Jammu-Kashmir: क्या है बीजेपी और Independents का एंगल?

Jammu-Kashmir

एक तरफ जहाँ Jammu-Kashmir और हरियाणा चुनावों के बाद एग्जिट पोल्स ने हरियाणा में साफ़ साफ़ कांग्रेस सरकार आने का prediction किया है वहीँ दूसरी तरफ जम्मू और कश्मीर की स्थिति इतनी साफ़ नहीं है।  Jammu-Kashmir में hung assembly की संभावना इन पोल्स में जताई गयी है और ये कांग्रेस-नेशनल कांफ्रेंस alliance के माथे में बल का कारण है।  वहीँ दूसरी तरफ बीजेपी की बांछे इस exit poll के बाद खिल गयी हैं और सूत्रों ने बताया है की अगर बीजेपी जम्मू में अच्छा प्रदर्शन कर largest party के रूप में उभरती है तो बीजेपी सरकार बनाने के लिए दावा करेगी।  लेकिन सवाल यह है की जो पार्टी 90 सीट्स में से सिर्फ 62 सीट्स पर चुनाव लड़ रही हो वह कैसे सरकार बना पाएगी ?

Jammu-Kashmir सीटों का गणित:

यह सवाल हर किसी के दिमाग में है। Jammu-Kashmir में 90 सीट्स हैं और नए कानून के तहत 5 विधायक जम्मू के गवर्नर को नॉमिनेट करने हैं। nominated और elected दोनों ही सदस्यों के अधिकार same होंगे।  इस तरह 95 मेंबर वाली इस असेंबली में 48 सदस्यों की जरुरत majority mark तक पहुंचने के लिए होगी।
बीजेपी की जम्मू और कश्मीर में सरकार बनाने की उम्मीद तीन factors पर टिकी है।
पहला फैक्टर है जम्मू क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन ।  2022 में हुई delimitation exercise के चलते जम्मू में अब 43 assembly seats हैं जबकि कश्मीर में 47 seats हैं।  बीजेपी के internal survey के अनुसार वहां बीजेपी को 28 -35 सीट्स जीतने की उम्मीद है।  2014 में  बीजेपी ने जम्मू रीजन की 37 सीट्स में से 25 सीट्स जीती थी और बीजेपी को अपना यह प्रदर्शन 2024 में भी जारी रखने की उम्मीद है।  जानकारों का कहना है की जम्मू में बीजेपी का प्रदर्शन और भी बेहतर हो सकता था अगर पार्टी में अंतरकलह न होती।  बीजेपी का मानना है की अगर बीजेपी जम्मू में अच्छा प्रदर्शन कर single largest party बनती है तो बीजेपी सरकार बनाने के लिए अपना दावा पेश करने में देर नहीं लगाएगी।  लेकिन बीजेपी का प्रदर्शन कितना भी अच्छा क्यों न हो जम्मू में, ये majority mark से काफी पीछे रहने वाली है।  तो numbers कहाँ से पूरे होंगे।  इसके लिए बीजेपी के पास strategy है।

Jammu-Kashmir चुनावों में इंडेपेंडेंट्:

गवर्नर द्वारा nominated members में BJP कोशिस करेगी की सब उसके लोग हो  ताकि BJP के 5 मेंबर यहाँ बढ़ जाएँ।  उसके बाद BJP की उमीदें जुडी हैं independents से।
Jammu-Kashmir के इन चुनावों में independent angle काफी दिलचस्प रहा है।  सूत्रों का कहना है की बीजेपी ने चुपके चुपके independents को टटोलना भी शुरू कर दिया है। Jammu-Kashmir के इन चुनावों में कुल candidates की संख्या 908 है और इनमे 40% से ज्यादा candidates independent हैं।  दरअसल ये candidates छोटी छोटी पार्टी से हैं लेकिन कुछ पार्टी जैसे आवामी इत्तेहाद पार्टी जो जेल में रह रहे sepratist शेख अब्दुल इंजीनियर रशीद की पार्टी है उसके हैं।  10 candidates जमात-इ-इस्लामी से हैं जो खुद प्रतिबंधित है लेकिन उसने 10 candidates independent के रूप में उतारे हैं।

Jammu-Kashmir इंडेपेंडेट्स बीजेपी की B-TEAM:

बीजेपी को उम्मीद है की अगर वो single largest party बनती है तो इन independents को वो अपनी तरफ आने के लिए कहेगी।  बीजेपी के इंजीनियर की पार्टी और कांग्रेस rebels के साथ में संपर्क में होने की चर्चा राजनितिक गलियारों में जोर शोर से है।  लेकिन साथ ही कांग्रेस के भी कांग्रेस rebels के contact में होने की खबरें हैं।
इतना साफ़ है की बीजेपी का Jammu-Kashmir में सत्ता वापसी का रास्ता उन लोगो के कंधो से हो कर जाता है जो कभी अलगाववादी रहे है और कट्टर माने जाते हैं।  यह कश्मीर की राजनीती का काफी रोचक मोड़ है जहाँ पर कट्टर अलगाववादियों को कश्मीर की पार्टियां बीजेपी की B team कह कर सम्बोधित कर रही हैं।
और यह एक ऐसा angle है जो बीजेपी के कश्मीर की सत्ता की राह में रोड डाल सकता है।

कांग्रेस , PDP, और नेशनल कांफ्रेंस ने यह बात डंके की चोट पर कही है की ये independent candidates बीजेपी की B team हैं।  इस दावे को support करने के लिए उनके पास तर्क भी हैं।  बीजेपी ने पिछली बार 75 सीट्स पर चुनाव लड़ा था जो इस बार सिर्फ 62 सीट्स पर लड़ रही है।  इसमें भी कश्मीर में सिर्फ 19 सीट्स पर चुनाव BJP लड़ रही है। संयोग वश इंडिपेंडेंट कश्मीर में जम्मू के मुकाबले बहुत ज्यादा हैं।  औसतन एक सीट पर 5 जबकि जम्मू में यह संख्या 2-से ढाई है। 

साथ ही यह अफवाह भी जोरो पर है की कुछ independents को बीजेपी ने चोरी छुपे support किया है।  PDP और नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने वोटर्स तक यह सन्देश  देने की कोशिश की है की independents BJP की B team है और वोट बांटने के लिए खड़े हुए हैं।  अगर ये तीनो पार्टियां अपना यह सन्देश voters तक पहुंचाने में सफल हुई हैं तो बीजेपी का कश्मीर की सत्ता का सपना सपना ही रह सकता है और फिर बीजेपी को सत्ता के लिए PDP के सामने नतमस्तक होना पड़ेगा।  ऐसी स्थिति में सफलता की गुंजाइश अगर असंभव नहीं तो काफी मुश्किल जरूर है।  

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