10m Air Rifle Men: क्या Arjun Babuta दिलाएंगे भारत को पदक?

Arjun Babuta, 10m Air Rifle

भारत की पुरुष वर्ग में 10m Air Rifle Men में पदक की उम्मीदें जिन्दा हैं। पुरुषो में Arjun Babuta भारत का प्रतिनिधित्व अपने अपने वर्ग के फाइनल्स में करेंगे। इनका मैच आज भारतीय समयानुसार ३;३० बजे शाम से देखा जा सकेगा।

भारत के Arjun Babuta ने 10m Air Rifle Men के फाइनल में प्रवेश कर भारत की शूटिंग्स में एक और पदक की उम्मीद को बाँध दिया है। बबूटा ने 630.1 अंक प्राप्त कर के सातवा स्थान प्राप्त किया जबकि भारत के ही संदीप सिंह 629.3 अंको के साथ 12 वे स्थान पर रहे। शीर्ष आठ खिलाड़ियों ने ही फाइनल में प्रवेश किया इसलिए संदीप सिंह का सफर ख़तम हो गया है और पदक की उमीदें अब Arjun Babuta के प्रदर्शन से ही जुडी हैं।

10m Air Rifle Men: क्वालिफिकेशन राउंड में निरंतर प्रदर्शन

Arjun Babuta का फाइनल तक का सफर निरंतर और मजबूत प्रदर्शन से भरा हुआ था। उन्होंने 105.7, 104.9, 105.5, 105.4, 104.0 और 104.6 के स्कोर के साथ एक श्रृंखला शूट की, कुल मिलाकर 630.1 अंक हासिल किए। यह स्कोर फाइनल राउंड के लिए कटऑफ को पूरा करता था, जिससे उन्हें आगे बढ़ने और पदक के लिए प्रतिस्पर्धा करने का मौका मिला।

चुनौतियों और संकीर्ण चूकों को पार करना

सफल क्वालिफिकेशन से एक दिन पहले, अर्जुन और उनकी साथी रमिता जिंदल मिक्स्ड टीम इवेंट के फाइनल में जगह बनाने से थोड़ा चूक गए थे। यह जोड़ी क्वालिफिकेशन राउंड में छठे स्थान पर रही, फाइनल बर्थ से थोड़े अंतर से चूक गई। इस झटके के बावजूद, अर्जुन ने अपना ध्यान बनाए रखा और व्यक्तिगत इवेंट में शानदार प्रदर्शन किया।

Arjun Babuta: प्रारंभिक जीवन और शूटिंग में परिचय

Arjun Babuta पंजाब के जलालाबाद क्षेत्र के एक मध्यमवर्गीय परिवार से हैं, जो भारत-पाकिस्तान सीमा के पास एक छोटा गांव है। उनका परिवार बाद में चंडीगढ़ चला गया, जहां उनके पिता भारतीय रेलवे में काम करते थे। अर्जुन ने चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज से बीए ऑनर्स की पढ़ाई पूरी की।

शूटिंग में उनकी रुचि बिना ज्यादा जानकारी के शुरू हुई। अर्जुन और उनके पिता नीरज बाबूता ने भारतीय ओलंपिक शूटर अभिनव बिंद्रा से मार्गदर्शन मांगा। इससे 2013 में बिंद्रा के कोच कर्नल जे.एस. ढिल्लों से परिचय हुआ। ढिल्लों के मार्गदर्शन में, अर्जुन ने 10 मीटर एयर राइफल श्रेणी में प्रशिक्षण शुरू किया।

तेजी से प्रगति और उपलब्धियां

अर्जुन की मेहनत और समर्पण ने जल्दी ही परिणाम देना शुरू कर दिया। उन्होंने 2013 में चंडीगढ़ राज्य शूटिंग चैंपियनशिप में अपना पहला पदक जीता। उनका प्रदर्शन लगातार सुधारता रहा, जिससे उन्हें जूनियर स्तर पर कई पदक मिले। 2015 में, अर्जुन ने राष्ट्रीय शूटिंग टीम में जगह बनाई और राष्ट्रीय कोच दीपाली देशपांडे के तहत प्रशिक्षण लिया, शूटिंग में अपने कौशल को सुधारने के लिए रोज़ाना 10 घंटे का प्रशिक्षण लिया।

2016 में, उन्होंने जूनियर राष्ट्रीय राइफल शूटिंग टीम में जगह बनाई, जो अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए एक मंच बन गई। 2016 में चेक गणराज्य में एक शूटिंग इवेंट के दौरान, अर्जुन ने क्वालिफाइंग गेम में अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ स्कोर 632.4 अंक हासिल किया, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा।

स्वास्थ्य चुनौतियों को पार करना

हालांकि 2018 में पीठ दर्द और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा, अर्जुन ने घरेलू सर्किट में प्रतिस्पर्धा जारी रखी। उन्होंने खेलो इंडिया टूर्नामेंट में कांस्य पदक जीता। 2022 में उन्होंने विश्व प्रतियोगिताओं में लगातार पदक जीतते हुए एक मजबूत वापसी की।

अर्जुन बाबूता की प्रमुख उपलब्धियां

अर्जुन की यात्रा कई प्रशंसाओं से चिह्नित है:

  • एशियाई चैंपियनशिप, कोरिया (2023): 10 मीटर एयर राइफल व्यक्तिगत इवेंट में रजत पदक और देश के लिए ओलंपिक कोटा स्थान सुरक्षित।
  • विश्व चैंपियनशिप, काहिरा (2022): 10 मीटर एयर राइफल टीम इवेंट में स्वर्ण पदक।
  • आईएसएसएफ विश्व कप, चांगवोन (2022): व्यक्तिगत और पुरुष टीम इवेंट में दो स्वर्ण पदक।
  • विश्व विश्वविद्यालय खेल, चेंगदू (2021): 10 मीटर एयर राइफल व्यक्तिगत इवेंट में स्वर्ण पदक।

आगे की राह

अर्जुन बाबूता की  पेरिस ओलंपिक 2024 में पुरुषों की 10m Air Rifle Men इवेंट के फाइनल राउंड मौजूदगी, भारत-पाकिस्तान सीमा के पास एक छोटे से गांव से ओलंपिक के वैश्विक मंच तक उनकी यात्रा उनके कठिन परिश्रम, दृढ़ता और प्रतिभा का प्रमाण है। उनकी कहानी कई युवा एथलीटों के लिए प्रेरणा है और विश्व मंच पर भारतीय शूटरों की क्षमता को दर्शाती है।

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