INDIA Gathbandhan: क्या उत्तर प्रदेश उपचुनावों में टूट जाएगा INDIA Gathbandhan?

INDIA Gathbandhan

INDIA Gathbandhan: क्या अखिलेश यादव और राहुल गांधी की दोस्ती के बीच में आएगी राजनीती? क्या उत्तर प्रदेश में टूट जाएगा INDIA Gathbandhan?

 

उत्तर प्रदेश में आगामी उपचुनाव केवल एक क्षेत्रीय राजनीतिक लड़ाई नहीं है, बल्कि यह विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ की एक बड़ी परीक्षा है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने बिना कांग्रेस से सलाह किए हुए छह सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी, जिससे दोनों पार्टियों के बीच सीट-बंटवारे को लेकर तनाव की स्थिति पैदा हो गई है। कांग्रेस की भूमिका और प्रभाव पर सवाल उठने लगे हैं, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में, जहां सपा के फैसले ने गठबंधन की स्थिरता पर गंभीर संदेह पैदा कर दिए हैं।

 

हरियाणा में हाल ही में हुए चुनावों में कांग्रेस की हार ने उसकी स्थिति और कमजोर कर दी है। 1989 के बाद से कांग्रेस ने अक्सर गठबंधन की राजनीति पर भरोसा किया है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां मजबूत क्षेत्रीय दल हावी होते हैं। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का यह रणनीति अब कमजोर होती नजर आ रही है, क्योंकि सपा ने कांग्रेस को किनारे कर दिया है और सीट-बंटवारे पर निर्णय खुद से किए हैं। सपा के नेता बार बार इस बात पर जोर दे रहे हैं कि सीट बंटवारे में अंतिम निर्णय अखिलेश यादव का होगा।  इस बात से यह संकेत मिलता है कि राहुल गाँधी की सीट बंटवारे में ज्यादा नहीं चलेगी।
यह स्थिति हरियाणा में कांग्रेस की हार के बाद और भी मुखर हो गयी है इसमें कोई दो राय नहीं हैं।
सपा ने कांग्रेस से पूछा था कि उन्हें कितनी और कौन कौन सी सीट्स चाहिए।
कांग्रेस ने सपा से पांच सीटों—मंझवां, फूलपुर, खैर, गाज़ियाबाद और मीरापुर—पर चुनाव लड़ने की मांग की थी।  लेकिन हरियाणा चुनाव के रिजल्ट के बाद लेकिन सपा ने इस मांग को अनदेखा कर दिया और अपनी तरफ से सीटों का बंटवारा कर लिया। सपा ने 6 सीटों पर अपने उमीदवारो कि घोषणा कर दी है।  और खबरों के अनुसार कांग्रेस को सिर्फ दो सीटों का ऑफर दिया गया है :खैर और गाज़ियाबाद सदर। इन दोनों सीटों पर बीजेपी जीती थी।  खैर सीट पर नंबर २ रही बसपा उमीदवार को कांग्रेस ने अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है। लेकिन यह प्रस्ताव कांग्रेस की अपेक्षाओं से काफी कम है, जिससे पार्टी के भीतर नाराजगी पैदा हो गई है। मंझवा सीट तो कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अजय रॉय अपने बेटे के लिए चाहते थे लेकिन सपा ने वो सीट भी कांग्रेस को नहीं दी।  खबर हैं कि अखिलेश ने वह सीट पहले ही बीजेपी के पूर्व नेता बाँध के परिवार के लिए सोची हुई थी।  मीरपुर पर सपा-RLD के गठबंधन के चलते RLD का कैंडिडेट जीता था।  अब सपा को वह सीट भी अपने लिए चाहिए।

 

सपा के इस निर्णय के बाद दोनों ही तरफ से बयानबाजी का दौर जारी है।  एक तरफ जहाँ कांग्रेस के लोग संभल कर बोल रहे हैं वहीँ दूसरी तरफ सपा नेता कांग्रेस के ऊपर तंज कसने का कोई मौका नहीं जाने दे रहे। सपा के इस कदम के बाद, कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि सपा ने पार्टी को विश्वास में नहीं लिया। फिर भी, पांडे ने उम्मीद जताई कि दोनों दलों के बीच गठबंधन बनेगा और वे साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने भी विश्वास जताया कि दोनों दलों के बीच गठबंधन होगा और उन्होंने पार्टी के ‘संविधान बचाओ’ अभियान को जारी रखने की बात कही।

 

दूसरी ओर, सपा के प्रवक्ता अमीक जमीई ने कांग्रेस की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की हालिया हार आंतरिक संघर्ष और अतिआत्मविश्वास का नतीजा है। जमीई ने कहा, “अगर कांग्रेस ने अखिलेश यादव को अपनी रैलियों में बुलाया होता और उनके साथ मिलकर अभियान चलाया होता, तो परिणाम शायद अलग हो सकते थे।”

 

सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने साफ कर दिया है कि सीटों के बंटवारे का अंतिम निर्णय सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा ही किया जाएगा।
हालांकि कांग्रेस के अंदर कुछ नेता ऐसे भी हैं जिनका कहना हैं कि कांग्रेस कि इन दो सीटों में ही संतोष कर लेना चाहिए।  कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी को इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए और सपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ना चाहिए, भले ही पार्टी को केवल दो सीटें ही मिलें। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी कदम उठाने से पहले कांग्रेस को आत्ममंथन करना चाहिए कि क्या उनके पास इतनी ताकत है उस सीट पर कि वे बीजेपी कि ताकत से लड़ सकें।

 

सपा द्वारा घोषित किए गए प्रमुख उम्मीदवारों में तेज प्रताप यादव करहल सीट से चुनाव लड़ेंगे, जिसे अखिलेश यादव ने संसद चुनाव जीतने के बाद खाली किया था। अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में नसीम सोलंकी, मुस्तफा सिद्दीकी, अजीत प्रसाद, शोभावती वर्मा और डॉ. ज्योति बिंद शामिल हैं।

Odisha Crime News: एक महिला ने अपने सौतेले बेटे की आंख पर पट्टी और पीठ पर पत्‍थर बांधकर कुंए में फेंक दिया, बच्चे की हुई मौत

Chennai-Bengaluru Rains: North-East Monsoon ने दक्षिण भारत को किया जलमग्न, जनजीवन बाधित

IND vs NZ: बारिश के बाद बेंगलुरु टेस्ट का पहला दिन: भारत की दुर्दशा:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *