Reason for BJP’s defeat in UP: चुनाव के एक महीने बाद उत्तर प्रदेश बीजेपी ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को चुनाव में प्रदर्शन को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है जिसमें हार के कारणों की जानकारी दी गई है।
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Reason for BJP’s defeat in UP
लोकसभा चुनाव 2024 ख़त्म हुए एक महीने से ज्यादा हो चूका है, तीसरी बार मोदी जी देश के प्रधानमंत्री बने है. लेकिन चुनाव में इस बार बीजेपी का उत्तर प्रदेश में उतना खास प्रदर्शन रहा नहीं, जिससे बीजेपी को उत्तर प्रदेश में काफी नुकसान उठान पड़ा है. करीब-करीब 50 सीटों का बीजेपी को पुरे देश में नुकसान हुआ है, सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में हुआ जिससे पार्टी को इस पर सोचने को मजबूर होना पड़ा. अब एक महीने बाद उत्तर प्रदेश बीजेपी ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को चुनाव में प्रदर्शन को लेकर एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी है जिसमें हार के कारणों की जानकारी दी गई है। इसमें पेपर लीक, सरकारी नौकरियों के लिए संविदा कर्मियों की नियुक्ति और राज्य प्रशासन की कथित मनमानी जैसी चिंताओं का विशेष वर्णन किया है।
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Reason for BJP’s defeat in UP: उत्तरप्रदेश लोकसभा चुनावी परिणाम
उत्तरप्रदेश लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन ने राज्य की 80 में से 43 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जिसमे सिर्फ समाजवादी ने ही 37 सीटों पर जीत हाशिल की,वहीं बीजेपी के नेतत्व वाले एनडीए के हिस्से में केवल 36 सीटें आई हैं। एनडीए ने 2019 के चुनाव में 64 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस हार के बाद उत्तर प्रदेश बीजेपी ने 15 पेज की एक विस्तृत रिपोर्ट पार्टी नेतृत्व को भेजी है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी के प्रदर्शन का आकलन करने के लिए करीब 40 हजार लोगों की राय ली गई। इस दौरान अयोध्या और अमेठी जैसे प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया।
Reason for BJP’s defeat in UP: जाने उत्तरप्रदेश मे बीजेपी के हार के विस्तार मे
उत्तरप्रदेश लोकसभा मे बीजेपी के हार के प्रमुख कारण
उत्तर प्रदेश बीजेपी की रिपोर्ट में पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए कई बुनियादी कारणों की पहचान की गई है। इनमें कथित प्रशासनिक मनमानी, कार्यकर्ताओं के बीच असंतोष, बार-बार पेपर लीक और सरकारी पदों पर संविदा कर्मियों की नियुक्ति तथा संविधान बचाव शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि संविदा पर होने वाली नियुक्तियों ने विपक्ष की ओर आरक्षण को लेकर खड़े किए गए नैरेटिव को और बल दिया।
1. प्रशासनिक मनमानी और कार्यकर्ताओं का असंतोष
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “विधायक के पास कोई पॉवर नहीं है। जिलाधिकारी और दूसरे अधिकारी शासन कर रहे हैं। इससे हमारे कार्यकर्ता अपमानित महसूस कर रहे हैं।” आरएसएस के साथ बीजेपी के संबंधों को मजबूत बताते हुए उन्होंने कहा कि अधिकारी पार्टी कार्यकर्ताओं की जगह नहीं ले सकते।
2. पेपर लीक की समस्या
बीजेपी के एक अन्य नेता का कहना था कि राज्य में पिछले तीन सालों में हुए करीब 15 पेपर लीक से विपक्ष को बल मिला कि सालो से कर रहे तैयारी विद्यार्थियों के सपनो पर पानी फेर गया और हवा फैली की बीजेपी आरक्षण खत्म करना चाहती है। इसके अलावा, सरकारी नौकरियां संविदा कर्मियों से भरी जा रही हैं, जिससे विपक्ष के भ्रामक नैरेटिव को बल मिला।
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Reason for BJP’s defeat in UP: क्या हैं सोशल इंजीनियरिंग का असर
इस रिपोर्ट में ओबीसी की प्रमुख जातियों कुर्मी और मौर्य-कुशवाहा समुदायों से मिले कम समर्थन और दलित वोटों में आई कमी का हवाला दिया गया है। साथ ही मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के कम होते वोट शेयर और कुछ क्षेत्रों में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन को भी स्वीकार किया गया है।साथ ही साथ अखिलेश यादव की सोशल इंजीनियरिंग काम कर गयी,बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के नेतृत्व में 1990 के दशक में लोध समुदाय के समर्थन का दावा किया था, लेकिन 2014 के बाद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ओबीसी के बीच बीजेपी का समर्थन बढ़ा है।
Reason for BJP’s defeat in UP: कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के प्रयास
पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा, “2014, 2017, 2019 और 2022 की जीत की लय को कमजोर नहीं किया जाना चाहिए। वरिष्ठ नेताओं को इसमें हस्तक्षेप करने और मार्गदर्शन देने की जरूरत है। प्रदेश को केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों का पालन करने के महत्व को समझना चाहिए।” रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुर्मी और कोइरी इस बार बीजेपी से दूर हुए हैं और पार्टी को दलितों का केवल एक तिहाई वोट मिला, देखा जाये तो समाजवादी और कांग्रेस ने बेहतरीन प्रदर्शन किये।
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Reason for BJP’s defeat in UP: बीजेपी चुनाव प्रचार की थकन
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि टिकट में तेजी की वजह से पार्टी का अभियान जल्दी चरम पर पहुंच गया। इसके चलते छठा और सातवां चरण आते-आते कार्यकर्ता थक चुके थे। आरक्षण के खिलाफ पार्टी नेताओं के बयानों ने पार्टी का जनाधार कम किया।
Reason for BJP’s defeat in UP: गोरखपुर में कम प्रदर्शन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में बीजेपी 13 में से केवल छह सीटें ही जीत पाई। वहीं अवध (लखनऊ, अयोध्या, फैजाबाद) में उसे 16 में से केवल सात सीटें ही मिलीं। कानपुर-बुंदेलखंड में भी अधिक सीटें नहीं जीत पाई।
Reason for BJP’s defeat in UP: भविष्य की रणनीति
बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य के नेताओं को आपसी मतभेद सुलझाने और 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर ध्यान लगाने को कहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता मतदाताओं से जुड़ने और नुकसान को कम करने के लिए प्रदेशव्यापी दौरा करेंगे। हाल ही में बीजेपी की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) की प्रमुख और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राज्य सरकार की नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का कोटा भरने में देरी की ओर इशारा किया था।
उत्तर प्रदेश बीजेपी की हार के पीछे कई कारणों की पहचान की गई है, जिनमें प्रशासनिक मनमानी, पेपर लीक की समस्या, संविदा कर्मियों की नियुक्ति, और कार्यकर्ताओं के बीच असंतोष प्रमुख हैं। पार्टी को अब इन मुद्दों पर ध्यान देना होगा और अपनी रणनीति में सुधार करना होगा ताकि आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन किया जा सके।