Mohan Bhagwat: मोहन भागवत ने चुनाव प्रचार पर उठाए सवाल, मणिपुर में शांति स्थापित कर ने की अपील

Mohan Bhagwat

Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने हाल ही में संपन्न हुए चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों के आचरण पर कड़ी आलोचना की। महाराष्ट्र के नागपुर में एक आरएसएस कार्यकर्ता विकास कक्षा के समापन समारोह में बोलते हुए, भागवत ने चुनावों में मर्यादा और गरिमा बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष को विरोधी नहीं, बल्कि एक आवश्यक हिस्सा समझा जाना चाहिए, जिसकी राय सुनी जानी चाहिए।

Mohan Bhagwat: सेवक का अधिकार

भागवत ने अपने भाषण में कहा, “जो कर्म करता है, लेकिन कर्म में लिप्त नहीं होता, उसमें अहंकार नहीं आता, वही सेवक कहलाने का अधिकारी रखता है।” उनका यह बयान swayamsevaks के लिए एक उपदेश जैसा था। उन्होंने कहा कि विविधता को स्वीकारें, साथ मिलकर रहें और दूसरों का भी सम्मान करें।

Mohan Bhagwat: चुनाव प्रचार में असत्य का प्रयोग

भागवत ने चुनाव प्रचार के दौरान “आधुनिक तकनीक” का उपयोग करके फैलाए गए “असत्य” की मात्रा पर भी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों के प्रचार ने “सामाजिक तनाव और संदेह” को बढ़ा दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि मणिपुर में शांति स्थापित करना अत्यंत आवश्यक है, जो पिछले 10 वर्षों से शांतिपूर्ण था, लेकिन हाल ही में फिर से हिंसा का शिकार हो गया है।

Mohan Bhagwat: मणिपुर में शांति की अपील

मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष पर भागवत ने कहा, “राज्य को शांति के लिए इंतजार करते हुए एक साल हो गया है। पिछले 10 वर्षों में राज्य शांतिपूर्ण रहा था, लेकिन अचानक, गन कल्चर फिर से बढ़ गया है। इस संघर्ष को प्राथमिकता के आधार पर हल करना महत्वपूर्ण है।”

Mohan Bhagwat: चुनाव परिणाम और सरकार

चुनाव परिणामों पर बोलते हुए, भागवत ने कहा कि चुनाव परिणाम आ चुके हैं और एक सरकार बन चुकी है, इसलिए इस पर अनावश्यक बातें करने से बचा जाना चाहिए। उन्होंने सरकार और विपक्ष के बीच सहमति की आवश्यकता पर भी जोर दिया ताकि जनता के लिए काम किया जा सके।

Mohan Bhagwat: समाज में परिवर्तन

भागवत ने बताया कि कैसे समाज में बदलाव हो रहा है और इसके परिणामस्वरूप प्रणाली में परिवर्तन हो रहा है। उन्होंने कहा, “चुनाव सहमति बनाने की प्रक्रिया है। संसद में दो पक्ष होते हैं ताकि किसी भी प्रश्न के दोनों पहलू प्रस्तुत किए जा सकें।”

Mohan Bhagwat: आरएसएस को अनावश्यक रूप से घसीटा गया

भागवत ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान लोग एक-दूसरे की निंदा करते हैं, तकनीक का दुरुपयोग करते हैं और फर्जी खबरें फैलाते हैं, यह सही नहीं है। “हमें चुनावी उन्माद से छुटकारा पाना होगा और देश के सामने आने वाली समस्याओं के बारे में सोचना होगा।” उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस को भी अनावश्यक रूप से इसमें घसीटा गया।

भागवत ने यह भी बताया कि समाज में कई बाहरी विचार आए हैं, लेकिन उन्हें छोड़ देना चाहिए। “हमें अपने ही समाज में हो रहे अन्याय का सामना करना होगा। हमें अपने घर से बदलाव की शुरुआत करनी होगी।”

इस प्रकार, मोहन भागवत ने अपने भाषण में चुनाव प्रचार में मर्यादा बनाए रखने, मणिपुर में शांति स्थापित करने और समाज में व्याप्त समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

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