साल्वे का Vinesh Phogat के केस में प्रतिनिधित्व भारतीय खेल और कानूनी क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण है। उनकी कानूनी विशेषज्ञता और अनुभव इस विवाद को हल करने में सहायक होंगे, और उम्मीद है कि वे फोगाट के लिए न्याय सुनिश्चित कर सकेंगे। इस मामले के साथ ही, फोगाट की पहलवानी यात्रा और साल्वे की कानूनी यात्रा भारतीय खेल और न्यायिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ते हैं।
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