Arunachal Pradesh: अरुणाचल प्रदेश में फिर बीजेपी सरकार की बनी, पेमा खांडू तीसरी बार मुख्यमंत्री बने.

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Arunachal Pradesh: अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव, 2024 लोकसभा चुनाव से पहले ही हो गए थे, और 2 जून को चुनाव के परिणाम भी आ गए थे, जिसमे बीजेपी ने प्रचंड जीत हासिल की है. लेकिन लोकसभा चुनाव के वजह से बीजेपी ने वह सरकार का गठन नहीं किया था . अब केंद्र में एक बार फिर बीजेपी की अगुवायी वाली NDA ने सरकार बना लिया है, और नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधान मंत्री बने है. इसी के साथ 13 जून को अरुणाचल प्रदेश का सरकार का भी गठन हो गया वहां बीजेपी के प्रचंड जीत के बाद ,पेमा खांडू ने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है.

Arunachal Pradesh: अरुणाचल प्रदेश चुनाव परिणाम

अरुणाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को प्रचंड बहुमत मिला है, राज्य की 60 विधानसभा सीटों में से भाजपा ने 46 पर जीत दर्ज की है. नेशनल पीपुल्‍स पार्टी के खाते में पांच सीटें आई हैं. नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) ने तीन, पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल ने दो, कांग्रेस ने एक और निर्दलीयों ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की है. मुख्यमंत्री पेमा खांडू समेत भाजपा के 10 प्रत्याशियों ने निर्विरोध ही विधानसभा चुनाव जीता है.

Arunachal Pradesh: पेमा खांडू को पार्टी मुख्यमंत्री चुना गया.

केंद्रीय प्रर्यवेक्षक भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद और तरुण चुघ बुधवार को ईटानगर पहुंचे थे. इस दौरान, उन्होंने भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई और पेमा खांडू विधायक दल का नेता. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बियुराम वाघ ने मुख्यमंत्री के रूप में खांडू के नाम का प्रस्ताव रखा था. पार्टी के सभी 46 विधायकों ने इसका समर्थन किया. 13 जून को इन्होने मुखयमंत्री पद की शपथ ली.

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा की सराहना करते हुए, खांडू ने भाजपा में विश्वास जताने और उसे लगातार तीसरी बार सत्ता में लाने के लिए राज्य के लोगों को धन्यवाद दिया.

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Arunachal Pradesh: मोनपा जनजाति से आने वाले पेमा खांडू की कैसे हुई राजनीनिक शुरआत ?

पेमा खांडू का जन्म 21 अगस्त, 1979 को तवांग में हुआ था. चीन की सीमा से सटे तवांग जिले के ग्यांगखर गांव से ताल्लुक रखने वाले पेमा खांडू मोनपा जनजाति से आते हैं। उन्होंने तवांग के बोम्बा में सरकारी माध्यमिक विद्यालय में शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद वर्ष 2000 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कला स्नातक की उपाधि हासिल की। उच्च शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा. इनके पिता दोरजी खांडू अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं. 2005 में पेमा खांडू राजनीति में कदम रख दिया था, जब उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई. लेकिन, उनके असल राजनीतिक सफर की शुरुआत तब हुई, जब उनके पिता दोरजी खांडू का हेलिकॉप्टर हादसे में निधन हो गया. दोरजी खांडू 2007 से 2011 तक अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे.

इसके बाद पेमा खांडू ने वर्ष 2011 में अपने ही पिता के विधानसभा क्षेत्र मुक्तो से चुनाव लड़ा और विजयी हुए. इसके बाद पेमा खांडू को अरुणाचल प्रदेश मंत्रिमंडल में शामिल किया गया. वर्ष 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी के नेतृत्व वाली सरकार में पेमा खांडू को शहरी विकास मंत्री नियुक्त किया गया.

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Arunachal Pradesh: 2016 में कांग्रेस पार्टी छोड़ी.

16 सितंबर 2016 को, सीएम पेमा खांडू के नेतृत्व में सत्तारूढ़ पार्टी के 43 विधायक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल में शामिल हो गए.  और दिसंबर 2016 में, खांडू ने सदन में बहुमत साबित किया, जब पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल के 43 विधायकों में से 33 भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए, क्योंकि भाजपा ने दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन से अपनी ताकत 45 तक बढ़ा ली, क्योंकि उसके पास पहले से ही 11 विधायक थे वे अरुणाचल प्रदेश में 2003 में गेगोंग अपांग के नेतृत्व वाली सरकार के 44 दिनों बाद भारतीय जनता पार्टी के दूसरे मुख्यमंत्री बने. और अब तीसरे मुख्यमंत्री बने है.

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