सैम पित्रोदा ने सोमवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को Hack करने की संभावना पर चल रही बहस में शामिल होते हुए कहा कि ईवीएम में हेराफेरी की जा सकती है। उन्होंने कहा, “मैंने इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकॉम, आईटी, सॉफ्टवेयर, जटिल सिस्टम और बहुत कुछ के क्षेत्र में लगभग 60 साल बिताए हैं। मैंने ईवीएम सिस्टम का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया है और मेरा मानना है कि इसमें हेराफेरी संभव है।
EVM Hack को लेकर छिड़ी है सियासी बहस
जब से एलोन मस्क ने कहा की EVM AI से Hack किया जा सकता है, उसके बाद से भारत में EVM Hack को लेकर चर्चा हर तरफ चल रहा है. इस राहुल गाँधी और अखिलेश यादव ने भी सवाल उठाये है, जिसमे बाद अब सैम पित्रोदा भी इस बहस में कूद गए. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा की “मैंने इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकॉम, आईटी, सॉफ्टवेयर, जटिल सिस्टम और बहुत कुछ के क्षेत्र में लगभग 60 साल बिताए हैं. मैंने ईवीएम सिस्टम का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया है और मेरा मानना है कि इसमें हेराफेरी संभव है.
सैम पित्रोदा से पहले एलोन मस्क ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की थी, जिसमे उन्होंने कहा की इसमें मनुष्यों या एआई द्वारा इवीएम को Hack किया जा सकता है. इसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने टेस्ला के सीईओ की चिंताओं को दोहराया और चेतावनी दी कि जब संस्थानों में जवाबदेही की कमी होती है, तो लोकतंत्र केवल दिखावा बनकर रह जाता है, जो थोखाधड़ी वाली गतिविधियों के लिए अतिसंवेदनशील होता है.
राहुल गाँधी ने एक अन्य पोस्ट में या भी कहा की राहुल गांधी ने कहा कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) एक “ब्लैक बॉक्स” है, जिसकी जांच करने की किसी को इजाजत नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत की चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर “गंभीर चिंताएं” जताई जा रही हैं।
कौन है सैम पित्रोदा ?
आकर पित्रोदा ने देश की टेली कम्युनिकेशन सिस्टम को मॉडर्न बनाने के बारे में सोचा और इसकी शुरूआत की. उन्हें भारत में सूचना क्रांति का जनक माना जाता है. साल 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के निमंत्रण पर उन्होंने टेलीकॉम के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए सी-डॉट यानी ‘सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलिमैटिक्स’ की स्थापना की थी.
पित्रोदा की क्षमता से राजीव गांधी बेहद प्रभावित हुए. जिसके बाद उन्होंने पित्रोदा को डोमेस्टिक और फॉरेन टेलीकॉम पॉलिसी पर काम करने को कहा. सैम पित्रोदा गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाते हैं. राजीव गांधी की वजह से ही पित्रोदा की राजनीति में एंट्री हुई. इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के बाद उनका रिश्ता राहुल गांधी से भी बेहद खास रहा. यहां तक कि पित्रोदा को राहुल गांधी का राजनीतिक गुरु भी माना जाता है.