National Vaccination Day 2025 हर साल 16 मार्च को मनाया जाता है, ताकि लोगों को टीकाकरण के महत्व और इसके सार्वजनिक स्वास्थ्य पर प्रभाव के बारे में जागरूक किया जा सके। यह दिन भारत में 1995 में पहली बार मनाया गया था, जब देश में पल्स पोलियो टीकाकरण अभियान के तहत ओरल पोलियो वैक्सीन (मुँह से दी जाने वाली पोलियो की खुराक) का पहला टीका लगाया गया था। इस कार्यक्रम की सफलता ने भारत को 2014 में पोलियो-मुक्त देश घोषित करने में मदद की।
2025 में, यह दिन टीकाकरण कवरेज को मजबूत करने, वैक्सीन झिझक को दूर करने और उन्नत तकनीकों के माध्यम से वैक्सीन वितरण प्रणाली को सुधारने के लिए मनाया जाएगा।
National Vaccination Day 2025 की थीम
National Vaccination Day 2025 के लिए थीम अभी आधिकारिक रूप से घोषित नहीं हुई है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष का विषय “सभी के लिए समान टीकाकरण और सतत स्वास्थ्य सुरक्षा” हो सकता है। इसका उद्देश्य टीकाकरण की पहुंच को व्यापक बनाना, वैक्सीन जागरूकता बढ़ाना और लोगों को सरकारी टीकाकरण अभियानों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित करना होगा।
National Vaccination Day 2025 का महत्व
National Vaccination Day 2025 केवल पोलियो उन्मूलन का जश्न नहीं है, बल्कि यह उन सभी बीमारियों के खिलाफ टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए भी मनाया जाता है, जिनसे बचाव किया जा सकता है। यह दिवस टीकों की सुरक्षा और प्रभावशीलता पर जागरूकता फैलाने और सभी वर्गों के लोगों तक टीकाकरण सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
🔹 टीकाकरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना: लोगों को यह समझाना कि टीकाकरण उन्हें और उनके परिवार को घातक बीमारियों से बचाता है।
🔹 स्वास्थ्यकर्मियों की सराहना: उन डॉक्टरों, नर्सों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को सम्मान देना, जो टीकाकरण सेवाओं को सफल बनाते हैं।
🔹 वैक्सीनेशन कार्यक्रमों में भागीदारी को बढ़ावा देना: लोगों को टीकाकरण अभियानों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित करना।
टीकाकरण न केवल बीमारियों को रोकने में मदद करता है, बल्कि यह संपूर्ण समाज की भलाई में भी योगदान देता है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव कम होता है और जीवन प्रत्याशा बढ़ती है।
National Vaccination Day 2025 का इतिहास
राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस की शुरुआत 16 मार्च 1995 को हुई थी, जब भारत सरकार ने पल्स पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम के तहत ओरल पोलियो वैक्सीन की पहली खुराक दी थी। इस विशाल अभियान का मुख्य लक्ष्य भारत को पोलियो-मुक्त बनाना था।
📌 2014 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत को पोलियो-मुक्त देश घोषित किया।
इसके बाद, भारत ने अन्य संक्रामक रोगों के खिलाफ टीकाकरण अभियानों को तेज किया, जिससे यह दिन टीबी, खसरा, हेपेटाइटिस और अन्य बीमारियों के खिलाफ टीकाकरण जागरूकता बढ़ाने के लिए भी महत्वपूर्ण बन गया।
सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (Universal Immunization Programme – UIP)
भारत में 1985 में सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) की शुरुआत की गई थी। यह देश के सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियानों में से एक है, जिसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और दो साल तक के बच्चों को मुफ्त टीके उपलब्ध कराना है।
इस कार्यक्रम के तहत हर साल 2.67 करोड़ नवजात शिशुओं और 2.9 करोड़ गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण कवरेज देने का लक्ष्य रखा जाता है।
UIP के तहत शामिल बीमारियां:
✅ तपेदिक (Tuberculosis)
✅ डिप्थीरिया (Diphtheria)
✅ काली खांसी (Pertussis)
✅ धनुस्तंभ (Tetanus)
✅ पोलियो (Poliomyelitis)
✅ खसरा (Measles)
✅ हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B)
✅ रोटावायरस संक्रमण (Rotavirus Gastroenteritis)
✅ जापानी इंसेफेलाइटिस (Japanese Encephalitis)
✅ रूबेला (Rubella)
✅ न्यूमोकोकल संक्रमण (Pneumococcal Diseases)
गहन मिशन इंद्रधनुष (Intensified Mission Indradhanush – IMI)
टीकाकरण कवरेज को और तेज करने के लिए भारत सरकार ने 2014 में मिशन इंद्रधनुष और 2017 में गहन मिशन इंद्रधनुष (IMI) की शुरुआत की।
🔹 IMI 5.0, 2023 में लॉन्च किया गया, जिसमें 34 लाख बच्चों और 6 लाख गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया।
🔹 यह पहल उन क्षेत्रों को लक्षित करती है, जहां टीकाकरण दर कम है, ताकि हर बच्चा और गर्भवती महिला पूरी तरह से टीकाकरण प्राप्त कर सके।
वैक्सीनेशन और सार्वजनिक स्वास्थ्य में इसकी भूमिका
✅ संक्रामक बीमारियों को रोकता है – पोलियो, खसरा, टेटनस जैसी बीमारियों के प्रसार को रोकने में मदद करता है।
✅ मृत्यु दर को कम करता है – टीकाकरण के कारण भारत में शिशु मृत्यु दर में उल्लेखनीय गिरावट आई है।
✅ समाज के स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है – एक स्वस्थ समाज का निर्माण करता है और चिकित्सा सेवाओं पर बोझ कम करता है।
✅ लागत प्रभावी उपाय – बीमारियों के इलाज की तुलना में टीकाकरण एक सस्ता और अधिक प्रभावी उपाय है।
✅ हर्ड इम्यूनिटी में योगदान – जब अधिक लोग टीकाकरण कराते हैं, तो यह उन लोगों की भी सुरक्षा करता है, जो किसी कारणवश टीका नहीं लगवा सकते।
विश्व टीकाकरण सप्ताह 2025 (World Immunization Week 2025)
विश्व टीकाकरण सप्ताह 2025 24 अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच मनाया जाएगा। इसे WHO द्वारा प्रबंधित किया जाता है, और इसका उद्देश्य टीकों के महत्व पर वैश्विक कार्रवाई और समर्थन को प्रोत्साहित करना है।
📌 2025 की थीम: “सभी के लिए टीकाकरण – एक मानवता की दिशा में कदम”
राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस 2025 भारत के सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह दिवस हमें टीकाकरण के महत्व को समझने, वैक्सीन से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के योगदान को सराहने का अवसर देता है।
📌 टीकाकरण केवल व्यक्तिगत सुरक्षा नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज के स्वास्थ्य और सुरक्षा की गारंटी भी है।
इसलिए, टीकाकरण को अपनाएं, इसे बढ़ावा दें और एक स्वस्थ भारत के निर्माण में योगदान दें।