Uttar Pradesh Bypolls: उत्तर प्रदेश की राजनीतिक स्थिति में विपक्षी India Alliance के दो प्रमुख दलों – समाजवादी पार्टी (एसपी) और कांग्रेस के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। एसपी ने आगामी Uttar Pradesh Bypolls के लिए कांग्रेस से बिना परामर्श किए छह उम्मीदवारों की घोषणा की है, जिससे गठबंधन के भविष्य पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
हरियाणा चुनाव का Uttar Pradesh Bypolls पर असर:
हरियाणा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद इंडिया ब्लॉक के सभी दल कांग्रेस पर हमलावर हैं। एसपी द्वारा Uttar Pradesh Bypolls के लिए अपने उम्मीदवारों की स्वतंत्र रूप से घोषणा करना इसी श्रेणी में नया कदम है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने Uttar Pradesh Bypolls में पांच सीटों पर चुनाव लड़ने का अनुरोध किया थ।
लेकिन सपा ने इसे नज़रअंदाज कर दिया और अपने 6 कैंडिडेट्स घोषित कर दिए। इससे India Alliance में हरियाणा में कांग्रेस की दुर्गति के बाद घटते प्रभाव का संकेत मिल रहा है।
यह माना जा रहा है कि हरियाणा में हालिया चुनावी झटके ने ‘इंडिया’ गठबंधन में कांग्रेस की मोलभाव करने की स्थिति को कमजोर कर दिया है।एसपी में चर्चा है कांग्रेस की हालिया चुनावी हार उसके कमजोर होते जनाधार का संकेत है।
कांग्रेस का India Alliance पर रुख:
दूसरी ओर यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय अभी भी गठबंधन के भविष्य को लेकर आशावादी हैं। उन्होंने जोर दिया कि कांग्रेस और एसपी अंततः Uttar Pradesh Bypolls में साथ मिलकर लड़ेंगे। राय ने कहा कि पार्टी की “संविधान बचाओ” (सम्विधान बचाओ) अभियान सभी 10 निर्वाचन क्षेत्रों में जारी रहेगा। “मुझे विश्वास है कि कांग्रेस और एसपी साथ चुनाव लड़ेंगे,” राय ने कहा।
सपा का रूख:
इस घटनाक्रम के बीच, सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अमिक जामेई ने कांग्रेस की आलोचना की है और हालिया हरियाणा हार के लिए कांग्रेस के आंतरिक संघर्षों और अतिविश्वास को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस ने अखिलेश यादव को चुनावी सभाओं में आमंत्रित किया होता, तो परिणाम अलग हो सकते थे।

चारो तरफ है असंतोष:
उत्तर प्रदेश में एसपी और कांग्रेस के बीच बढ़ता तनाव ‘इंडिया’ गठबंधन के भीतर व्यापक आंतरिक तनावों का हिस्सा है। महाराष्ट्र और झारखंड जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगी, जहां अगले महीने चुनाव होने हैं, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के चुनावी झटकों के बाद सख्त रुख अपना रहे हैं।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), झारखंड मुक्ति मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल और नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) ने कांग्रेस की भूमिका पर चिंता व्यक्त की है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी कांग्रेस की आलोचना करते हुए इसे “अतिविश्वासी” करार दिया और आगामी दिल्ली चुनावों के लिए कांग्रेस के साथ किसी भी गठबंधन से इनकार किया।
हरियाणा का ख़राब प्रदर्शन तो है ही कांग्रेस के पास दिखाने के लिए जम्मू कश्मीर में भी कुछ नहीं है जबकि वहां कांग्रेस जीतने वाले गठबंधन का हिस्सा है। ऐसे में सपा द्वारा Uttar Pradesh Bypolls के लिए उम्मीदवारों की स्वतंत्र घोषणा गठबंधन में एक और दरार का संकेत ही है।
सपा द्वारा घोषित किये गए उमीदवारो में तेज प्रताप यादव, लालू प्रसाद यादव के दामाद, करहल सीट से चुनाव लड़ेंग। यह सीट अखिलेश यादव द्वारा संसद चुनाव जीतने के बाद खाली हो गई थी। अन्य प्रमुख उम्मीदवारों में नसीम सोलंकी, मुस्तफा सिद्दीकी, अजीत प्रसाद, शोभावती वर्मा और डॉ. ज्योति बिंद शामिल हैं, जो सभी मजबूत राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले हैं।
अखिलेश की प्रतिक्रिया:
लेकिन इस बढ़ते तनाव के बावजूद, एसपी प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने सहयोगियों और जनता को आश्वस्त किया है कि India Alliance अभी भी बरकरार है। अपने पिता और एसपी संस्थापक मुलायम सिंह यादव की दूसरी पुण्यतिथि के मौके पर अखिलेश ने कहा कि एसपी और कांग्रेस उत्तर प्रदेश में मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
“आज राजनीति पर चर्चा करने का समय नहीं है, लेकिन India Alliance यूपी में बरकरार है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस उत्तर प्रदेश में गठबंधन में रहेंगे,” उन्होंने आश्वासन दिया। अखिलेश ने यह भी कहा कि गठबंधन का मुख्य लक्ष्य भाजपा को हराना है और सीट बंटवारे के विवाद जल्द ही हल हो जाएंगे।
राज्य कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने भी अखिलेश की बात का समर्थन किया है और सुझाव दिया है कि “कुछ उतार-चढ़ाव के बावजूद” गठबंधन मजबूत रहेगा। राय ने कहा, “पहले हमने पांच सीटों की मांग की थी, लेकिन अब हमें चार सीटें मिल सकती हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि गठबंधन टूट जाएगा।”
उत्तर प्रदेश में आगामी Uttar Pradesh Bypolls India Alliance की एकता की परीक्षा के रूप में देखे जा रहे हैं। आंतरिक दरारों के बावजूद, एसपी और कांग्रेस मिलकर भाजपा के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा पेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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