Delhi CM Arvind Kejriwal द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा ने राजधानी के राजनीतिक परिदृश्य में एक नई हलचल पैदा कर दी है। केजरीवाल, जो आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख हैं, ने कहा है कि वह भ्रष्टाचार के आरोपों से बरी होने के बाद ही दोबारा इस पद पर लौटेंगे। इस अचानक आए मोड़ ने एक महत्वपूर्ण सवाल खड़ा कर दिया है—कौन बनेगा अगला Delhi CM?
हालांकि, नए Delhi CM का कार्यकाल छोटा हो सकता है। उम्मीद है यह कार्यकाल संभवतः 2025 की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों तक सीमित रहेगा लेकिन फिर भी यह फैसला महत्वपूर्ण है। आम आदमी पार्टी को एक ऐसे नेता का चयन करना होगा जो पार्टी की नीतियों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर सके और जिसकी स्वीकार्यता पार्टी में अच्छी खासी हो और वह दिल्ली के जटिल राजनीतिक परिदृश्य को समझ सके। आइए जानते हैं, वो प्रमुख चेहरे जो अगले Delhi CM बन सकते हैं:
अतिशी
अतिशी मार्लेना, जिन्हें आमतौर पर केवल अतिशी के नाम से जाना जाता है, आज AAP के सबसे प्रमुख चेहरों में से एक हैं। वह पार्टी के शिक्षा सुधारों की प्रमुख नेता रही हैं और उनके काम की काफी सराहना हुई है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की स्नातक और रोड्स स्कॉलर अतिशी के पास अच्छा दृष्टिकोण है क्योंकि उन्होंने दुनिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ प्रशासनों को देखा है।
वर्तमान में आतिशी शिक्षा, PWD और वित्त जैसे महत्वपूर्ण विभागों की मंत्री हैं। अतिशी कैबिनेट का हिस्सा मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद बनीं। उनकी प्रशासनिक क्षमता और कई विभागों को प्रभावी ढंग से संभालने की योग्यता उन्हें Delhi CM पद की इस दौड़ का सबस प्रबल दावेदार बनाती है। इसके अलावा वह एक मजबूत वक्ता हैं और उनके इस गुण ने उन्हें AAP के भीतर एक प्रभावशाली आवाज़ बना दिया है। 15 अगस्त को अरविंद केजरीवाल ने उन्हें दिल्ली सरकार के स्वतंत्रता दिवस समारोह में तिरंगा फहराने के लिए चुना था हालांकि दिल्ली के उपराज्यपाल ने इस योजना को विफल कर दिया।

सौरभ भारद्वाज
एक और मजबूत Delhi CM उम्मीदवार सौरभ भारद्वाज हैं, जो ग्रेटर कैलाश निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार विधायक चुने जा चुके हैं। सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में अपने करियर की शुरुआत करने वाले भारद्वाज, वर्तमान में दिल्ली सरकार में सतर्कता और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विभागों का नेतृत्व कर रहे हैं। उनका 2013-2014 के दौरान अरविंद केजरीवाल की 49 दिनों की सरकार में मंत्री के रूप में अनुभव भी उनके पक्ष में जाता है।
सौरभ भारद्वाज AAP के राष्ट्रीय प्रवक्ताओं में से एक हैं, और जब पार्टी के शीर्ष नेता कानूनी मामलों में उलझे हुए थे, तब उन्होंने पार्टी के दृष्टिकोण को जनता तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वास्थ्य और शासन से संबंधित दिल्ली की समस्याओं की उनकी गहरी समझ उन्हें इस छोटे कार्यकाल के लिए एक उपयुक्त उम्मीदवार बनाती है।
राघव चड्ढा
AAP के सबसे युवा और ऊर्जावान नेताओं में से एक, राघव चड्ढा भी Delhi CM के लिए एक संभावित विकल्प हो सकते हैं। 35 साल की उम्र में, चड्ढा पहले ही राज्यसभा सांसद के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं और AAP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं। चार्टर्ड अकाउंटेंट होने के नाते, चड्ढा AAP के शुरुआती दिनों से पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं और 2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों में पार्टी की शानदार जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। चड्ढा की काम उम्र, अनुभव और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा उन्हें AAP के भविष्य के लिए एक मजबूत चेहरा बना सकती है।
संजय सिंह
संजय सिंह, राज्यसभा सांसद और AAP के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। इनके भी Delhi CM पद के लिए दौड़ में शामिल होने की संभावनाएं हैं। संसद में उनके जोशीले भाषण और दिल्ली के प्रशासन से जुड़े मुद्दों पर उनकी मुखरता ने उन्हें पार्टी के भीतर और बाहर दोनों जगह प्रशंसा दिलाई है। हालांकि, दिल्ली शराब नीति मामले में उनकी हालिया गिरफ्तारी और जमानत पर रिहाई उनकी Delhi CM पद के लिए उम्मीदवारी को विवादास्पद बना सकती है। फिर भी, संजय सिंह की गहरी राजनीतिक समझ और पार्टी के लिए उनकी रणनीतिक भूमिका उन्हें एक संभावित उम्मीदवार के रूप में बनाए रखती है।
सुनिता केजरीवाल
Delhi CM पद के लिए एक अनोखी पसंद सुनिता केजरीवाल हो सकती हैं जो अरविंद केजरीवाल की पत्नी हैं। एक पूर्व भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी के रूप में, सुनिता केजरीवाल ने AAP के अभियान में सक्रिय भूमिका निभाई है। हालांकि वह वर्तमान में पार्टी की सदस्य नहीं हैं लेकिन उनका प्रशासनिक अनुभव और जनता के प्रति समझ उन्हें एक संभावित उम्मीदवार बना सकते हैं। हालांकि, सुनिता केजरीवाल की उम्मीदवारी के रास्ते में कई चुनौतियां हैं। उन्हें पहले पार्टी में शामिल होना होगा, चुनाव लड़ना होगा, और परिवारवाद के आरोपों का सामना करना पड़ेगा, जिसका AAP लंबे समय से विरोध करती रही है।
अरविंद केजरीवाल का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा AAP और दिल्ली की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। चाहे पार्टी आतिशी को चुनती है या युवा नेता राघव चड्ढा को, यह निर्णय न केवल दिल्ली की अगली सरकार को प्रभावित करेगा, बल्कि AAP के राष्ट्रीय स्तर पर भविष्य की दिशा भी तय करेगा। इस समय AAP को एक ऐसे नेता की आवश्यकता है, जो न केवल पार्टी की नीतियों को जारी रख सके, बल्कि 2025 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों में भी अहम भूमिका निभा सके।
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