Budget 2024-25: क्या मिला Agriculture को

Budget 2024-25

सरकार का Budget 2024-25 आज संसद में पेश हो गया। सभी क्षेत्रो के साथ साथ Agriculture क्षेत्र में भी सरकार कि तरफ से काफी घोषणाएं इस बजट में की गयी हैं।

 पृष्ठभूमि:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में Budget 2024-25 पेश किया। इस Budget 2024-25 में Agriculture पर भी ध्यान दिया गया है और वित्त मंत्री ने संसद को बताया की सरकार ने 1.52 लाख करोड़ रूपये कृषि एवं सहायक क्षेत्रो के लिए रखे हैं। उस से पहले निर्मला सीतारमण ने एलान किया की बजट की नौ प्राथमिकताएं होंगी और आगे के बजट इन प्राथमिकताओं के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए बनाये जाएंगे और साथ ही समय के अनुसार नयी प्राथमिकताएं जोड़ी जाएंगी। वित्तमंत्री के अनुसार ये नौ प्राथमिकताएं निम्नलिखित हैं:

Agriculture में उत्पादकता और लचीलापैन

रोजगार और स्किलिंग

समावेशी मानव संसाधन विकास और सामजिक न्याय

विनिर्माण और सेवाएँ

शहरी विकास

ऊर्जा सुरक्षा

आधारभूत संरचना

नवप्रवर्तन अनुसंधान एवं विकास

अगली पीढ़ी के सुधार

इस लेख में हम बात करेंगे पहली प्राथमिकता, कृषि क्षेत्र में उत्पादकता और लचीलेपन पर।

Agriculture शोध:

वित्त मंत्री के अनुसार कृषि क्षेत्र में उत्पादकता और लचीलापन लाने के लिए Budget 2024-25 में कुछ स्पेसिफिक एक्शन्स भी जोड़े गए हैं जो इस क्षेत्र में बदलाव लाने की क्षमता रखते हैं। इन कदमो में पहला कदम है कृषि क्षेत्र में शोध को ट्रांसफॉर्म करना। वित्त मंत्री ने कहा की कृषि शोध का फोकस फसलों की जलवायु प्रतिरोधक नस्ले विकसित करने और उत्पादकता बढ़ाने पर होगा। उन्होंने कहा की निजी और सरकारी एक्सपर्ट्स इन शोध को सुपरवाइज़ करेंगे। वित्त मंत्री ने बताया कि 32 हॉर्टिकल्चर और फील्ड क्रॉप्स जैसे कपास, चावल, सोयाबीन की नयी 109 उच्च उत्पादकता वाली जलवायु प्रतिरोधी वेरायटीज किसानो को बोने के लिए रिलीज़ की जाएंगी।

नेचुरल फार्मिंग:

सरकार अब नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा देगी। इसके लिए संपूर्ण भारत से अगले 2 सालो में 1 करोड़ किसानो को नेचुरल फार्मिंग में दाखिल किया जाएगा। इसका सर्टिफिकेट उन्हें दिया जाएगा। यह योजना इच्छुक ग्राम पंचायतो और वैज्ञानिक संस्थानों की मदद से शुरू की जायेगी। प्राकृतिक खेती की ओर बदलाव का उद्देश्य टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना और रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर निर्भरता को कम करना है। प्राकृतिक खेती किसानों के लिए खेती की लागत को कम करते हुए मिट्टी के स्वास्थ्य और जैव विविधता को बढ़ाती है, जिससे उनकी लाभप्रदता बढ़ती है।

दाल और तिलहन में अनमनिर्भरता:

सरकार सरसो, मूंगफली, सोयाबीन, तिल और सूरजमुखी के तेलों के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता चाहती है एवं इसके लिए स्ट्रेटेजी बनाई जा रही है। इसके अतिरिक्त, तिलहन के उत्पादन, भंडारण और विपणन को मजबूत करने के लिए 10,000 आवश्यकता-आधारित जैव-इनपुट केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

सब्जी उत्पादन एवं सप्लाई:

सरकार सब्जियों के उत्पादन और उनकी सप्लाई चैन को दुरुस्त करने करने के लिए बड़े कंसम्पशन केन्द्रो के पास सब्जी उगाने के क्लस्टर्स विकसित करेगी। उत्पादन को बढ़ावा देने और देश भर में सब्जियों की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इन समूहों को रणनीतिक रूप से स्थापित किया जाएगा। विभिन्न समूहों को सब्जी एकत्र करने के केंद्र एवं स्टोरेज हाउसेस बनाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

डिजिटलाइज़ेशन:

वित्त मंत्री ने आगे घोषणा की कि सरकार राज्य सरकारों के साथ साझेदारी में डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देगी। यह डिजिटल ढांचा किसानों को मौसम पूर्वानुमान, फसल सलाहकार सेवाएं और बाजार कीमतों जैसी महत्वपूर्ण जानकारी तक पहुंच प्रदान करेगा। ”उन्होंने घोषणा की कि इस वर्ष, लगभग 400 जिलों में डीपीआई का उपयोग करके खरीफ फसलों के लिए एक डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा। 5 राज्यों में किसानों को जनसमर्थ-आधारित किसान क्रेडिट कार्ड भी जारी किए जाएंगे।

श्रिम्प फार्मिंग

श्रिम्प के उत्पादन एवं निर्यात पर सरकार जोर देगी। नाबार्ड के द्वारा श्रिम्प के फार्मिंग, निर्यात, और मार्केटिंग के लिए वित्त सहायता दी जायेगी। साथ ही सरकार ने श्रिम्प पर कस्टम ड्यूटी को ५% तक घटाया है।

साथ ही कोआपरेटिव सेक्टर के उत्थान के लिए एक नेशनल कोऑपरेशन पालिसी कि घोषणा होगी।

इस Budget 2024-25 में सरकार ने किसानो कि आय दोगुनी करने के विचार से किसानो के लिए योजनाए एवं धन का आवंटन किया है। देखना है कि ये योजनाएं कितनी परवान चढ़ती हैं।

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