Paris Olympic 2024 भारतीय वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने महिलाओं के 49 किलोग्राम वेटलिफ्टिंग इवेंट में चौथा स्थान प्राप्त किया। चानू ने कुल 199 किलोग्राम (88+111) का वजन उठाया, और एक किलो के अंतर से Olympic पदक से चूक गईं। यह दिन भारत के लिए निराशाजनक रहा, क्योंकि Vinesh Phogat की महिलाओं की 50 किलोग्राम कुश्ती फाइनल बाउट से पहले ही अयोग्यता के कारण पदक से वंचित रह गईं और महिला टेबल टेनिस टीम ने भी जर्मनी से क्वार्टरफाइनल में हार का सामना किया।
Paris Olympic 2024: चानू की चुनौतीपूर्ण यात्रा
मीराबाई चानू, जो पदक जीतने की प्रमुख उम्मीद थीं, ने एक किलो के अंतर से पदक चूकने पर गहरी निराशा व्यक्त की। चीन की हो झिहुई (कुल 206 किलोग्राम), रोमानिया की वेलेंटिना कम्बेई (205 किलोग्राम) और थाईलैंड की सुरोचाना खम्बाई (200 किलोग्राम) ने पदक जीते। चानू ने अपनी पूरी क्षमता से प्रयास किया, लेकिन शीर्ष प्रतियोगियों के साथ, उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी उन्हें पदक दिलाने के लिए पर्याप्त नहीं था।
Paris Olympic 2024: पारिस्थितियों का सामना
चानू की इस Olympic यात्रा काफी चुनौतीपूर्ण रही है। पिछले एक साल में, उन्होंने कई शारीरिक समस्याओं और चोटों का सामना किया। चानू ने अपने शरीर को ठीक करने के लिए समय बिताया और मानसिक रूप से भी संघर्ष किया। उनके घर, मणिपुर में हुई अशांति के बावजूद, उन्होंने कभी भी अपनी मुस्कान और ऊर्जा को खोने की कोशिश नहीं की।
Paris Olympic 2024: चोटों का प्रभाव और संघर्ष
चानू के कोच विजय शर्मा ने बताया कि चानू की चोटें बहुत गंभीर थीं। वेटलिफ्टिंग की अत्यधिक ट्रेनिंग ने उनके शरीर को थका दिया था, और उन्हें कई बार चिकित्सकों और फिजियोथेरेपिस्टों से इलाज करवाना पड़ा। उनके शरीर की समस्याओं में कंधे की चोट और हिप की समस्याएँ शामिल थीं। इन समस्याओं के बावजूद, चानू ने मेहनत जारी रखी और प्रशिक्षण में अपने शरीर की मरम्मत के लिए कई उपाय किए।
Paris Olympic 2024: फिजियोथेरेपी और मनोवैज्ञानिक संघर्ष
चानू और शर्मा ने चानू की चिकित्सा प्रक्रिया के दौरान विदेश यात्रा की और कई चिकित्सा विशेषज्ञों से सलाह ली। उनका पूरा ध्यान इस बात पर था कि चानू की फिटनेस में सुधार हो और वह एक सफल प्रदर्शन कर सकें। यह सभी प्रयास एक लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए थे, जो था ओलंपिक में 200 किलोग्राम से अधिक का वजन उठाना।
Paris Olympic 2024: आगे का मार्ग
हालांकि मीराबाई चानू को इस Olympic में पदक नहीं मिल सका, उनके प्रयास और कठिनाइयाँ सराहनीय हैं। उन्होंने अपनी कठिनाइयों को पार करते हुए, अपनी पूरी कोशिश की और एक मजबूत प्रदर्शन किया। उनके भविष्य की प्रतियोगिताओं में सफलता की उम्मीद है, और उनके इस कठिन यात्रा को देखने के बाद, हमें उनकी मेहनत और समर्पण की सराहना करनी चाहिए। Paris Olympic 2024 में चानू का प्रदर्शन एक प्रेरणा है, जो दर्शाता है कि कठिनाइयों का सामना करते हुए भी एक एथलीट अपनी पूरी क्षमता से प्रदर्शन कर सकता है।
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