कुवैत में एक दुखद घटना में, मंगाफ शहर में एक छह मंजिले इमारत में भीषण आग लग गई, जिसमें कम से कम 49 प्रवासी श्रमिकों की जानें गई, जिनमें से 45 भारतीय थे। पीड़ितों में से अधिकांश भारतीय अलग-अलग राज्यों से थे जैसे कि केरल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, बिहार, पंजाब, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, झारखंड और हरियाणा।
मृतकों की अस्थियां भारत में तकाफी तेज़ी के साथ भेज दी गयी हैं क्योंकि काफी पीड़ितों की बुरी तरह जल जाने के कारण पहचान मुशिकल हो गयी थी। भारतीय वायुसेना का विशेष विमान, सी-130J सुपर हर्क्यूल्स, कोची अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर शुक्रवार की सुबह मृतकों के अवशेष ले कर लैंड हुआ। इस शोकाकुल वापसी के दौरान केंद्रीय और राज्य मंत्रियों ने श्रद्धांजलि और संवेदनाएँ दी। श्रद्धांजलि देने वालो में केरल के मुख्यमंत्री पिणारायी विजयन भी शामिल थे, जो मृतकों का सम्मान करने के लिए उपस्थित थे।
विदेश मामले मंत्री के रूप में कार्यरत Kirti Vardhan Singh ने कुवैत में प्रयास किये व सुनिश्चित किया कि चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ की जाएं। उन्होंने त्वरित पहचान के लिए कुवैती प्राधिकारियों के साथ कोआर्डिनेट किया, जिससे प्रमाण पत्रों और प्रक्रियाओं का शीघ्र समापन हो सका।

भारत में, प्रधानमंत्री मोदी ने प्रत्येक मृतक भारतीय नागरिक के परिजनों को पीएम राहत कोष से ₹ 2 लाख की अनुग्रह राशि की घोषणा की। इसके अलावा, विभिन्न राज्य सरकारें, साथ ही लुलू ग्रुप जैसे निजी संस्थान ने भी दुखी परिवारों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। इस हादसे ने पूरे देश में शोक है और सुरक्षा के मामलों में नये सुरक्षा उपाय की मांग की है।
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