Anil Deshmukh: महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सियासी माहौल गर्म हो गया है। प्रचार के अंतिम दिन, राज्य के पूर्व गृह मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के वरिष्ठ नेता Anil Deshmukh पर नागपुर जिले में उनकी कार पर पथराव हुआ, जिसमें वे घायल हो गए। इस घटना ने चुनावी प्रक्रिया और राज्य में कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Anil Deshmukh पर हमले का विवरण
यह हमला सोमवार रात करीब 8 बजे कटोल-जालालखेड़ा रोड पर बेलफाटा के पास हुआ, जब Anil Deshmukh नरखेड गांव में बैठक के बाद कटोल लौट रहे थे। उनकी कार पर पत्थर फेंके गए, जिससे गाड़ी की विंडशील्ड टूट गई और खिड़कियों के शीशे चकनाचूर हो गए। वीडियो में दिखा कि उनके सिर से खून बह रहा था, जो उनकी सफेद कुर्ता पर गिर रहा था। उन्हें पहले कटोल सिविल अस्पताल ले जाया गया, फिर नागपुर के एलेक्सिस अस्पताल में भर्ती कराया गया।
नागपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक हर्ष पोद्दार ने कहा कि पुलिस आरोपियों की पहचान करने में जुटी है। वहीं, अनिल देशमुख के समर्थकों की भारी भीड़ कटोल पुलिस स्टेशन के बाहर जमा हो गई और दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की।
नेताओं की कड़ी निंदा
इस घटना की राजनीतिक दलों के नेताओं ने कड़ी निंदा की है। आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे “जानलेवा हमला” बताते हुए कहा कि लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है। आप सांसद राघव चड्ढा ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे वर्तमान महाराष्ट्र सरकार की “कानून व्यवस्था की विफलता” करार दिया। उन्होंने इस सरकार को “महाझूठी” कहते हुए अनिल देशमुख के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। वहीं, राकांपा की सुप्रिया सुले ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई और एंबुलेंस में ले जाए जा रहे अनिल देशमुख की तस्वीरें साझा कीं। कांग्रेस के नेता बालासाहेब थोराट और विकास ठाकरे ने भी इस घटना की निंदा करते हुए इसे राज्य में कानून व्यवस्था के गिरते स्तर का प्रतीक बताया।
चुनाव के दौरान कानून व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने उम्मीदवारों की सुरक्षा और चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट ने चुनाव आयोग से तुरंत हस्तक्षेप करने और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि जब एक पूर्व गृह मंत्री पर हमला हो सकता है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा का क्या होगा?
कटोल विधानसभा क्षेत्र में चुनावी मुकाबला
Anil Deshmukh हमला उस समय हुआ है, जब कटोल विधानसभा क्षेत्र में Anil Deshmukh के बेटे सलील देशमुख राकांपा (शरद पवार गुट) की टिकट पर भाजपा के चारणसिंह ठाकुर के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। यह क्षेत्र महायुति (भाजपा-शिवसेना गठबंधन) और महाविकास अघाड़ी (राकांपा-कांग्रेस-शिवसेना यूबीटी) के बीच कड़े मुकाबले का केंद्र बन गया है।
यह चुनाव महाराष्ट्र की राजनीति में हाल ही में हुई दो बड़ी टूट—शिवसेना और राकांपा—के बाद दोनों गठबंधनों के लिए एक अहम परीक्षा है।
न्याय और जवाबदेही की मांग
इस हमले ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और जिम्मेदारी तय करने की मांग को जन्म दिया है। नेताओं ने चुनावी प्रक्रिया को शांतिपूर्ण बनाए रखने और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने की अपील की है।
Anil Deshmukh जो पिछले कुछ वर्षों में राजनीतिक और कानूनी चुनौतियों का सामना कर चुके हैं, महाराष्ट्र की राजनीति का एक महत्वपूर्ण चेहरा हैं। उन पर हुआ यह हमला चुनावी माहौल को और तनावपूर्ण बना रहा है।
जैसे-जैसे महाराष्ट्र में मतदान का दिन करीब आ रहा है, Anil Deshmukh पर हुआ हमला एक चेतावनी है कि शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। नेताओं ने हिंसा की निंदा की है और न्याय की मांग की है, लेकिन यह घटना राज्य की कानून व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े करती है। अब सभी की नजरें 20 नवंबर पर टिकी हैं, जब मतदाता इस चुनावी जंग का फैसला करेंगे।
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