National Doctor’s Day 2024: भारत में हर साल 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत एक महान डॉक्टर डॉ. बिधान चंद्र रॉय की याद में की गई थी, जो बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री भी थे। डॉ. रॉय का जन्म 1 जुलाई 1882 को हुआ था और उनका निधन भी 1 जुलाई 1962 को हुआ था। उनके चिकित्सा क्षेत्र में अमूल्य योगदान के सम्मान में यह दिन मनाया जाता है।
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National Doctor’s Day 2024: डॉक्टर्स डे का इतिहास
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस की शुरुआत साल 1991 में हुई थी। इसका उद्देश्य डॉक्टर्स के योगदान, उनके कार्यों के बारे में लोगों को जागरूक करना और उनके सम्मान में यह दिन मनाना है। चिकित्सा क्षेत्र में डॉ. बिधान चंद्र रॉय के योगदान को सम्मान देने के मकसद से 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाने की शुरुआत की गई थी।
National Doctor’s Day 2024: डॉक्टर्स डे का महत्व
स्वस्थ जीवन हर किसी की प्राथमिकता होती है और इसमें डॉक्टर्स का रोल बहुत अहम होता है। छोटी-बड़ी हर तरह की बीमारियों को डॉक्टर्स की मदद से ठीक किया जा सकता है। कोविड संक्रमण के दौरान डॉक्टर्स ने अपनी जान की परवाह किए बिना लगातार ड्यूटी की और कई डॉक्टर्स ने अपनी जान भी गंवा दी। इनके बलिदान को भी आज के दिन याद किया जाता है।
National Doctor’s Day 2024: डॉक्टर्स डे 2024 की थीम
हर साल डॉक्टर्स डे को किसी न किसी थीम के साथ सेलिब्रेट किया जाता है। साल 2024 में नेशनल डॉक्टर्स डे की थीम है- “Healing Hands, Caring Hearts”। यह थीम डॉक्टर द्वारा अपने दैनिक अभ्यास में किए जाने वाले समर्पण पर जोर देती है और उनके कार्य की सराहना करती है।

National Doctor’s Day 2024: समाज में डॉक्टरों की भूमिका
डॉक्टर को समाज में भगवान का दर्जा दिया जाता है क्योंकि वे आपातकालीन स्थितियों में व्यक्ति को बड़ी से बड़ी स्वास्थ्य समस्या से बाहर निकालने का काम करते हैं। राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस का उद्देश्य डॉक्टर्स के समर्पण और निस्वार्थ सेवा के लिए उन्हें सम्मानित करना है।
National Doctor’s Day 2024: डॉक्टर्स के प्रति रहें संवेदनशील
अमर उजाला से बातचीत में डॉ. वसीम गौहरी (मधुमेह रोग विशेषज्ञ) बताते हैं कि डॉक्टरों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जनता को बताने और उनके अथक प्रयासों की सराहना करने की आवश्यकता है। अक्सर डॉक्टर्स के साथ होने वाली मारपीट-दुर्व्यवहार की घटनाओं को रोकने, उनके व्यक्तिगत जीवन को स्पेस देने और उनके शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य को लेकर संवेदनशीलता बरतने की जरूरत है।
मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं डॉक्टर
साल 2023 में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने एक सर्वे में बताया कि हमलों और आपराधिक मुकदमे का डर, नींद की कमी, तनाव, सामाजिक परिवेश, और रूढ़िवादिता के चलते देश में डॉक्टरों का एक बड़ा तबका मानसिक रोगों का शिकार है। 82.7% डॉक्टर अपने पेशे में तनाव महसूस करते हैं।
भगवान नहीं हैं डॉक्टर
वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. सत्यकांत कहते हैं कि डॉक्टर्स को भी यह समझना होगा कि उनकी भी एक सीमा है, वे ब्रह्मा नहीं हैं, जो नियति बदल दें। हमें डॉक्टर्स के प्रति संवेदनशील रहना चाहिए और उनके प्रयासों का सम्मान करना चाहिए।
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस का उद्देश्य हमारे जीवन को स्वस्थ बनाने में डॉक्टरों के योगदान को सम्मानित करना और उनके समर्पण को सराहना है। इस दिन हम सभी को डॉक्टर्स के प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए और उनकी सेवाओं का सम्मान करना चाहिए।
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