Air Pollution Death: भारत में वायुप्रदूषण के चलते करीब 170,000 बच्चों की मौत हुई

Air Pollution Death

Air Pollution Death: स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021 में भारत में वायु प्रदूषण के चलते करीब 170,000 बच्चों की मौत हुई जिनकी उम्र पांच वर्ष से कम थी. वायु प्रदूषण पूरी दुनिया के लिए बड़ी समस्या बनता जा रहा है. भारत की बात करें तो भारत के कई राज्य सालभर पॉल्यूशन के मामले में टॉप पर रहते हैं. खासकर ठण्ड के समय में काफी प्रदूषण देख जा सकता है. इस बीच बुधवार (19 जून 2024) को स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर (SoGA) की  रिपोर्ट सामने आई है. जिसमे भारत के लिए चौकाने वाला खबर है.

Air Pollution Death: भारत में 21 लाख लोगों की मौत.

हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट की ओर से जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2021 में प्रदूषण से जान गंवाने लोगों का आंकड़ा 21 लाख तक का रहा. रिपोर्ट ये भी बताती है कि वायु प्रदूषण से 2021 में भारत में पांच वर्ष से कम आयु के 1,69,400 बच्चों की मौत हुई है. जारी की कई रिपोर्ट के मुताबिक, वायु प्रदूषण के कारण वर्ष 2021 में चीन में 23 लाख लोगों की मौत हुई थी। 

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Air Pollution Death: सबसे अधिक भारत में बच्चों की मौत.

HEI यूनीसेफ से जुड़ी एक अमेरिकी संस्था है. इसकी रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में भारत में सबसे ज्यादा 1,69,400 बच्चों की मौत वायु प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों की वजह से हुई. ये सभी बच्चे 5 साल से कम उम्र के थे. भारत के बाद सबसे ज्यादा नाइजीरिया (1,14,100), पाकिस्तान (68,100), इथोपिया (31,000) और बांग्लादेश (19,100) में बच्चों की मौत हुई.

Air Pollution Death: दक्षिण एशिया में मौत की सबसे बड़ी वजह प्रदूषण

वायु प्रदूषण के कारण नाइजीरिया में 1,14,100 बच्चे, पाकिस्तान में 68,100, इथियोपिया में 31,100 और बांग्लादेश में 19,100 बच्चों की मौत हुई. हेल्थ इफेक्ट्स इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया में मृत्यु का सबसे बड़ा कारण वायु प्रदूषण है। इसके बाद हाई ब्लड प्रेशर, आहार और तम्बाकू सेवन का स्थान आता है। 

Air Pollution Death: बच्चो में दिखती है निमोनिया की शिकायत.

स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक वायु प्रदूषण के कारण छोटे बच्चों में सबसे पहले निमोनिया की शिकायत दिखने लगती है.  विश्व स्तर पर पांच में से एक बच्चे की मौत निमोनिया की वजह से होती है. इसके अलावा अस्थमा को मौत होने की दूसरी वजह माना जाता है. ये समस्या  5 साल से बड़े बच्चों में ज्यादा होती है. दक्षिण एशिया में पांच साल से कम उम्र के बच्चों में वायु प्रदूषण से जुड़ी मृत्यु दर प्रति 10 लाख बच्चों पर 164 है, जबकि विश्व स्तर पर औसत 108 मौतें प्रति 1 लाख हैं.

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