Mohammed Shami के रोज़ा विवाद पर प्रतिक्रियाएं: कौन क्या कह रहा है?

Mohammed Shami

Mohammed Shami: भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के सेमीफाइनल मुकाबले के दौरान भारतीय क्रिकेटर मोहम्‍मद शमी द्वारा ऊर्जा ड्रिंक पीने को लेकर विवाद खड़ा हो गया। शमी को रमजान के महीने में उपवास न रखने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। हालांकि, इस विवाद के बीच कई लोगों ने शमी के पक्ष में अपनी आवाज उठाई है, जिनमें कांग्रेस नेता शामा मोहम्मद और महाराष्ट्र क्रिकेट संघ के अध्‍यक्ष रोहित पवार सहित अन्‍य लोग शामिल हैं।

मौलाना शाहीबुद्दीन रजवी बरेलीवी की आलोचना

शमी को इस मुद्दे पर सबसे पहली आलोचना मौलाना शाहीबुद्दीन रजवी बरेलीवी से मिली। उन्‍होंने वीडियो बयान में कहा, “इस्‍लाम में रोजा रखना एक कर्तव्‍य है। अगर कोई जानबूझकर उपवास छोड़ता है, तो वह गुनाहगार है। क्रिकेटर मोहम्‍मद शमी ने भी उपवास नहीं रखा है, वह गुनाहगार हैं।” उनके इस बयान ने धार्मिक नेताओं की प्रतिक्रिया को जागृत किया, जिनमें से कुछ ने शमी के इस निर्णय पर असंतोष व्यक्त किया।

रोहित पवार का शमी के पक्ष में समर्थन

महाराष्ट्र क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रोहित पवार ने Mohammed Shami का समर्थन करते हुए कहा, “Mohammed Shami ने देश को प्राथमिकता दी है, और इसे सम्‍मानित किया जाना चाहिए। हर किसी का शरीर अलग होता है। अगर शमी मैच के दौरान ऊर्जा ड्रिंक पी रहे हैं ताकि वह अच्‍छा प्रदर्शन कर सकें, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। चैंपियंस ट्रॉफी एक महत्‍वपूर्ण टूर्नामेंट है, और शमी की फिटनेस अहम है।”

पवार ने यह भी कहा, “Mohammed Shami इस्‍लाम का सम्‍मान करते हैं, लेकिन देश पहले आता है। हमें Shami के साथ खड़ा रहना चाहिए। चैंपियंस ट्रॉफी में शमी का प्रदर्शन महत्‍वपूर्ण है, और यदि शमी अपनी पूरी ताकत से नहीं खेलेंगे तो टीम को नुकसान हो सकता है।”

Mohammed Shami के कोच का बयान

शमी के बचपन के कोच ने भी शमी का समर्थन किया। उन्‍होंने कहा, “जो कुछ भी शमी ने किया, वह बिलकुल सही था। इन बातों पर ध्‍यान देने की जरूरत नहीं है। उसे अब फाइनल मैच पर फोकस करना चाहिए और इन सब बातों को भूलना चाहिए। वह देश के लिए खेल रहा है, और निजी मसलों को बाद में निपटाया जा सकता है।”

Mohammed Shami के कज़िन मुमताज़ का बयान

Mohammed Shami के कज़िन मुमताज़ ने भी शमी के पक्ष में अपनी बात रखी। उन्‍होंने कहा, “वह देश के लिए खेल रहे हैं। कई पाकिस्‍तानी खिलाड़ी भी रमजान के दौरान रोजा नहीं रखते हुए मैच खेलते हैं, तो इसमें कुछ नया नहीं है। यह शर्मनाक है कि इस बारे में बातें की जा रही हैं। हम शमी से कहेंगे कि वह इन बातों पर ध्‍यान न दें और 9 मार्च को होने वाले मैच के लिए तैयार रहें।”

शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्‍बास की प्रतिक्रिया

शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्‍बास ने बरेली के मौलाना की आलोचना की। उन्‍होंने कहा, “बरेली के मौलाना का बयान केवल सस्‍ती पब्लिसिटी के लिए था। जहां विवशता हो, वहां धर्म नहीं है, और जहां धर्म है, वहां विवशता नहीं होती।”

उनका कहना था कि रमजान के दौरान उपवास न रखना किसी का व्यक्तिगत मसला है और इससे किसी समुदाय या धर्म को जोड़ने की कोई जरूरत नहीं है। “रोजा रखने में कोई मजबूरी नहीं होनी चाहिए,” उन्‍होंने कहा।

शामा मोहम्मद का शमी के पक्ष में बयान

कांग्रेस नेता शामा मोहम्मद ने भी शमी का समर्थन किया। उन्‍होंने कहा, “इस्‍लाम में एक बहुत अहम बात है कि जब हम यात्रा कर रहे होते हैं तो हमें रोजा नहीं रखना पड़ता। Mohammed Shami यात्रा कर रहे हैं और वह एक खेल खेल रहे हैं, जहां उन्‍हें प्‍यास लग सकती है। कोई भी यह नहीं कहता कि जब आप खेल रहे हैं तो आपको रोजा रखना ही पड़ेगा। इस्‍लाम में आपके कर्म ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण हैं।”

इस विवाद ने यह साफ कर दिया है कि एक तरफ जहां शमी का व्यक्तिगत निर्णय है, वहीं दूसरी ओर देश और टीम के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को लेकर उन्‍हें समर्थन भी मिल रहा है। शमी के साथ खड़े लोग मानते हैं कि उन्‍होंने खेल में अपनी टीम और देश की प्राथमिकता दी है, और इस मामले में धार्मिक प्रतिबद्धताओं को एक व्यक्तिगत मुद्दा मानते हुए उन्‍हें आलोचना नहीं करना चाहिए।

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