EVM Hack: एक वरिष्ठ चुनाव अधिकारी ने मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा चुनाव के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) हैकिंग के हालिया आरोपों को खारिज कर दिया है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब मिड-डे समाचार पत्र में एक रिपोर्ट आई जिसमें दावा किया गया था कि शिवसेना के विजयी उम्मीदवार रविंद्र वायकर के रिश्तेदार ने वोटों की गिनती के दौरान ईवीएम को अनलॉक करने के लिए एक मोबाइल फोन का उपयोग किया था।
मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र की रिटर्निंग ऑफिसर वंदना सूर्यवंशी ने इन दावों का जोरदार खंडन किया।
रविवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, “ईवीएम एक स्टैंडअलोन सिस्टम है जिसे अनलॉक करने के लिए किसी ओटीपी की आवश्यकता नहीं होती है। यह गैर-प्रोग्रामेबल है और इसमें वायरलेस संचार की कोई क्षमता नहीं है। यह रिपोर्ट पूरी तरह से झूठ है जो एक समाचार पत्र द्वारा फैलाई जा रही है और कुछ नेता इसका उपयोग झूठी कहानी बनाने के लिए कर रहे हैं।”
मिड-डे समाचार पत्र के खिलाफ कानूनी कार्रवाई
सूर्यवंशी ने यह भी घोषणा की कि मिड-डे समाचार पत्र को भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 505 के तहत मानहानि और झूठी खबर फैलाने के लिए नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ईवीएम को किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ से बचाने के लिए उन्नत तकनीकी सुविधाओं और मजबूत प्रशासनिक सुरक्षा उपायों के साथ डिजाइन किया गया है। उन्होंने कहा, “सुरक्षा उपायों में उम्मीदवारों या उनके एजेंटों की उपस्थिति में सभी प्रक्रियाओं का संचालन शामिल है।”
पुलिस जांच
EVM Hack: पोलिंग कर्मी दिनेश गुरव की शिकायत के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। वायकर के बहनोई मंगेश पंडिलकर को 4 जून को गिनती केंद्र पर मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए पाया गया था, जो कि क्षेत्र में ऐसे उपकरणों के उपयोग पर प्रतिबंध का उल्लंघन है। मोबाइल फोन को कॉल रिकॉर्ड की जांच और यह निर्धारित करने के लिए फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया है कि क्या इसका उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए किया गया था।
विपक्ष की प्रतिक्रियाएँ
EVM Hack: आरोपों ने विपक्षी नेताओं से तीखी प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत की चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर अपने संदेह को दोहराते हुए ईवीएम को “काला डिब्बा” बताया जो जवाबदेही की कमी के कारण जनता के विश्वास को ठेस पहुँचाता है। शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस घटना को “उच्चतम स्तर पर धोखाधड़ी” करार दिया और चुनाव आयोग की इस मामले को संभालने के तरीके की आलोचना की।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की प्रतिक्रिया
EVM Hack: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता का बचाव करते हुए आरोपों के पीछे की मंशा पर सवाल उठाया। शिंदे ने पूछा, “राज्य में केवल मुंबई उत्तर पश्चिम क्षेत्र के नतीजे पर ही सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं, किसी अन्य परिणाम पर नहीं? क्या इसका कारण यह है कि मेरा उम्मीदवार, वायकर, जीत गया और उनका उम्मीदवार हार गया?”
तकनीकी स्पष्टीकरण
सूर्यवंशी ने स्पष्ट किया कि ईवीएम को काम करने के लिए ओटीपी की आवश्यकता नहीं है और वे वायरलेस संचार में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट सिस्टम (ईटीपीबीएस) की गिनती भौतिक पेपर बैलट का उपयोग करके की जाती है, न कि इलेक्ट्रॉनिक रूप से। उन्होंने कहा, “मतों की गिनती के दौरान चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित सभी प्रोटोकॉल का पालन किया गया, जिसमें मतदान और गिनती एजेंट उपस्थित थे।”
EVM Hack निष्कर्ष
जांच और फॉरेंसिक विश्लेषण से आरोपों पर अधिक प्रकाश डाला जाएगा। इस बीच, चुनाव आयोग ने चुनावी प्रक्रिया में उपयोग की जाने वाली ईवीएम की सुरक्षा और विश्वसनीयता पर अपना विश्वास दोहराया है। इस विवाद ने चुनावी प्रणाली में जनता के विश्वास को बनाए रखने के लिए निरंतर सतर्कता और पारदर्शिता की आवश्यकता को उजागर किया है।