Election Commission Warning: भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने चुनावी अभियानों के दौरान महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक भाषा के प्रयोग पर कड़ी चेतावनी दी है। यह Election Commission Warning उस विवाद के बाद आई है, जो शिवसेना (UBT) नेता अरविंद सावंत द्वारा बीजेपी नेता शाइना एनसी के बारे में की गई टिप्पणी के कारण उत्पन्न हुआ।
मामले की पृष्ठभूमि:
सावंत ने शाइना एनसी, जो मुम्बादेवी सीट से चुनाव लड़ रही हैं, को “इंपोर्टेड माल” (आयातित वस्तु) कहकर अपमानित किया, जिससे उनकी कड़ी आलोचना हुई। शाइना ने इस टिप्पणी को न केवल अपमानजनक बताया, बल्कि यह भी कहा कि यह महिलाओं के प्रति अवमानना को दर्शाती है और विपक्षी शिवसेना में महिलाओं का सम्मान नहीं किया जाता।
महिला टिपण्णी पर Election Commission Warning
इस पर चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ऐसी भाषा के उपयोग की निंदा की और चुनाव अधिकारियों से अपमानजनक टिप्पणियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। चुनाव आयोग ने पहले भी राजनीतिक पार्टियों और उम्मीदवारों को ऐसी टिप्पणियों से बचने की हिदायत दी थी जो महिलाओं की इज्जत और गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं। कुमार ने कहा कि ऐसी हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विवाद तब बढ़ गया जब सावंत ने यह स्पष्ट किया कि उनका इरादा अपमानजनक नहीं था, और उन्होंने कहा कि उनका बयान ‘माल’ शब्द के संदर्भ में था, लेकिन शाइना ने इसे गलत समझा। इसके बावजूद, इस टिप्पणी ने राजनीतिक बहस छेड़ दी, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने विपक्ष की चुप्पी की आलोचना करते हुए कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक भाषा अस्वीकार्य है।
चुनाव आयोग ने एक अन्य कदम के रूप में सरकार के वाहनों का काले धन, नकदी, शराब या अन्य किसी प्रकार के प्रलोभन के लिए दुरुपयोग रोकने की दिशा में कड़ी निगरानी रखने की भी बात की। आयोग ने अधिकारियों से रात में गश्त बढ़ाने और चुनाव के दौरान सरकारी वाहनों के दुरुपयोग को रोकने की अपील की है।
इस Election Commission Warning से चुनाव आयोग की संकल्पना स्पष्ट होती है कि वह चुनाव प्रक्रिया की ईमानदारी बनाए रखने के साथ-साथ सभी भागीदारों, खासकर महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा की रक्षा भी करेगा। अब यह देखना बाकी है कि क्या राजनीतिक नेता Election Commission Warning का पालन करते हैं और अपने सार्वजनिक भाषणों में अधिक सम्मानजनक भाषा का प्रयोग करते हैं।
Trudeau Diwali Comments: कनाडा में खालिस्तानी उपस्थिति को किया स्वीकार
AMU मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 1967 का अपना फैसला बदला, किया अल्पसंख्यक दर्जा मिलने का रास्ता साफ़
Delhi High Court ने Contempt Case में वकील को जेल भेजा, कहा अदालत का सम्मान नहीं