Nagpur Blast में घायलों की मौत का सिलसिला जारी है। दूसरी तरफ पुलिस ने हादसे के जिम्मेदार लोगो को पकड़ा लेकिन उन्हें त्वरित बेल मिल गयी। सरकार ने मौतों पर दुःख जताया है लेकिन सवाल है क्या दुःख जताना या आर्थिक मदद काफी हैं? जान के नुक्सान की भरपाई कैसे होगी ? कब तक सरकारें नियम कानूनों की धज्जियाँ उड़ाने वालो को सजा देने के बजाए सिर्फ संवेदनाएं ही प्रकट करती रहेंगी ?
Nagpur Blast: दुर्घटना का संक्षिप्त विवरण
नागपुर जिले के धमना गांव में स्थित एक विस्फोटक कारख़ाने में एक दुर्भाग्यपूर्ण विस्फोट में अब तक आठ जिंदगियों खो चुकी हैं । पहले यह संख्या पांच थी लेकिन घायलों की मौत अभी भी जारी है। घटना गुरुवार को दोपहर 1 बजे करीब चमुंडी एक्सप्लोसिव्स प्रा. लि. में हुई, जो नागपुर शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित है। पहले तो पांच लोगों की मृत्यु हुई थी, लेकिन बाद में और तीन और श्रमिक अपनी चोटों से हार कर स्वर्ग सिधार गए।
पीड़ितों की पहचान
Nagpur Blast मृतकों में छह महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं , जो विस्फोट के समय मुख्य रूप से कारख़ाने की पैकेजिंग इकाई में काम कर रहे थे।श्रद्धा वनराज पाटिल (22), जिनका नागपुर शहर में इलाज किया जा रहा था, उनकी चोटों से मौत हो गयी। यह जानकारी डॉ. पिनाक डांडे, डांडे हॉस्पिटल के निदेशक ने पीटीआई को दी । दूसरे घायल श्रमिक प्रमोद चावरे का इलाज़ चल रहा है। विस्फोट के समय कर्मचारियों के फैक्ट्री में मौजूद होने के कारन व्यापक नुक्सान हुआ है। ९ घायलों को तुरंत पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया जहाँ उनका इलाज़ चल रहा है।
कानूनी कार्रवाई और प्रतिक्रिया
स्थानीय अधिकारी ने त्वरित कार्रवाई की, और कारख़ाने के निदेशक जय शिवशंकर खेमका (49) और प्रबंधक सागर देशमुख को उद्यम और सुरक्षा उल्लंघन से जुड़े आरोपों में गिरफ्तार किया। उन्हें हिंगना के न्यायिक मजिस्ट्रेट फर्स्ट क्लास के सामने पेश किया गया और प्रत्येक को 50,000 रुपये की जमानत भी मिल गयी। उनके खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धाराओं 286, 304(a) और 338 के तहत मामला दर्ज किया गया। यह त्वरित जमानत एवं न्याय मिलने में होने वाली देरी ही इस तरह की लापरवाही का कारण हैं।
सरकारी प्रतिक्रिया
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने Nagpur Blast स्थल पर दौरा किया और सुनिश्चित किया कि प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करने के लिए उचित उपाय अब लिए जा रहे हैं। उन्होंने घोषित किया कि कारख़ाने की प्रबंधन ने प्रत्येक मृतक के परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का आश्वासन दिया है, जबकि राज्य सरकार प्रत्येक पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता प्रदान करेगी।
जांच और सुरक्षा के उपाय
जांच जारी है जिससे भविष्य में ऐसी हादसों को रोका जा सके। Nagpur Blast के बाद उद्योगिक स्थलों में सुरक्षा प्रोटोकॉल्स के लिए मांग की जा रही है, ताकि उनमें सुरक्षित तरीके से काम किया जा सके। लेकिन ये मांग मानी जाएंगी या नहीं, समय बताएगा।
Nagpur Blast: अन्य घटना
Nagpur Blast से मिलती जुलती एक और घटना में जिले के डोंबिवली में एक बंद केमिकल फैक्टरी में आग लग गई, जिससे महाराष्ट्र में औद्योगिक सुरक्षा प्रोटोकॉल्स पर चिंताएं और बढ़ गयी हैं । इस घटना में किसी के हताहत होने की खबरें नहीं हैं ।
Nagpur Blast के पश्चात् यह विशेष स्थिति स्पष्ट करती है कि औद्योगिक कार्यो में कड़ी सुरक्षा उपायों और नियामक पर्यवेक्षण की आवश्यकता कितनी महत्वपूर्ण है। इससे वहां काम करने वाले कर्मचारियों की जीवन और भलाई की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
जांच के साथ साथ समुदाय Nagpur Blast में मारे गए लोगो के शौक़ से शोकाकुल है और भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं से बचाव के उपायों की प्रतीक्षा कर रहा है।