Agniveer: क्या बदलाव होने जा रहा अग्निवीर योजना में ? NDA घटक दलों ने दुबारा विचार की मांग की

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Agniveer: लोकसभा चुनाव 2024 जीतकर NDA  की एक बार फिर सरकार बनी है.  इसी लोकसभा चुनाव में INDIA गठबंधन चुनाव जीतकर अग्निवीर योजना को ख़त्म करने की मांग की थी ।  लेकिन INDIA गठबंधन चुनाव नहीं जीत सकी।  और NDA ने 1 जून को  सरकार बना ली है .

लेकिन अब NDA के कुछ घटक दलों ने भी अग्निवीर योजना को लेकर बयान देना शुरू कर दिया है, जिसमे कुछ नेताओ ने इस अग्निवीर योजना पर फिर से विचार करने की मांग भी उठायी है । 

Agniveer: क्या है अग्निवीर योजना?

अग्निवीर योजना पिछले साल चार साल के कांट्रैक्ट पर सेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना में भर्ती करने के लिए शुरू की गई थी. 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद चार साल के अंत में 25% तक अग्निवीरों को नियमित आधार पर सेवाओं में शामिल किया जाएग। 

Agniveer: अग्निवीर को क्या फायदे मिलते हैं?

अग्निवीर का वेतन 30,000 रुपये से 40,000 रुपये प्रति महीने है. इसके साथ ही वो जोखिम और कठिनाई भत्ते के हकदार हैं. इस योजना में एक सेवा निधि अंशदायी पैकेज भी है, जिसके तहत अग्निवीर अपनी मासिक परिलब्धियों का 30% योगदान करते हैं, और सरकार भी उतनी ही राशि का योगदान करती है. चार साल पूरे होने पर उन्हें पैकेज से लगभग 11.71 लाख रुपये (ब्याज सहित) मिलेंगे और इस पर आयकर से छूट मिलेगी.

ड्यूटी पर मृत्यु के मामले में उन्हें सेवा निधि पैकेज और उस अवधि के लिए पूर्ण वेतन सहित 1 करोड़ रुपये से अधिक मिलेंगे. विकलांगता की स्थिति में, वे सैन्य सेवा के कारण उत्पन्न या बढ़ी हुई विकलांगता की सीमा के आधार पर 44 लाख रुपये तक प्राप्त कर सकते है।

Agniveer: नियमित सैनिक और अग्निवीर  में क्या अंतर है ?

नियमित सैनिक को रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलेगी जबकि अग्निवीर को नही।

और युद्ध में घायल होने की स्थिति में, एक नियमित सैनिक के परिवार को फैमिली पेंशन मिलती है, जो जीवन भर प्राप्त अंतिम वेतन के बराबर होती है. अग्निवीर का परिवार केवल 48 लाख रुपये की गैर-अंशदायी बीमा राशि के लिए ही पात्र है।

एक नियमित सैनिक को प्रत्येक वर्ष की सेवा के लिए प्रति वर्ष 15 दिनों के लिए ग्रेच्युटी मिलती है, और 50 लाख रुपये का बीमा कवर होता है. नियमित  सैनिकों को स्नातक स्तर तक बच्चों की शिक्षा के लिए भत्ता भी मिलता ह।.और अग्निवीरों को इनमें से कुछ भी नहीं मिलता है. सैन्य सेवा वेतन और महंगाई भत्ते को मिलाकर एक नियमित सैनिक का शुरुआती वेतन लगभग 40,000 रुपये होता है, जबकि अग्निवीर का शुरुआती वेतन 30,000 रुपये होता है । 

 Agniveer: क्यों हो रहा विरोध ?

जब यह योजना देश में लागू हुयी थी, तब देश के कई राज्यों में युवा इस योजना के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे. तब बिहार में सबसे अधिक विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला था.युवाओ का कहना था, की युवा सालो साल मेहनत और तयारी करता है की सेना में जायेगा और देश के लिए अपनी सेवा देगा।  लेकिन इस योजना के तहत भर्ती होने वाले बस चार साल में सेना से निकल दिए जायेंगे। ऐसे में चार साल की नौकरी उन्हें मंजूर नहीं है. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने सरकार से इस योजना को तुरंत वापस लेने की अपील की रही, जिसको लेकर कई नेता भी उनके पक्ष में उतरे थे। 

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Agniveer: कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों ने इसको लोकसभा चुनाव में मुद्दा बनाया था।

पटना में एक रैली में राहुल गाँधी ने अग्निवीर स्कीम पर करारा निशाना साधा था और ऐलान किया कि I.N.D.I.A. गठबंधन की सरकार बनते ही सबसे पहले अग्निवीर योजना को कूड़े में फेंक दिया जाएगा। राहुल गाँधी ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस योजना के ज़रिए जवानों को मज़दूर बना दिय।

जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) के नेता के सी त्यागी ने यहां संवाददाताओं से कहा कि पार्टी ने अग्निपथ योजना की समीक्षा की मांग की है और जाति आधारित जनगणना के मुद्दे को आगे बढ़ाएगी। संजय सिंह ने कहा, “अग्निवीर भारत माता और सेना के साथ विश्वासघात है। प्रधानमंत्री को इसे पहले ही वापस ले लेना चाहिए था।

इस  योजना पर रक्षा क्षेत्रों से जुड़े एक्सपर्ट्स की अलग-अलग राय है. कुछ ने इसे सकारात्मक बताया है जबकि इसके विरोध में भी राय दी गई है. रिटायर्ड मेजर जनरल शेओनान सिंह ने बीबीसी से कहा कि सेना में किसी को चार साल के लिए शामिल करना पर्याप्त समय नहीं है. चार साल में छह महीने तो ट्रेनिंग में निकल जाएंगे. इन्फैंट्री में काम करने के लिए स्पेशल ट्रेनिंग की भी जरुरत पड़ेग।

Agniveer: अग्निवीर योजना में अब कुछ बदलाव किया जा सकता है ।

एक बार फिर  मोदी सरकार बनने के बाद बीजेपी के कुछ घटक दलों ने इसमें बदल करने की मांग की थी, जो अब सच होता दिख रहा है । 

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारतीय सेना ने अग्निवीर योजना के कुछ प्रावधानों में बदलाव की इच्छा जताई है. जिसमे मुख्ता पांच बदलाव किये जा सकते है ।

  1. सेना चाहती है कि चार साल की समाप्ति के बाद भी अग्निवीरों की संख्या 60-70 फीसदी तक बरकरार रखी जाए.
  2.  आर्मी सेवा अवधि को भी चार साल से बढ़ाकर सात से आठ साल करना चाहती है ।
  3. तकनीकी क्षेत्रों में भर्ती की आयु बढ़ाना. अभी 17 से 21.5 वर्ष की आयु के बीच अग्निवीरों को रखा जाता है. सेना सिग्नल, एयर डिफेंस और इंजीनियर्स जैसे तकनीकी हथियारों में भर्ती के लिए उम्र सीमा बढ़ाकर 23 साल करने का प्रस्ताव कर रही है
  4. विकलांगता भुगतान और सेवा अवधि समाप्त होने के बाद नौकरी खोजने में सहायता. सेना उन अग्निवीरों के लिए भी अनुग्रह भुगतान चाहती है जो प्रशिक्षण के दौरान विकलांग हो गए हैं. इसके अलावा एक पेशेवर एजेंसी होनी चाहिए जो अग्निवीरों को उनकी सेवा अवधि समाप्त होने के बाद भविष्य की नौकरियां खोजने के तरीके के बारे में मार्गदर्शन दे.
  5. सेना चाहती है कि युद्ध में अग्निवीर की मृत्यु होने पर उसके परिवार के सदस्यों को जीवन निर्वाह भत्ते का प्रावधान भी योजना में शामिल किया जाना चाहिए.

अब देखना यह होगा की मोदी सरकार सेना के मांगो को स्वविकार करती है या नहीं

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