Jharkhand Assembly Elections के लिए विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन के अंदर अब असंतोष बढ़ रहा है। 13 और 20 नवंबर को झारखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं, और इन चुनावों से पहले कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के बीच सीट बंटवारे को लेकर दरारें गहराती नजर आ रही हैं।
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Toggleगठबंधन का उद्देश्य भाजपा और NDA के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा तैयार करना था, लेकिन सीट बंटवारे के मुद्दे पर मतभेद, खासकर झारखंड में, गठबंधन के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं। सबसे पहले, RJD ने सीट वितरण प्रक्रिया को लेकर खुली नाराजगी जाहिर की, इसे “एकतरफा” बताया और संकेत दिया कि उन्हें उम्मीद से कम सीटें मिली हैं।
Jharkhand Assembly Elections: RJD की नाराजगी और गठबंधन में फूट
RJD ने गठबंधन के द्वारा किए गए सीट बंटवारे के फैसले पर सवाल उठाए हैं। RJD के नेताओं ने इसे “एकतरफा” करार देते हुए कहा है कि इस फैसले में उनकी सहमति नहीं ली गई और उनकी हिस्सेदारी को अनदेखा किया गया है। RJD का कहना है कि उन्हें उचित सीटें नहीं मिलीं, जो उनके प्रभाव और योगदान के साथ न्याय नहीं करती।
RJD ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और JMM ने सीटों को अपने बीच बांट लिया और RJD को केवल कुछ सीमित सीटों के साथ संतुष्ट होने के लिए मजबूर किया जा रहा है। RJD के वरिष्ठ नेताओं ने यहां तक कहा कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी जातीं, तो वे गठबंधन से अलग होने पर भी विचार कर सकते हैं।
कांग्रेस और JMM के बीच टकराव
RJD की नाराजगी के साथ-साथ कांग्रेस और JMM के बीच भी कुछ सीटों को लेकर विवाद सामने आ रहा है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस चाहती है कि JMM अपनी कुछ सीटें RJD को दे, ताकि RJD गठबंधन में संतुष्ट रह सके। हालांकि, JMM इस प्रस्ताव को मानने के लिए तैयार नहीं है।
एक JMM के अंदरूनी सूत्र ने कहा कि हेमंत सोरेन और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के.सी. वेणुगोपाल के बीच सीट बंटवारे पर बातचीत “अच्छे नोट पर खत्म नहीं हुई”। इस बात से यह साफ हो जाता है कि दोनों दलों के बीच इस मुद्दे पर काफी तनाव है। वहीं, कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि JMM उन्हें “दबाव में लाने” की कोशिश कर रहा है।
इस तरह की खींचतान ने झारखंड में गठबंधन को कमजोर करने का खतरा पैदा कर दिया है, जिससे बीजेपी को फायदा हो सकता है। अगर इन मतभेदों को जल्द सुलझाया नहीं गया, तो यह गठबंधन की Jharkhand Assembly Elections संभावनाओं को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
NDA का सीट बंटवारा: BJP और AJSU की सहमति
दूसरी ओर, NDA गठबंधन ने सीट बंटवारे पर आपसी सहमति दिखाते हुए अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU) ने 8 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की, जिसमें सुदेश महतो ने अपनी पारंपरिक सीट सिल्ली से चुनाव लड़ने की घोषणा की है।
AJSU ने इस बात को भी स्वीकार किया है कि BJP के साथ सीट बंटवारे को लेकर कुछ असंतोष था, लेकिन इसे ज्यादा बढ़ावा दिए बिना दोनों दलों ने इसे हल कर लिया।
NDA के सीट बंटवारे के तहत, AJSU को 10 सीटें दी गई हैं, JD(U) को 2 और LJP (रामविलास) को 1 सीट दी गई है, जबकि BJP शेष 68 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
AJSU उम्मीदवारों की सूची
AJSU ने 8 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की, जिसमें सुदेश महतो सिल्ली से चुनाव लड़ेंगे। इसके अलावा, लंबोदर महतो को गोमिया सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। सुनिता चौधरी, जो गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी हैं, रामगढ़ से चुनाव लड़ेंगी। वहीं, नीरू शांति भगत, जो पूर्व विधायक कमल किशोर भगत की पत्नी हैं, लोहरदगा से चुनाव लड़ेंगी।
इसके अलावा, रामचंद्र साहिस को जुगसलाई, निर्मल महतो को मांडू, हरेलाल महतो को इचागढ़ और अजहर इस्लाम को पाकुड़ से उम्मीदवार बनाया गया है।
Jharkhand Assembly Elections में BJP की रणनीति
इसके विपरीत, BJP ने पहले ही अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। 19 अक्टूबर को BJP ने झारखंड चुनावों के लिए 66 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। इससे साफ जाहिर होता है कि पार्टी संगठनात्मक स्तर पर चुनाव की तैयारियों में आगे बढ़ चुकी है और किसी भी प्रकार के आंतरिक विवाद को बढ़ावा दिए बिना चुनाव में उतरने को तैयार है।
INDIA गठबंधन की चुनौती
Jharkhand Assembly Elections के नजदीक आते ही INDIA गठबंधन के सामने चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं। सीट बंटवारे को लेकर जिस तरह से विवाद उभर रहे हैं, वे गठबंधन की संभावनाओं को कमजोर कर सकते हैं।
अगर RJD, कांग्रेस और JMM के बीच मतभेद जल्द ही सुलझाए नहीं जाते, तो इसका सीधा फायदा BJP को हो सकता है। BJP और उसके सहयोगी पहले ही एकजुट होकर मैदान में उतर चुके हैं, जिससे विपक्षी गठबंधन के लिए राह मुश्किल हो सकती है।
Jharkhand Assembly Elections से पहले INDIA गठबंधन के भीतर दरारें उभरना इस गठबंधन के लिए गंभीर समस्या बन सकता है। RJD का असंतोष, कांग्रेस और JMM के बीच सीटों को लेकर तनाव, और NDA की तैयारियों ने विपक्षी दलों के गठबंधन के सामने कई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।
अगर ये मतभेद जल्द सुलझाए नहीं जाते, तो इसका परिणामJharkhand Assembly Elections में हार के रूप में सामने आ सकता है। वहीं, BJP और NDA पहले से ही अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर मजबूत स्थिति में हैं, जिससे Jharkhand Assembly Elections में उनकी स्थिति बेहतर दिख रही है।
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