Bhupindar Singh Hudda भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के एक राजनीतिज्ञ हैं। उनको चाहने वाले उन्हें भूमि पुत्र के नाम से भी पुकारते है।उन्होंने मार्च 2005 से अक्टूबर 2014 तक हरियाणा के 9वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया और लगातार 2 बार मुख्यमंत्री और 4 बार सांसद रहे।
Bhupindar Singh Hudda का जन्म और पारिवारिक पृष्ठभूमि:
Bhupindar Singh Hudda का जन्म 15 सितंबर 1947 को हरियाणा के रोहतक जिले का संघी ग्राम में हुआ था। उनके पिता का नाम चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा और माता का नाम हरदेवी हुड्डा था । वैसे तो Bhupindar Singh Hudda को राजनीति विरासत में मिली है क्योंकि उनके दादा चौधरी मातुराम हुड्डा सक्रिय राजनीति की भूमिका में थे। जो एक महान समाज सुधारक, शिक्षाविद्, राजनीतिज्ञ और आर्य समाजी थे।
आर्य समाज और स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी होने के कारण मातू राम को ब्रिटिश सरकार ने एक बार सजा के तौर पर काला पानी भेजने का फैसला किया। लेकिन इनके प्रति जनता के आक्रोश को देख इस कार्रवाई को वापस ले लिया था। जब सरदार अजीत सिंह जो भगत सिंह संधू के चाचा रोहतक आए और वो चौ. मातू राम के साथ रहे।
1885 में मुंबई में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की जब स्थापना हुए उसके बाद रोहतक में पहला सम्मेलन 12 अक्टूबर 1888 को हुआ जिसमें पांच प्रमुख नेता शामिल थे उसमें पहला नाम चौधरी मातू राम का था जो रोहतक कांग्रेस के संस्थापक बने। उस समय वह मात्र 23 वर्ष के थे। फिर उसके बाद उनके पिता जो हरियाणा के एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, सांसद और प्रशासक थे।
उन्होंने गरीब , पिछड़े लोगों और किसानों के हित में आवाज़ उठायी थी। जिसके लिए वो कई बार जेल भी गए। उन्होंने लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा में भी सांसद के रूप में कार्य किये । उनके नाम सात अलग-अलग सदनों के सदस्य बने रहने का राष्ट्रीय रिकॉर्ड है और जो लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में दर्ज है।
1952 में पहली बार लोकसभा चुनाव हुए। रणबीर रोहतक से जीतकर लोकसभा पहुंचे। 1957 में वे दूसरी बार रोहतक से चुने गए। इसके बाद 1962 में वे संयुक्त पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए।
Bhupindar Singh Hudda का परिवार:
भूपेंद्र सिंह हुड्डा की शादी 15 अक्टूबर 1976 को आशा दहिया के साथ हुई थी। उनके दो बच्चे है एक बेटा जिसका का नाम दीपेंद्र सिंह हुड्डा और एक बेटी जिसका का नाम अंजलि हुड्डा है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी राजनीतिज्ञ है उन्होंने 2005 में राजनीति में प्रवेश किया जिसमें ये सबसे कम उम्र के सांसद थे। वैसे इस साल हुए लोकसभा चुनाव में दीपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस से तीसरी बार सांसद बनाये गए हैं। दीपेंद्र की इस सफलता के पीछे उनके पिता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा उनकी पत्नी का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है।
दीपेंद्र की पत्नी श्वेता मिर्धा ने अमेरिका से एमबीए किया है और वह राजस्थान के दिग्गज जाट नेता और 5 बार सांसद रहे नाथूराम मिर्धा की पोती हैं। नाथूराम मिर्धा राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र से एक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनेता , स्वतंत्रता सेनानी , समाज सुधारक और लोकप्रिय किसान नेता थे। वे 1971 से 1997 के बीच छह बार नागौर से पूर्व लोकसभा सांसद हैं और वो राजस्थान विधानसभा में विधायक रह चुके हैं। श्वेता राजनीति से दूर रहीं।
हालांकि उनकी बहन ज्योति मिर्धा राजस्थान की नागौर सीट से सांसद थी। 20 फरवरी, 2010 को दीपेंद्र और श्वेता की शादी हुई थी। हालांकि ये दीपेंद्र की दूसरी शादी थी। श्वेता से पहले उनकी शादी गीता ग्रेवाल से हुई थी जिनके साथ 2005 में ही उनका तलाक हो गया था। श्वेता ने अमेरिका से अपनी पढ़ाई करने के बाद कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में भी काम किया । इनमें इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन, इंडिया बुल्स और रॉबर्ट हाफ इंटरनेशनल जैसी कंपनियां शामिल हैं।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा की शिक्षा और राजनितिक करियर
भूपेंद्र सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय से बी.ए. किया। उसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित विधि संकाय से कानून की पढ़ाई की ।उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत युवा कांग्रेस से की ।
Bhupindar Singh Hudda 1991, 1996, 1998, 2004 में लगातार चार बार लोकसभा के सदस्य बने और इसके साथ ही वह साल 2002-2004 तक हरियाणा विधानसभा में लीडर ऑफ अपोजिशन भी रह चुके हैं। वर्ष 1996 से 2001 तक वह हरियाणा कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद पर भी अपना कार्य कर चुके हैं। हुड्डा ने 1991, 1996 और 1998 में लगातार तीन बार हुए चुनावों में रोहतक के जाट गढ़ में जो चुनावी मुकाबला हुआ उसमें उन्होंने हरियाणा के पूर्व सीएम और पूर्व उप प्रधानमंत्री रहे चौधरी देवीलाल को हरा कर जीत हासिल की।
इससे अलग हुड्डा ने घोषणा की कि हरियाणा का जो भी खिलाडी ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेगा उसको 11-11 लाख रुपये दिए जाएंगे। और दूसरी तरफ कि ओलंपिक में भाग लेने वाले पदक विजेताओं के लिए इनामी राशि बढ़ाई गई ताकि खिलाड़ी इससे प्रोत्साहित हो सकें। उन्होंने कहा कि हरियाणा की ओर से ओलंपिक खेलों में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को ढाई करोड़, डेढ़ करोड़ और एक करोड़ रुपये दिए जाएंगे। एशियाई और राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को दो-दो लाख रुपये दिए जाएंगे।
Bhupindar Singh Hudda पर लगे आरोप:
घोटाले के मामले में हुड्डा के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं जिनमें सीबीआई इनके कई घोटालों के मामले की जांच कर रही है, जो ज्यादातर अवैध जमीन हड़पने से संबंधित हैं जो कि उनकी सरकार के समय हरियाणा में हुए थे।
इन जांचों में गुरुग्राम-मानेसर आईएमटी भूमि घोटाला इस घोटाले में पहले ही चार्जशीट किया जा चुका था जबकि और बाकी घोटालों में जाँच अभी जारी हैं, डीएलएफ जमीन हड़पने का मामला जिसमें 50 एकड़ जमीन हड़पने से जुड़ा है, गुरुग्राम राजीव गांधी ट्रस्ट जमीन हड़पने का मामला, सोनीपत-खरखौदा औद्योगिक मॉडल टाउनशिप भूमि के मामले जो 700 एकड़ भूमि के अधिग्रहण से संबंधित हैं।
पंचकूला-हुड्डा औद्योगिक भूखंड आवंटन घोटाला, रोहतक में गढ़ी सांपला उद्धार गगन मॉडल टाउनशिप भूमि हड़पने का मामला ,30 करोड़ रुपए की कीमत के प्लॉटों के आवंटन का मामला, एजेएल-नेशनल हेराल्ड पंचकूला भूमि हड़प घोटाला करने का मामला जब वह हरियाणा के मुख्यमंत्री थे तब कुछ नियमों का उल्लंघन किया था जिसके चलते हरियाणा सरकार को 620,000 रुपये का नुकसान भुगतना पड़ा था। जिसके चलते वो आज भी चर्चाओं का विषय बने हुए हैं।
हरियाणा के आगामी चुनाव और हुड्डा का भविष्य
हरियाणा में जल्द ही अगले महीने चुनाव आने वाले हैं और इसकी सुगबुगाहट अभी से तेज हो चली है। सभी राजनेता अपनी–अपनी छवि को दिखाने में लगे पड़े हैं। इसी क्रम से चल रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री Bhupindar Singh Hudda भी विधानसभा चुनाव के लिए दावेदारी कर रहे हैं। इनके बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी इस दौड़ में लग गए हैं।
Bhupindar Singh Hudda ने साल 2024 में रोहतक जिले की गढ़ी सांपला किलोई सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में विधानसभा के चुनाव का नामांकन दाखिल करते समय उन्होंने जनता को आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ‘मैं आज जो भी हूं, वो आप सभी के आशीर्वाद की बदौलत हू’ जिसमें हुड्डा ने अपनी संपत्ति के बारे में विवरण भी दिया है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा 26 करोड़ से ज्यादा संपत्ति के मालिक हैं।
चल संपत्ति-7.2 करोड़ रुपए
अचल संपत्ति-19.28 करोड़ रुपए
हथियार–बंदूक, रिवॉल्वर, पिस्तौल
ज्वेलरी-5 किलो सोना व 35 किलो चांदी
देनदारी-15 लाख
केस-8″
Bhupindar Singh Hudda की पत्नी की संपत्ति उनसे भी ज्यादा है
Bhupindar Singh Hudda की पत्नी के पास 3.70 लाख रुपये की नकदी, 4.84 एकड़ कृषि भूमि है और 360 वर्ग मीटर की एक दुकान है।
गढ़ी सांपला किलोई उम्मीदवार
Bhupindar Singh Hudda कांग्रेस
मंजू हुड्डा भाजपा
सुशीला देशवाल जेजेपी
गढ़ी सांपला किलोई चुनाव आंकड़े
मतदान केंद्र-227
कुल मतदाता-222273
हुड्डा परिवार में ख़ुशी का माहौल
Bhupindar Singh Hudda रविवार 8-9-2024 को दादा जी बन गए है। उनके इकलौते पुत्र दीपेंद्र हुड्डा की दूसरी पत्नी श्वेता मिर्धा हुड्डा ने एक बेटे को जन्म दिया है।Bhupindar Singh Hudda की बहु श्वेता को फोर्टिस अस्पताल में भर्ती करवाया गया वहां उनकी शाम को सुरक्षित डिलीवरी हुई। उनके घर पर बधाई देने वालों की भीड़ लगी रही और साथ ही दूसरी ओर कांग्रेस के नेताओं व कार्यकत्र्ताओं द्वारा सोशल मीडिया के जरिए भी उनको खूब बधाइयां मिल रहीं हैं । हुड्डा के आस पास के नाते रिश्तेदारों का फोर्टिस अस्पताल में आना–जाना लगा रहा। फोर्टिस अस्पताल के सीनियर डॉक्टर बलप्रीत बराड़ ने उनकी की बहु की सुरक्षित डिलीवरी की।
इस में कोई शक नहीं की Bhupindar Singh Hudda हरियाणा में कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं। उन्हके ऊपर भ्रस्टाचार के आरोप हैं तो दूसरी तरफ हरियाणा में लोग उनके किये गए कामो के कारण उनके मुख्यमंत्रित्व काल को याद भी करते हैं। हरियाणा में कांग्रेस की हैसियत में Bhupindar Singh Hudda का बहुत बड़ा योगदान है और शायद इसलिए ही हरियाणा कांग्रेस में उन्हें मुख्यमंत्री पद का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है।
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