ICC Champions Trophy: सूत्रों के अनुसार, भारत के पाकिस्तान यात्रा करने की संभावना बहुत कम है। पाकिस्तान को Champions Trophy 2025 की मेज़बानी का अधिकार मिला है, लेकिन भारत के मैचों को हाइब्रिड मॉडल में खेला जाएगा। इसके तहत कुछ मैच यूएई या श्रीलंका में हो सकते हैं।
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ICC Champions Trophy: हाइब्रिड मॉडल का निर्णय
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) को एक ड्राफ्ट शेड्यूल सौंपा है, जिसमें भारत के मैच लाहौर में खेलने की योजना थी। हालांकि, BCCI ने अभी तक आधिकारिक रूप से यात्रा के संबंध में कोई पुष्टि नहीं की है। “यह बहुत ही संदेहास्पद है कि टीम चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान का दौरा करेगी। इस स्थिति में, हाइब्रिड मॉडल पर काम किया जा रहा है,” एक सूत्र ने कहा।
ICC Champions Trophy: पाकिस्तान की तैयारियां
PCB ने अपने स्टेडियमों को अपग्रेड करने के लिए लगभग 17 अरब रुपये आवंटित किए हैं। इस अपग्रेडेशन में कराची, लाहौर और रावलपिंडी के स्टेडियम शामिल हैं।
ICC Champions Trophy: राजनीतिक स्थिति का प्रभाव
भारत ने 2008 के बाद से पाकिस्तान में कोई द्विपक्षीय क्रिकेट नहीं खेला है। अंतिम द्विपक्षीय सीरीज 2012-13 सीजन में भारत में खेली गई थी। इसके बाद से, दोनों देशों के बीच मैच केवल आईसीसी टूर्नामेंट और एशिया कप में होते रहे हैं।
ICC Champions Trophy: हाइब्रिड मॉडल का इतिहास
पिछले साल, भारत ने एशिया कप में पाकिस्तान की यात्रा करने से मना कर दिया था और टूर्नामेंट हाइब्रिड मॉडल में आयोजित किया गया था। भारत ने अपने मैच श्रीलंका में खेले थे और टूर्नामेंट जीता था।
ICC Champions Trophy का महत्व
Champions Trophy 2017 में पाकिस्तान ने भारत को हराकर जीत हासिल की थी। 2025 में पाकिस्तान में आयोजित होने वाली यह ट्रॉफी 2017 के बाद पहली बार आयोजित हो रही है।
सरकार का निर्णय अंतिम
BCCI उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा, “हम सरकार के निर्णय के अनुसार ही कार्य करेंगे। यदि सरकार हमें अनुमति देती है तो ही हम पाकिस्तान जाएंगे।”
आगे की राह
पाकिस्तान की मेज़बानी में Champions Trophy का आयोजन भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों के लिए रोमांचक रहेगा। हालांकि, राजनीतिक तनाव के चलते यह देखना बाकी है कि अंतिम निर्णय क्या होता है। आईसीसी बोर्ड की बैठक में इस मुद्दे पर और चर्चा की जाएगी।
Champions Trophy 2025 के आयोजन को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण राजनीतिक स्थिति ने एक बार फिर क्रिकेट के मैदान पर असर डाला है। हाइब्रिड मॉडल के जरिए टूर्नामेंट को सफलतापूर्वक आयोजित करने की योजना बनाई जा रही है, जिससे दोनों देशों के बीच मैच देखने को मिल सके। यह देखना बाकी है कि आईसीसी और संबंधित क्रिकेट बोर्ड्स कैसे इस चुनौती का सामना करते हैं और एक संतुलित समाधान निकालते हैं।
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