मुंबई:
महाराष्ट्र के हालिया Lok Sabha Election में बीजेपी का वोट शेयर 2019 की तुलना में 1.6% घटकर 26.2% पर आ गया, जबकि कांग्रेस ने 16.9% वोट शेयर के साथ 13 सीटें जीतीं, जो राज्य में सबसे अधिक थीं। इसके विपरीत, बीजेपी ने केवल 9 सीटों पर विजय प्राप्त की।
शिवसेना (यूबीटी) का वोट शेयर 16.7% था और उसने भी 9 सीटें हासिल कीं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 12.9% वोट शेयर के साथ 7 सीटें जीतीं। एनसीपी (SP) ने 10.3% वोट शेयर के साथ 8 सीटें जीतीं, जबकि अजीत पवार की एनसीपी ने 3.6% वोट शेयर के साथ सिर्फ 1 सीट पर संतोष करना पड़ा।
वोट शेयर और सीटों के बीच असमानता का एक प्रमुख कारण यह है कि प्रत्येक पार्टी ने अलग-अलग संख्या में सीटों पर चुनाव लड़ा। बीजेपी ने 28 सीटों पर चुनाव लड़ा जबकि कांग्रेस ने 17 सीटों पर। इसी तरह, शिवसेना (यूबीटी) ने 21 सीटों पर और एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 15 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिससे उनके वोट शेयर में अंतर देखा गया।
Lok Sabha Election: हरियाणा और पंजाब में कांग्रेस की बढ़त
हरियाणा में हुए चुनावों में भाजपा को बड़ा झटका लगा क्योंकि वह 10 में से केवल 5 सीटें ही बरकरार रख सकी, जबकि कांग्रेस ने जोरदार वापसी करते हुए 5 सीटें जीतीं। आम आदमी पार्टी ने कुरुक्षेत्र में हार का सामना किया। नतीजों में किसानों के मुद्दों, बेरोजगारी, अग्निपथ योजना और पुरानी पेंशन योजना के बारे में मतदाताओं की चिंताएं स्पष्ट रूप से झलक रही थीं।
पंजाब में भी कांग्रेस ने 7 सीटों पर कब्ज़ा जमाया, हालांकि उसका वोट शेयर 40.12% से घटकर 26.3% हो गया।
2024 के Lok Sabha Election परिणामों का व्यापक प्रभाव
बीजेपी के वोट शेयर में मामूली कमी के कारण उसे 63 सीटों का नुकसान हुआ है। यूपी और हिंदी हार्टलैंड राज्यों में सीट-बंटवारे की व्यवस्था को इसका प्रमुख कारण माना जा रहा है। कांग्रेस बेहतर वोट शेयर के साथ 99 सीटें जीतने के लिए तैयार है, जो 2019 की तुलना में उसकी संख्या दोगुनी है।
निष्कर्ष
इस Lok Sabha Election में वोट शेयर और सीटों के बीच असमानता स्पष्ट रूप से देखने को मिली। बीजेपी के वोट शेयर में गिरावट के बावजूद, कांग्रेस की सीटों में बढ़त ने उसे मजबूती प्रदान की है। महाराष्ट्र, हरियाणा और पंजाब के परिणाम 2024 के चुनावों के लिए महत्वपूर्ण संकेतक साबित हो सकते हैं।