Ramita Jindal:
भारत के लिए आज फिर शूटिंग्स में एक और मैडल जीतने का सुनहरा मौका है। भारत की 20 वर्षीया Ramita Jindal ने 10 m Air Rifle Olympics के फाइनल में प्रवेश कर लिया है। वे पिछले 20 साल ऐसा करने वाली पहली महिला है। इससे पहले उनकी कोच सुमा शिरूर एथेंस ओलंपिक्स में 10 मीटर एयर रिफल के फाइनल में पहुंची थी। उनके मैच का सीधा प्रसारण भारतीय समयानुसार 1 बजे दोपहर से देखा जा सकता है ।
20 वर्षीय Ramita Jindal ने पेरिस ओलंपिक 2024 में महिला 10 m Air Rifle Olympics के फाइनल में जगह बनाकर अपनी उत्कृष्ट प्रतिभा और दृढ़ संकल्प का परिचय दिया है। रविवार, 28 जुलाई को हुए क्वालिफिकेशन राउंड में उनके शानदार प्रदर्शन ने उन्हें 631.5 अंकों के साथ पांचवें स्थान पर पहुँचाया, जिससे वह भारतीय शूटिंग में एक नई उम्मीद बनकर उभरी हैं।
चुनौतियों के बीच एक आशाजनक शुरुआत
लडवा जिला, कुरुक्षेत्र की युवा शूटर Ramita Jindal ने 13 साल की उम्र में राइफल शूटिंग में अपने सफर की शुरुआत की। उन्होंने करन शूटिंग अकादमी, लडवा में प्रशिक्षण लेना शुरू किया, जबकि साथ ही आगरसैन पब्लिक स्कूल, कुरुक्षेत्र में अपनी पढ़ाई भी जारी रखी। शुरुआत में वह केवल 1 से 2 घंटे प्रतिदिन अभ्यास करती थीं, लेकिन जैसे-जैसे उनकी लगन और समर्पण बढ़ा, उनके अभ्यास के घंटे भी बढ़ते गए। उनका यह समर्पण अब रंग ला रहा है, क्योंकि वह अब ओलंपिक मैडल जीतने के कगार पर खड़ी हैं।
10 m Air Rifle Olympics क्वालिफिकेशन राउंड: दृढ़ता की कहानी
10 m Air Rifle Olympics क्वालिफिकेशन राउंड Ramita Jindal के लिए आसान नहीं था। उन्होंने धीमी शुरुआत की और शीर्ष 10 से बाहर हो गयीं। हालांकि, उनके दृढ़ संकल्प और फोकस ने एक शानदार वापसी की। जिंदल ने शीर्ष आठ में जगह बनाई और अंततः 631.5 अंकों के साथ पांचवें स्थान पर रहकर फाइनल के लिए क्वालिफाई किया। चुनौतियों से उबरने की उनकी क्षमता उनके मानसिक दृढ़ता और तकनीकी कुशलता को दर्शाती है।
प्रतिद्वंद्वी एलावेनिल वलारिवान से तुलना
जब Ramita Jindal शीर्ष पर पहुँच रही थीं, तब उनकी साथी एलावेनिल वलारिवान का भाग्य इसके विपरीत था। वलारिवान ने मजबूत शुरुआत की थी और क्वालिफिकेशन राउंड के अधिकांश समय में पांचवें स्थान पर रहीं, लेकिन अंततः 630.7 अंकों के साथ 10वें स्थान पर रहीं, और फाइनल में जगह बनाने से चूक गईं। वलारिवान का शुरुआती प्रदर्शन सराहनीय था, उन्होंने 10.6 और 10.7 के स्कोर से शुरुआत की, लेकिन वह अपनी गति बनाए नहीं रख सकीं, जबकि जिंदल ने निर्णायक समय पर आगे बढ़कर शीर्ष पर जगह बनाई।
पिछली असफलताओं से उबरना
10 m Air Rifle Olympics क्वालिफिकेशन राउंड में जिंदल की यह सफलता मिश्रित टीम इवेंट में निराशा के बाद आई है। वह और उनके साथी अर्जुन बाबुता 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित टीम इवेंट के क्वालिफिकेशन राउंड में छठे स्थान पर रहते हुए फाइनल में जगह नहीं बना सके थे। इस असफलता के बावजूद, जिंदल के दृढ़ संकल्प ने उनके ओलंपिक पदक की उम्मीदों को जिंदा रखा है।
Ramita Jindal की शूटिंग यात्रा
रामिता की शूटिंग की दुनिया में यात्रा कई उल्लेखनीय उपलब्धियों से भरी हुई है। शूटिंग के प्रति उनकी प्रारंभिक रुचि ने उन्हें करन शूटिंग अकादमी में शामिल कराकर करियर में बदल दिया। वर्षों के दौरान, उनके समर्पण और मेहनत ने उन्हें भारत के शीर्ष शूटरों में जगह दिलाई। उनकी कुछ प्रमुख उपलब्धियाँ हैं:
- एशियाई खेल (2022): टीम इवेंट में रजत पदक और व्यक्तिगत इवेंट में कांस्य पदक।
- जूनियर विश्व चैम्पियनशिप, काहिरा (2022): व्यक्तिगत और टीम इवेंट में दो स्वर्ण पदक।
- जूनियर विश्व चैम्पियनशिप, लीमा (2021): 10 मीटर एयर राइफल व्यक्तिगत इवेंट में कांस्य पदक।
- विश्व कप, बाकू (2022): 10 मीटर एयर राइफल महिला टीम इवेंट में स्वर्ण पदक।
- विश्व कप, चांगवोन (2022): 10 मीटर एयर राइफल महिला टीम इवेंट में रजत पदक।
अंतिम चुनौती: आगे की राह
जैसे-जैसे जिंदल महिला 10 मीटर एयर राइफल इवेंट के फाइनल के लिए तैयारी कर रही हैं, उनका अब तक का सफर कई युवा एथलीटों के लिए प्रेरणा है। क्वालिफिकेशन राउंड में उनकी धीमी शुरुआत और फिर मजबूत वापसी उनके दृढ़ संकल्प और प्रतिस्पर्धी भावना को दर्शाती है। उनकी क्वालिफिकेशन से, जिंदल ने न केवल अपने समर्थकों को खुशी दी है बल्कि देश की उम्मीदों को भी जीवित रखा है।
निष्कर्ष
10 m Air Rifle Olympics के फाइनल में रामिता जिंदल की यात्रा उनके समर्पण और कौशल का प्रमाण है। करन शूटिंग अकादमी में उनके प्रारंभिक दिनों से लेकर ओलंपिक फाइनल में जगह बनाने तक, जिंदल की कहानी कड़ी मेहनत, दृढ़ता और अटूट भावना की कहानी है।
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