Manipur CM: मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने इस्तीफे अफवाहों की बात को खारिज किया

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Manipur CM: मणिपुर में लंबे समय से चल रहे जातीय संघर्षों के बीच नेतृत्व परिवर्तन की अफवाहें जोरों पर हैं। इन अफवाहों के बीच मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने स्वीकार किया कि उनकी पार्टी के कुछ विधायक और सहयोगी दल दिल्ली में हैं, लेकिन उनका यह दौरा उनके इस्तीफे से संबंधित नहीं है।

Manipur CM: मुख्यमंत्री का स्पष्टीकरण

मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने कहा कि उनके कुछ विधायकों ने उनके इस्तीफे की बात को खारिज किया है। उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ विधायक और उनके सहयोगी दल, जैसे कि नागा पीपल्स फ्रंट (एनपीएफ), नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) और जेडीयू, दिल्ली में हैं, लेकिन यह दौरा उनके पद से जुड़ा नहीं है।

Manipur CM: इस्तीफे की अफवाहें और विरोध

कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, भाजपा और उसके सहयोगी दलों के एक वर्ग ने मुख्यमंत्री बिरेन सिंह को इस्तीफा देने के लिए दबाव बनाया है। यह प्रयास 2017 में बिरेन सिंह के सत्ता में आने के बाद से ही चल रहे हैं, लेकिन पिछले साल मई में शुरू हुए जातीय संघर्ष के बाद से इनमें तेजी आई है। हालांकि, अब तक इन प्रयासों का कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है।

Manipur CM: विधानसभा सीटों का समीकरण

मुख्यमंत्री ने बताया कि एनडीए सहयोगियों के साथ हाल ही में हुई बैठक में मणिपुर में स्थायी शांति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया गया। इस बैठक में करीब 35 विधायक मौजूद थे और उन्होंने प्रधानमंत्री से मिलने का समय लेने का काम बिरेन सिंह को सौंपा।

Manipur CM: प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मुलाकात

बिरेन सिंह ने कहा, “हमने प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ शिष्टाचार मुलाकात करने पर चर्चा की थी। विधायकों ने मुझे नियुक्ति लेने का जिम्मा सौंपा, लेकिन संसद सत्र के चलते मैं परेशान नहीं करना चाहता था। कुछ लोग पहले ही चले गए हैं, लेकिन इसका इस्तीफे से कोई लेना-देना नहीं है।”

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Manipur CM: भाजपा की चुनावी हार

हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा ने मणिपुर की दोनों सीटें कांग्रेस के हाथों गंवा दीं। विपक्ष ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है और इसे भाजपा के ‘अभी बार 400 पार’ अभियान की विफलता के रूप में पेश किया है।

Manipur CM: मणिपुर में स्थिति

मणिपुर में पिछले साल जून में जब हिंसा चरम पर थी, तब मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने लगभग इस्तीफा दे दिया था। एक मंत्री ने दावा किया कि बिरेन सिंह ने इस्तीफा देने के लिए राज्यपाल के घर की ओर प्रस्थान किया था, लेकिन इम्फाल में उनके आवास के बाहर सैकड़ों महिलाओं की मानव श्रृंखला ने उन्हें रोक दिया।

विपक्ष ने इस पूरी घटना को एक सोची-समझी नाटक करार दिया था। जातीय हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और 50,000 लोग विस्थापित हो चुके हैं।

मुख्यमंत्री बिरेन सिंह ने स्पष्ट किया है कि दिल्ली में विधायकों की मौजूदगी का उनके इस्तीफे से कोई संबंध नहीं है। मणिपुर में शांति के लिए प्रयास जारी हैं और प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की प्राथमिकता सूची में मणिपुर की समस्याओं को शामिल करने के लिए उन्होंने आभार व्यक्त किया है। विपक्ष इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाता रहा है, खासकर भाजपा की हालिया चुनावी हार के बाद।

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