Dalit Woman Murder: उत्तर प्रदेश के करहल विधानसभा क्षेत्र में बुधवार को एक 23 वर्षीय दलित महिला का शव बोरे में मिलने के बाद राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। परिवार ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी को भाजपा के प्रति समर्थन दिखाने और समाजवादी पार्टी (सपा) के पक्ष में वोट न देने के चलते हत्या का शिकार बनाया गया।
Dalit Woman Murder पर परिवार के आरोप और पुलिस कार्रवाई
महिला का शव करहल के कंजरा नदी पुल के पास बोरे में पाया गया। पीड़िता के पिता ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि उनकी बेटी दुर्गा को 19 नवंबर को सपा समर्थक प्रशांत यादव और उनके साथी मोहन कठेरिया ने धमकाया था। Dalit Woman Murder पर परिवार ने आरोप लगाया कि दुर्गा ने भाजपा को वोट देने की बात कही थी, क्योंकि उनके परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिला था। इस पर प्रशांत यादव ने नाराजगी जताई और उसे सपा के लिए वोट न देने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) विनोद कुमार ने बताया कि दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पीड़िता के परिजनों ने यह भी आरोप लगाया है कि दुर्गा के साथ हत्या से पहले बलात्कार किया गया। महिला का शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है, और मामले की जांच जारी है।
Dalit Woman Murder घटनाक्रम और राजनीतिक विवाद
Dalit Woman Murder घटना के बाद भाजपा और सपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने इस घटना को लेकर सपा पर निशाना साधा और कहा, “समाजवादी पार्टी के प्रशांत यादव और उनके सहयोगियों ने केवल इसलिए एक दलित बेटी की बेरहमी से हत्या कर दी क्योंकि उसने ‘साइकिल’ के बजाय ‘कमल’ को वोट देने का इरादा जाहिर किया था।”
दूसरी ओर, सपा की ओर से करहल सीट के उम्मीदवार तेज प्रताप यादव ने घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की और कहा कि दोषियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए। हालांकि, सपा ने पुलिस पर मतदाताओं को डराने-धमकाने का भी आरोप लगाया है।
उपचुनाव और करहल का राजनीतिक महत्व
करहल, जो मैनपुरी जिले में आता है, सपा का पारंपरिक गढ़ माना जाता है। यह सीट सपा प्रमुख अखिलेश यादव के लोकसभा चुनाव लड़ने के कारण खाली हुई थी। इस बार अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप यादव को यहां से उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि भाजपा ने उनके रिश्तेदार अनुजेश यादव को मैदान में उतारा है।
करहल में यादव मतदाताओं की संख्या लगभग 1.4 लाख है, जबकि दलित और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या क्रमशः 40,000 और 15,000 है। ऐसे में यह सीट सपा और भाजपा दोनों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है।
दुर्गा की हत्या और उपचुनाव पर असर
परिवार और चश्मदीदों के मुताबिक, दुर्गा 19 नवंबर को कुछ स्थानीय लोगों के साथ आखिरी बार देखी गई थी। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि दो लोग उसे बाइक पर ले जा रहे थे। अगले दिन उसका शव बरामद किया गया।
Dalit Woman Murder ने दलित और महिला सुरक्षा के मुद्दों को लेकर नई बहस छेड़ दी है। भाजपा ने इसे सपा की “राजनीतिक हिंसा” करार दिया है, वहीं सपा ने प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया है।
करहल उपचुनाव में वोटिंग के दौरान यह मामला मतदाताओं को प्रभावित कर सकता है। दोनों पार्टियों के बीच इस सीट को लेकर कांटे की टक्कर है।
Dalit Woman Murder का मामला केवल एक आपराधिक घटना नहीं है, बल्कि यह राजनीति और सामाजिक ताने-बाने के जटिल समीकरणों को उजागर करता है। इस घटना से जहां दलित समुदाय में आक्रोश बढ़ा है, वहीं यह मामला चुनावी मुद्दा भी बन गया है। अब यह देखना अहम होगा कि पुलिस जांच के नतीजे क्या आते हैं और इस घटना का उपचुनाव पर क्या असर पड़ता है।
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