NCERT Removes Preamble: इस वर्ष, नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने कक्षा III और कक्षा VI की कई पाठ्यपुस्तकों से संविधान की प्रस्तावना को हटा दिया है। यह बदलाव मुख्य शैक्षिक विषयों की पाठ्यपुस्तकों में किया गया है, जिसमें भाषाएँ और पर्यावरण अध्ययन (EVS) शामिल हैं।
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ToggleNCERT Removes Preamble: पाठ्यपुस्तकों में प्रस्तावना की कमी
एनसीईआरटी ने 2005 से 2008 के बीच प्रकाशित पाठ्यपुस्तकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत संशोधित किया है। इस साल के संशोधनों में कक्षा 3 और 6 के लिए नई पाठ्यपुस्तकें शामिल हैं, जो नवीनतम राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचे को दर्शाती हैं। नई संशोधित संस्करणों में, प्रस्तावना केवल विज्ञान की किताब ‘Curiosity’ और हिंदी की किताब ‘Malhar’ में ही दिखाई देती है। एनसीईआरटी ने तीन EVS किताबों को संकलित करके एक किताब ‘Exploring Society: India and Beyond’ बनाई है, जिसमें प्रस्तावना शामिल नहीं है लेकिन मौलिक अधिकार और कर्तव्यों को शामिल किया गया है। नई गणित की पाठ्यपुस्तक अभी उपलब्ध नहीं है।
NCERT Removes Preamble: भाषा और संस्कृत की पाठ्यपुस्तकें
NCERT Removes Preamble: नई अंग्रेजी पाठ्यपुस्तक ‘पूर्वी ‘ में राष्ट्रीय गान शामिल है, जबकि संस्कृत की किताब ‘Deepakam’ में राष्ट्रीय गान और राष्ट्रीय गीत शामिल हैं, लेकिन प्रस्तावना को हटा दिया गया है। पुरानी संस्कृत की किताब ‘रुचिरा ‘ में भी प्रस्तावना नहीं थी।
कक्षा 3 के लिए, हिंदी, अंग्रेजी, गणित, या नई ‘World Around Us’ (जो EVS की जगह लेती है) की पाठ्यपुस्तकों में प्रस्तावना शामिल नहीं है। पुरानी EVS किताब ‘Looking Around’ और हिंदी की किताब ‘रिमझिम 3’ में प्रस्तावना थी।
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NCERT Removes Preamble: समाज की प्रतिक्रिया
मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के मुताबिक स्टिफेंस कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय की पूर्व संकाय सदस्य नंदिता नारायण ने कहा कि प्रस्तावना संविधान का संक्षिप्त रूप है और राष्ट्रीय गान, राष्ट्रीय गीत, या मौलिक अधिकार और कर्तव्य इसे बदल नहीं सकते। नारायण ने कहा, “एनसीईआरटी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि कई पाठ्यपुस्तकों से प्रस्तावना को क्यों हटाया गया है। मुझे नहीं लगता कि यह एक संयोग है।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार प्रस्तावना से डरती है, जो संविधान के मूल मूल्यों जैसे स्वतंत्रता, समानता और भ्रातृत्व को समेटे हुए है। “इस सरकार ने संविधान के मूल्यों के खिलाफ कदम उठाए हैं। इसलिए, उन्होंने इतनी सारी किताबों से प्रस्तावना हटा दी है,” नारायण ने कहा।

NCERT Removes Preamble: एनसीईआरटी की प्रतिक्रिया
टेलीग्राफ ने 20 जुलाई को एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी को ईमेल भेजा था ताकि पाठ्यपुस्तकों से प्रस्तावना को हटाने के निर्णय पर एनसीईआरटी की राय जानी जा सके। उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।
इस खबर से शिक्षा जगत और समाज के विभिन्न वर्गों में चिंता और चर्चा शुरू हो गई है। प्रस्तावना की अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े किए हैं, और इसके पीछे के कारणों को लेकर विभिन्न दृष्टिकोण सामने आ रहे हैं।
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