Skill Base Census: टीडीपी सुप्रीमो एन. चंद्रबाबू नायडू ने आंध्र प्रदेश विधानसभा और लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल कर मुख्यमंत्री का पदभार संभाल लिया. उन्होंने बुधवार को आंध्र प्रदेश के सीएम के रूप में शपथ ली थी. साथ ही साथ 24 लोगो ने भी मंत्री मंडल की शपथ ली. चंद्र बाबू नायडु नेआंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर चौथी बार शपथ ली है. जिसके बाद तुरंत एक्शन मोड़ में आ गए, और पांच महत्वपूर्ण फैसले लिए है. जिसमे skill base census कौशल जनगणना भी शामिल है जो भारत में पहली बार होने जा रहा है.
Skill Base Census: चंद्र बाबू नायडु के महत्वपूर्ण पांच फैसले.
चुनाव के दौरान उनके एजेंडे में शिक्षक भर्ती के लिए मेगा डीएससी, भूमि स्वामित्व अधिनियम को निरस्त करना और कल्याणकारी पेंशन को बढ़ाकर 4,000 रुपये मासिक करने जैसे महत्वपूर्ण निर्णय शामिल थे.’अन्ना कैंटीन’ की पुनः स्थापना और कौशल जनगणना से संबंधित इनके चुनाव में मुख्या मुद्दे थे. जो अब मुख्यमंत्री बनते ही पहली सिग्नेचर इन्ही फाइलों पर किये है.
क्या है Skill Based Census कौशल जनगणना ?
कौशल जनगणना भारत में पहली बार होने जा रहा है, इस कौशल जनगणना की चर्चा हर जगह हो रहा है. कौशल जनगणना कराने वालाआंध्र प्रदेश पहला राज्य बन जायेगा. चुनाव के दौरान चन्द्र बाबू नायडु ने यह वादा किया था की जब उनकी सरकार आएगी तो स्किल बेस जनगणना कराएँगे, जिससे लोगो को उनके कौशल के अनुसार रोजगार प्रदान कर सके. कौशल जनगणना का उद्देश्य आंध्र प्रदेश में बेरोजगार युवाओं के लिए अवसर पैदा करना है. आंध्र प्रदेश देश का पहला राज्य है जिसने कौशल जनगणना की है, इस प्रक्रिया में व्यक्तियों के कौशल की पहचान की जाएगी. कौशल जनगणना का उद्देश्य पूरे राज्य में व्यक्तियों के कौशल की पहचान करना और उन्हें सूचीबद्ध करना है.
Skill Base Census: इससे कैसे लोगो को रोजगार मिलेगा ?
इस पहल का उद्देश्य लोगों को उनके पहचाने गए कौशल के आधार पर उचित प्रशिक्षण प्राप्त करके उत्पादकता बढ़ाना है, जिससे वे अधिक रोजगार योग्य बन सकें और कार्यबल की समग्र दक्षता को बढ़ावा मिल सके. उनका दस्तावेजीकरण किया जाएगा तथा उन्हें उद्योग के लिए तैयार करने के लिए उनके पहचाने गए कौशल के आधार पर उचित प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. टीडीपी सरकार का मानना है कि जनगणना से सरकार को बेरोजगार युवाओं की जरूरतों को समझने में मदद मिलेगी और उन्हें अधिक रोजगार योग्य बनाने के लिए उनका कौशल भी बढ़ाया जा सकेगा. इसका उद्देश्य राज्य में कार्यबल की समग्र दक्षता को बढ़ाना है.