Shrimp Cultivation: सरकारी मदद से रोजगार के अवसर  

Shrimp Cultivation

आज वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट के भाषण में Shrimp Cultivation का जिक्र किया।  सरकार ने Shrimp Cultivation को बढ़ावा देने के लिए फंडिंग का भी एलान किया है।  इस घोषणा के बाद से सीफ़ूड उत्पादों की कम्पनियो के शेयर्स में उछाल देखा गया है। 

क्या है Shrimp Cultivation: 

Shrimp Cultivation को झींगा पालन कहा जाता है।  यह एक जलीय कृषि या एक्वाकल्चर व्यवसाय है जिसमे समुद्री या फ्रेश पानी में मानव उपयोग के लिए झींगा पालन किया जाता है। कमर्शिअली झींगा पालन 1970  में मुख्य रूप से अमेरिकी, जेपनीस, और वेस्टर्न यूरोप की मांगो को पूरा करने के लिए शुरू हुआ था। झींगा पालन का लगभग 30% एशिया में, विशेष रूप से चीन और इंडोनेशिया में उत्पादित किया जाता है। श्रिम्प की कई प्रजातियां उगाई जाती हैं।  

Shrimp Cultivation कि आधारभूत बातें: 

श्रिम्प खारे पानी और फ्रेश वाटर दोनों प्रकार के हैबिटैट में पाए जाते हैं।  लेकिन खारे पानी कि प्रजातियां फ्रेश वाटर प्रजातियों से अलग होती हैं इसलिए श्रिम्प की सही प्रज्जती का चुनाव करना आवशयक है।  श्रिम्प की प्रजाति का चुनाव करते समय यह जरुरी है की उसकी मार्किट में डिमांड को देख लिया जाए।  

श्रिम्प व्यसक होने तक काफी साड़ी स्टेजेस से हो कर गुजरते हैं। इसलिए श्रिम्प उगाते समय श्रिम्प के जीवन चक्र के बारे में जानकारी होनी चाहिए ताकि जीवन की अलग अलग अवस्थाओं में श्रिम्प को आवशयक नुट्रिशन प्रदान किया जा सके।  

पोंड्स की गहराई, लम्बाई, और पानी की क्वालिटी के बारे में विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए क्योंकि पानी में नमक की मात्रा खारे पानी वाले श्रिम्प के लिए अतिआवश्यक है।   

श्रिम्प की मात्रा पोंड में एक सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए वर्ण श्रिम्प्स एक दूसरे को खा जाते हैं।  

Shrimp Cultivation के लिए पोंड में साफ़ पानी की सप्लाई एवं अच्छी मिटटी होनी चाहिए।  

भारत में Shrimp Cultivation: 

भारत में अस्सी के दशक में श्रिम्प उत्पादन शुरू हुआ, अमीरीकी मांग के जवाब में।  आज भारत श्रिम्प के बड़े निर्यातकों में से एक है।  भारत व्हिटेलेग श्रिम्प का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है।  भारत में आंध्र प्रदेश सबसे बड़ा श्रिम्प उत्पादक राज्य है जहाँ २०२३ में ९१२,००० मीट्रिक टोन्स पसिफ़िक व्हिटेलेग श्रिम्प का उत्पादन किया गया।  आंध्र प्रदेश के अलावा गुजरात और पश्चिमी बंगाल भी बड़े श्रिम्प उत्पादक राज्य हैं।   

2020 में लांच हुई प्रधानमन्त्री मतस्य सम्पदा योजना में श्रिम्प उत्पादन को प्रोत्साहित किया गया है।  इसे गुणवत्तापूर्ण झींगा उत्पादन, प्रजातियों के विविधीकरण, निर्यात-उन्मुख प्रजातियों को बढ़ावा देने, ब्रांडिंग, मानकों और प्रमाणन, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, फसल कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे के निर्माण में सहायता प्रदान करने के लिए शुरू किया गया था। 

अब फिर बजट के दौरान वित्त मंत्री ने बताया की भारत ने झींगा फ़ीड और ब्रूडस्टॉक पर सीमा शुल्क कम कर दिया है। सरकार झींगा ब्रूडस्टॉक के लिए न्यूक्लियस प्रजनन केंद्रों के एक नेटवर्क की स्थापना का समर्थन करने की भी योजना बना रही है।

श्रिम्प इंडस्ट्री से जुड़े लोगो ने इस घोषणा का स्वागत किया है एवं शेयर मार्किट में भी एक्वाकल्चर का निर्यात और उत्पादन करने वाली फर्म्स के शेयर बढ़ गए हैं। जिसमे अवन्ति फूड्स के शेयर्स मे 8.6 का उछाल, अपैक्स फ़ूड के शेयर्स में 7.5 का उछाल और वाटरबासे के शेयर्स में 5.2% का उछाल शामिल है।  इसके अलावा भारत को वर्ल्ड बैंक, एशिया डेवलपमेंट बैंक और फ़ूड एंड एग्रीकल्चर आर्गेनाइजेशन से भी श्रिम्प उत्पादन में मदद मिली है।   

रोजगार के अवसर 

आंध्र प्रदेश में, तेजी से बढ़ती झींगा खेती और प्रसंस्करण उद्योग ने महिलाओं के लिए रोजगार के अवसरों में बढ़ाये है, जिससे उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता मिली है। पिछले दशक में, झींगा प्रसंस्करण सुविधाओं की संख्या 20 से बढ़कर 90 से अधिक हो गई है।  इस वृद्धि ने एक ऐसे तंत्र का निर्माण किया है जहां महिलाएं प्रसंस्करण, छंटाई, पैकेजिंग और गुणवत्ता नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। डॉक्टर मयंक शर्मा जो की मयंक एक्वा कल्चर के मालिक हैं, उनका कहना है की श्रिम्प उद्योग रोजगार पैदा करता है।  शर्मा हर साल ५०० टोन्स श्रिम्प का उत्पाद करते हैं।  शर्मा ने बताया की एक हेक्टेयर श्रिम्प फार्म 40 लोगो को सीधे या परोक्ष रूप से रोजगार देता है।   

भारत में एक्वाकल्चर में रोजगार के काफी अवसर मौजूद है।  सरकार भी इस क्षेत्र में काम करने वाले लोगो की काफी तरह से मदद करती है।  बावजूद इसके भारत में एक्वाकल्चर अभी भी पूरी तरह से अपनी क्षमताओं का दोहन नहीं किया गया है। सीफ़ूड की न सिर्फ विदेशो में बल्कि घरेलू बाज़ारो में काफी मांग है।  इस मांग को पूरा करने के लिए हमे इस क्षेत्र में और भी काम करने की आवश्यकता है।  श्रिम्प उत्पाद पर भारत सरकार का फोकस एक सरहानीय कदम है जो न सिर्फ भारत को कुछ और फॉरेन एक्सचेंज कमाने में मदद करेगा बल्कि भारत में लोगो को भी रोजगार के अवसर मुहैय्या कराएगा। 

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