Mahayuti Gathbandhan: महाराष्ट्र में सीटों पर चल रही लड़ाई ख़तम होने का नाम नहीं ले रही है। अभी तक महा विकास अघाड़ी के सदस्य दलों के बीच सीटों पर लड़ाई की खबरें जोर शोर से चल रही थी और Mahayuti Gathbandhan की पार्टियां अपनी लिस्ट जारी कर रही थी।
Mahayuti Gathbandhan में सब कुछ लग रहा था ठीक:
लिस्टो को जारी करने की इस प्रक्रिया से लग रहा था की Mahayuti Gathbandhan के बीच सब ठीक ठाक चल रहा है। हालाँकि कांग्रेस नेता नाना पटोले से जब महा विकास अघाड़ी में विवादों के बारे में पूछ गया तो उन्होंने कहा भी था की सीटों के बंटवारे की दिक्कत MVA से ज्यादा Mahayuti Gathbandhan के बीच है। और अब यह बात सच होती भी दिखाई दे रही है क्योंकि जहा एक तरफ MVA 85-85-85 सीटों के फॉर्मूले पर पहुँचने के बाद अपनी लड़ाई को सिर्फ 23 सीटों तक खींच लाया है वहीँ महायुति की सदस्य पार्टियां अमित शाह के दरबार में पहुंची हैं अपनी सीट्स के झगडे सुलझाने।
Mahayuti Gathbandhan का विवाद:
Mahayuti Gathbandhan का पेंच 106 सीटों पर फंसा है। इन 106 सीटों में से 25 से 30 सीटों पर तीनो पार्टियां अपना अपना दावा ठोक रहीं हैं जबकि कुछ जगहों पर अजीत पंवार के मौजूदा विधायक होने के बावजूद बीजेपी की नज़रें उन सीटों पर हैं। मामला इसका उल्टा भी है। यानी बीजेपी के सिटींग MLA होने के बावजूद शिंदे शिवसेना या अजीत पंवार एनसीपी वहां से चुनाव लड़ना चाहते हैं। और इन्ही विवादों पर आज की अमित शाह के साथ बैठक का एजेंडा है।
तीन सीटों पर हैं बड़े पेंच:
खबरों के अनुसार तीन सीटें जिन पर Mahayuti Gathbandhan में लड़ाई हैं वो हैं शिवाजी नगर , अणुशक्ति , अँधेरी ईस्ट। इनमे शिवाजी नगर पर नवाब मालिक अजीत पंवार की एनसीपी से अपना दावा ठोक रहे हैं लेकिन नवाब मालिक पर लगे आरोपों के कारण बीजेपी वहां से इनको टिकट देने के विरोध में है जबकि अणुशक्ति से नवाब मालिक की बेटी सना मालिक को टिकट चाहिए। बीजेपी इसके भी खिलाफ है।
बीजेपी अँधेरी ईस्ट से एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की पत्नी स्वीकृति शर्मा को भी टिकट देने के खिलाफ है। स्वीकृति को शिंदे ग्रुप अँधेरी ईस्ट से चुनावी मैदान में उतारना चाहता है। सबसे ज्यादा पेंच इन्ही सीट्स पर महायुति का फंसा है।
नवाब मालिक के ऊपर तो बीजेपी को घनघोर आपत्ति है। नवाब मालिक के लिए बीजेपी ने पहले ही एलान किया हुआ है की अगर नवाब मालिक या उनके परिवार से किसी को भी टिकट मिलता है तो बीजेपी उसके लिए प्रचार नहीं कारगी। गौरतलब है की नवाब मालिक वह नेता हैं जिन्होंने शाहरूख खान के बेटे की ड्रग्स केस में गिरफ्तारी के दौरान नारकोटिक्स ब्यूरो चीफ समीर वानखेड़े के ऊपर कई आरोप लगाए थे जिनमे समीर वानखेड़े का असली धर्म मुसलमान होना और गलत जानकारी के आधार पर आरक्षण लेना भी शामिल है।
कहा जा रहा है की बीजेपी की इस आपत्ति के कारण ही अजीत पंवार एनसीपी द्वारा जारी की गयी पहली लिस्ट से नवाब मालिक का नाम गायब था। अभी तक Mahayuti Gathbandhan के तीनो दल बीजेपी, शिव सेना , और एनसीपी क्रमशः 99, 45, और 38 सीटों पर अपने अपने उमीदवार का एलान कर चुके है।
MVA गठबंधन पहुंचा समझौते के करीब:
अगर महा विकास अघाड़ी की बात करें तो सीटों के ऊपर भरपूर विवाद के बाद अब इनके खेमे में चीज़ें पटरी पर आती हुई दिखाई दे रही हैं। आधी रात तक चली मैराथन बैठक के बाद MVA 85-85-85 के फॉर्मूले पर पहुँच गयी है। बाकी सीटों के लिए संजय राउत का कहना है की छोटे सहयोगियों जैसे सपा , लेफ्ट, और PWP से बातें होंगी।
इस बीच शिव सेना (उद्धव ठाकरे ग्रुप) की पहली लिस्ट भी आ गयी है और वहां कुछ दिलचस्प नाम सामने आये हैं। सबसे दिलचस्प है ठाणे की कोपरी-पचपाखड़ी सीट जहाँ से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे चुनाव लड़ेंगे। mva में यह सीट उद्धव ठाकरे शिव सेना के पास है और यहाँ से उन्होंने केदार दिघे जो एकनाथ शिंदे के गुरु आननद दिघे के भतीजे हैं उन्हें पार्टी का प्रत्याशी बनाया है।
हालाँकि संजय राउत ने साफ़ किया है की इस लिस्ट में कुछ कमियां है और जिन सीटों पर अभी बातचीत हुई है और वे एनसीपी के खाते में हैं उन सीटों के कैंडिडेट भी इस लिस्ट में आ गए हैं।
और इस तरह महाराष्ट्र चुनावों का एक विवाद सुलझा है तो दूसरा विवाद शुरू हो गया है। देखना होगा की दिल्ली में होने वाली इस बैठक में विवाद सुलझ पाएंगे या अब दिल्ली के चक्कर लगाने की बारी महायुति के नेताओ की है।
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