UP Bypolls: कांग्रेस बैठी बाहर, बीजेपी ने सात सीटों पर कैंडिडेट्स की घोषणा की!

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UP Bypolls: महाराष्ट्र के बाद अब हम चलते हैं उत्तर प्रदेश जहाँ जोर शोर से नौ सीटों पर UP Bypolls की तैयारी चल रही है। बीजेपी ने यहाँ नौ में से सात सीटों पर अपने उमीदवारो की घोषणा कर दी है जिनमे कुंदरकी , खैर, ग़ज़िआबाद, करहल , फूलपुर, कटेहरी , और मंझवा की सीटें शामिल हैं। खबरें हैं की मीरपुर की सीट भाजपा RLD के लिए छोड़ेगी। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन में कांग्रेस को दिल पर पत्थर रखना पड़ा है।

UP Bypolls में कांग्रेस और बीजेपी की स्थिति:

समाजवादी पार्टी (एसपी) के नेता अखिलेश यादव ने गुरुवार को पुष्टि की कि पार्टी UP Bypolls की सभी नौ सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी। यह फैसला तब आया जब हरियाणा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस ने इन उपचुनावों में किसी भी सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारने का निर्णय लिया। कांग्रेस ने पहले कम से कम पांच सीटों की मांग की थी, जिनमें अयोध्या जिले की मिल्कीपुर सीट भी शामिल थी, जिसे उसने 1989 से नहीं जीता है।

अखिलेश यादव का ट्वीट:

अखिलेश यादव ने X पर पोस्ट करते हुए कहा कि यह फैसला संविधान, आरक्षण और सद्भावना को बचाने के उद्देश्य से लिया गया है, साथ ही बापू (महात्मा गांधी), बाबासाहेब (अंबेडकर) और राम मनोहर लोहिया के सपनों के भारत को बनाने का संकल्प भी है। यादव की पोस्ट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ उनकी एक तस्वीर भी शामिल थी, जिसमें दोनों विजयी मुद्रा में हाथ मिलाते हुए दिख रहे थे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह गठबंधन सीट-बंटवारे के गणित पर नहीं, बल्कि भाजपा के यूपी विधानसभा में बढ़त को कम करने के उद्देश्य पर आधारित है।

कांग्रेस और सपा का समझौता:

दरअसल, यह फैसला समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीट आवंटन को लेकर चल रहे लंबे विवाद के बाद आया। कांग्रेस UP Bypolls पांच सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन एसपी केवल दो सीटें छोड़ने को तैयार थी। 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 255 सीटें जीती थीं, जबकि समाजवादी पार्टी ने 111 सीटें हासिल की थीं। कांग्रेस केवल दो सीटें—रामपुर खास और फरेंदा—जीत पाई थी।

हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 80 में से 37 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा ने 33 और कांग्रेस ने 6 सीटें हासिल कीं, जिनमें से एक थी अमेठी, जिसे उसने भाजपा की स्मृति ईरानी से वापस जीता था। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनावी नतीजों के बाद कांग्रेस की स्थिति और कमजोर हो गई, जहां उसे गठबंधन सहयोगियों से उचित सहयोग न करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा।

सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस का UP Bypolls से पीछे हटने का फैसला एक रणनीतिक कदम हो सकता है। कांग्रेस महाराष्ट्र चुनाव में समाजवादी पार्टी की सीटों की मांग का मुकाबला करने की कोशिश कर रही है, जहां सपा 12 सीटें मांग रही है। महाराष्ट्र में कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया था और 13 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी।

कांग्रेस के राज्य नेता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि पार्टी का यूपी में पीछे हटने का फैसला भाजपा को हराने की जरूरत पर आधारित है। उन्होंने कहा, “हमारे लिए चुनाव चिह्न महत्वपूर्ण नहीं है, हमारे लिए भाजपा के कुशासन का अंत महत्वपूर्ण है।” उन्होंने हरियाणा चुनाव में अखिलेश यादव की “बड़प्पन” का भी जिक्र किया, जहां यादव ने सीट-बंटवारे की मांग को जोरदार तरीके से नहीं उठाया था।

वहीं, भाजपा ने इस गठबंधन की आलोचना की। भाजपा के उत्तर प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने हरियाणा और मध्य प्रदेश के चुनावों का बदला लिया है, जहां कांग्रेस ने सीट-बंटवारे की मांग को अनदेखा किया था। त्रिपाठी ने कहा कि इस गठबंधन में दरार आ गई है और समाजवादी पार्टी भाजपा के “कांग्रेस-मुक्त भारत” के नारे को साकार कर रही है।

UP Bypolls के लिए मतदान 13 नवंबर को होगा और नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।

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