Congress letter to LS Speaker: कांग्रेस ने गुरुवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने सदन में तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक बयान दिए हैं। कथित बयानों में कांग्रेस द्वारा किए गए चुनावी वादे, 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने और प्रधानमंत्री द्वारा एक भी छुट्टी न लेने का दावा शामिल है।
कांग्रेस सांसद माणिकम टैगोर, जिन्होंने पत्र लिखा, ने इन असत्यताओं को संबोधित करने के लिए दिशा-निर्देश 115(1) के प्रावधानों को लागू करने का अनुरोध किया। दिशा-निर्देश 115(1) के तहत, कोई भी सांसद जो किसी अन्य सांसद के बयान में किसी असत्यता को उजागर करना चाहता है, उसे सदन में इस मुद्दे को उठाने से पहले स्पीकर को लिखना चाहिए। टैगोर ने बिड़ला से भ्रामक बयानों के संबंध में आवश्यक कार्यवाही शुरू करने और उचित कार्रवाई करने का आह्वान किया।
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पत्र के मुख्य बिंदु
महिलाओं के लिए चुनावी वादा: टैगोर ने बताया कि पीएम मोदी ने अपने भाषण में दावा किया कि कांग्रेस ने महिलाओं को 8,500 रुपये प्रति माह का झूठा वादा किया था। टैगोर ने स्पष्ट किया कि यह वादा कांग्रेस की जीत और सरकार के गठन पर आधारित था।
कांग्रेस का वोट शेयर: पत्र में मोदी के उस दावे को चुनौती दी गई जिसमें कहा गया था कि 16 राज्यों में जहां कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ा, उसका वोट शेयर घट गया है। टैगोर ने कहा, “यह तथ्यात्मक रूप से गलत है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, कर्नाटक, तेलंगाना आदि में कांग्रेस का वोट शेयर बढ़ा है।”
सेना के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट: टैगोर ने मोदी के उस बयान को “बहुत भ्रामक” बताया जिसमें कहा गया था कि कांग्रेस के समय में सेना के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं दिए गए थे। उन्होंने स्पष्ट किया, “जैकेट की कमी थी, यह नहीं कि जैकेट नहीं थे। यहां तक कि मुंबई हमलों में पुलिस के पास भी बुलेटप्रूफ जैकेट थे।”
लड़ाकू विमान: टैगोर ने प्रधानमंत्री के उस दावे को भी खारिज किया कि कांग्रेस ने सेना को लड़ाकू विमान नहीं दिए। उन्होंने पत्र में कहा, “हमारे पास जैगुआर, मिग 29, एसयू-30, मिराज 2000 थे।”
अनुराग ठाकुर के बयान
Congress letter to LS Speaker: टैगोर ने लोकसभा में ठाकुर के 1 जुलाई के भाषण में भी असत्यताएं उजागर कीं। ठाकुर ने दावा किया था कि जब कांग्रेस देश पर शासन कर रही थी तब सेना को हथियार और लड़ाकू विमान नहीं दिए गए थे। टैगोर ने इसका खंडन करते हुए कहा, “हमारे पास जैगुआर, मिग 29, एसयू-30, मिराज 2000 थे। हमारे पास परमाणु बम, अग्नि, पृथ्वी, आकाश, नाग, त्रिशूल और बाद में ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें थीं।”
Congress letter to LS Speaker: अन्य दावे
Congress letter to LS Speaker: कांग्रेस ने ठाकुर के उस दावे में भी “तथ्यात्मक असत्यता” की ओर इशारा किया कि 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया। इसके अलावा, पार्टी ने ठाकुर के इस बयान को भी चुनौती दी कि प्रधानमंत्री ने एक भी छुट्टी नहीं ली है, यह पूछते हुए, “चुनाव अभियानों के लिए किस श्रेणी की छुट्टी ली जाती है?”
निष्कर्ष और कार्रवाई की मांग
Congress letter to LS Speaker: टैगोर के पत्र का निष्कर्ष प्रधानमंत्री मोदी और ठाकुर के भ्रामक बयानों के लिए उचित कार्रवाई की मांग के साथ समाप्त होता है। उन्होंने संसदीय कार्यवाही में सटीकता के महत्व और सांसदों के सत्य को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।
दिशा-निर्देश 115(1) और इसके प्रभाव
Congress letter to LS Speaker: दिशा-निर्देश 115(1) एक प्रक्रियात्मक नियम है जिसके तहत कोई भी सांसद जो किसी अन्य सांसद के बयान में किसी असत्यता को उजागर करना चाहता है, उसे सदन में इस मुद्दे को उठाने से पहले स्पीकर को लिखना चाहिए। इस निर्देश का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी तथ्यात्मक विसंगति को औपचारिक और सटीक रूप से संबोधित किया जाए। टैगोर द्वारा इस निर्देश का आह्वान संसदीय संवाद की अखंडता बनाए रखने की कांग्रेस की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
राजनीतिक संदर्भ
Congress letter to LS Speaker: यह कदम कांग्रेस द्वारा देश में बढ़ते राजनीतिक तनाव के समय उठाया गया है। वरिष्ठ भाजपा नेताओं के बयानों में कथित असत्यताओं ने विपक्ष को सत्तारूढ़ पार्टी के कथानक को चुनौती देने का अवसर दिया है। इन मुद्दों को औपचारिक रूप से संबोधित करके, कांग्रेस सरकार को जवाबदेह ठहराने और यह सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखती है कि संसदीय बहस सत्यापित तथ्यों पर आधारित हो।
भविष्य के प्रभाव
Congress letter to LS Speaker: इस शिकायत का परिणाम भविष्य में संसदीय बयानों में असत्यताओं को कैसे संभाला जाता है, इस पर एक मिसाल कायम कर सकता है। यदि स्पीकर टैगोर के पत्र के आधार पर कार्रवाई करने का निर्णय लेते हैं, तो इससे सांसदों द्वारा किए गए बयानों की सख्त जांच हो सकती है, जिससे निर्वाचित प्रतिनिधियों की जवाबदेही बढ़ेगी।
निष्कर्षतः, लोकसभा अध्यक्ष को कांग्रेस का पत्र भारत में चल रहे राजनीतिक संवाद में एक महत्वपूर्ण कदम को चिह्नित करता है। पीएम मोदी और अनुराग ठाकुर द्वारा दिए गए कथित असत्य बयानों को संबोधित करके, पार्टी संसदीय कार्यवाही की अखंडता को बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखती है कि निर्वाचित अधिकारियों द्वारा दिए गए सार्वजनिक बयान तथ्यात्मक रूप से सही हों।