Reliance Layoff 42000 Jobs: यह ‘शांत खबर’ क्यों है? आर्थिक प्रभाव पर चिंता

Reliance Layoff

Reliance Layoff: भारत की सबसे बड़ी कंपनी, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL), ने हाल ही में अपनी workforce में बड़ी कटौती की है। द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, RIL ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 42,000 कर्मचारियों की छंटनी की है, जिससे उसकी कुल workforce 11% घटकर 3.47 लाख हो गई है। यह कमी विशेष रूप से कंपनी के रिटेल सेक्टर में देखी गई है, जिसके परिणामस्वरूप व्यापक चिंताएँ उठ रही हैं।

Reliance Layoff  के कारण

रिलायंस इंडस्ट्रीज की Reliance Layoff  छंटनी कंपनी की लागत दक्षता बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा है। FY 2022-23 में कंपनी के पास 3.89 लाख कर्मचारी थे, जो अब FY 2023-24 में घटकर 3.47 लाख हो गए हैं। नए कर्मचारियों की संख्या में भी एक तिहाई की कमी आई है, जो FY 24 में 1.71 लाख तक सिमट गई है। RIL के रिटेल व्यवसाय में जो लगभग 60% कर्मचारियों को रोजगार प्रदान करता है, सबसे अधिक कटौती की गई है। रिटेल सेक्टर में कर्मचारियों की संख्या FY 23 में 2.45 लाख से FY 24 में घटकर 2.07 लाख हो गई है।

इसके साथ ही, स्टोर बंद करने और रिटेल नेटवर्क विस्तार में धीमापन भी देखा गया है। FY 23 में रिलायंस रिटेल ने 3,300 नए स्टोर जोड़े थे, जबकि FY 24 में केवल 800 नए स्टोर जोड़े गए हैं, जिससे कुल स्टोर की संख्या 18,836 हो गई है।

टेलीकॉम सेक्टर में भी Reliance Layoff

रिलायंस जियो, जो रिलायंस का टेलीकॉम डिवीजन है, ने भी workforce में Reliance Layoff की है। FY 23 में इसके कर्मचारियों की संख्या 95,326 थी, जो FY 24 में घटकर 90,067 हो गई है। हालांकि, इन कटौती के बावजूद, RIL की कुल कर्मचारी लाभ खर्च में 3% की वृद्धि हुई है, जो अब 25,699 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।

Reliance Layoff: आर्थिक प्रभाव और चिंता

RIL की इस छंटनी का उद्देश्य संचालन को सुचारू करना और दक्षता को बढ़ाना है, लेकिन यह व्यापक आर्थिक प्रभावों को भी जन्म दे सकता है। RIL जैसे बड़े संगठन की इतनी बड़ी संख्या में नौकरी कटौती यह संकेत दे सकती है कि अर्थव्यवस्था में कुछ गहरे मुद्दे हो सकते हैं, विशेषकर उन क्षेत्रों में जो उपभोक्ता खर्च और आर्थिक स्थिरता पर निर्भर हैं। रिटेल सेक्टर में कटौती से यह संकेत मिलता है कि उपभोक्ता व्यवहार या बाजार की स्थितियों में संभावित बदलाव हुए हैं, जिससे RIL ने अपनी workforce का पुनर्मूल्यांकन किया है।

Reliance Layoff: विशेषज्ञों की राय

Shaadi.com के संस्थापक अनुपम मित्तल ने इस नौकरी Reliance Layoff को ‘चिंताजनक’ करार दिया और कहा कि इसे आर्थिक और राजनीतिक सर्कलों में अधिक चर्चा का विषय बनना चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया, “42,000 नौकरियों की कटौती? क्यों इस पर अधिक चर्चा नहीं हो रही? यह आर्थिक और राजनीतिक सर्कलों में गंभीर चिंता का विषय होना चाहिए।” उन्होंने सुझाव दिया कि यदि हमारे सबसे बड़े कंपनियाँ भी नौकरी कटौती कर रही हैं, तो यह संकेत हो सकता है कि नौकरी की स्थिति और भी खराब हो सकती है और इसके लिए एक ठोस योजना की आवश्यकता है।

इस बड़ी संख्या में नौकरी कटौती के साथ, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भारत की अर्थव्यवस्था और रोजगार सृजन की दिशा में क्या प्रभाव पड़ता है और सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए क्या कदम उठाती है।

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