Paper Leak Commitee: आये दिन कही ना कही पेपर लीक की घटनाये सुनने को मिलती , अब तो यहाँ तक हद हो गयी की NEET जैसे बड़े-बड़े पेपर भी लीक हो जा रहे है. जिससे बच्चो का भविष्य देव पर लग जाता है. अभी कुछ महीने पहले केंद्र सरकार ने लोकसभा में एक पेपर लीक रोकने के लिए कानून भी पेश किया. लेकिन इस कानून का भी कोई मतलब नहीं निकला हर जगह इस कानून की धज्जिया उड़ रहे है.
इसी सब को देखते हुए अब शिक्षा मंत्रालय एक रहत भरी खबर दी है शिक्षा मंत्रालय ने हाई लेवल कमेटी का गठन कर दिया है. नेट-यूजीसी और नीट-यूजी पेपर लीक हंगामे के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दो दिन पहले ही इसकी घोषणा की थी. विशेषज्ञों की इस कमेटी को परीक्षाओं के पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन को तय करने की जिम्मेदारी दी गई है.
Paper Leak Commitee: कमिटी के अध्यक्ष ISRO के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन के नेतृत्व में इस कमेटी का गठन किया गया है. के. राधाकृष्णन को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि इस कमेटी में छह अन्य लोग भी शामिल होंगे। बता दें कि आए दिन पेपर लीक के मामले सामने आ रहे थे, जिसके बाद सरकार ने नए कानून की अधिसूचना भी जारी की है। वहीं अब पेपर लीक की घटनाओं को रोकने के लिए यह कमेटी का भी गठन कर लिया गया है जो अब इस पर निगरानी करेगी.
Paper Leak Commitee: कौन– कौन शामिल है इस कमिटी में ?
1- डॉ. के. राधाकृष्णन (अध्यक्ष)
पूर्व अध्यक्ष, इसरो और अध्यक्ष बीओजी, आईआईटी कानपुर
2- डॉ. रणदीप गुलेरिया (सदस्य)
पूर्व निदेशक, एम्स दिल्ली
3- प्रो. बी. जे. राव (सदस्य)
कुलपति, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद
4- प्रो. राममूर्ति के. (सदस्य)
प्रोफेसर एमेरिटस, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी मद्रास
5- श्री पंकज बंसल (सदस्य)
सह-संस्थापक, पीपल स्ट्रॉन्ग और बोर्ड सदस्य- कर्मयोगी भारत
6- प्रो. आदित्य मित्तल (सदस्य)
डीन स्टूडेंट अफेयर्स, आईआईटी दिल्ली
7- श्री गोविंद जायसवाल (सदस्य)
Paper Leak Commitee: क्या है पेपर लीक बिल ?
एंटी पेपर लीक कानून यानी सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) कानून 2024 (Public Examinations Prevention of Unfair Means Act 2024) का मकसद शिक्षण संस्थानों में प्रवेश और नौकरियों में भर्ती के लिए होने वाली सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ियों और अनियमितताओं पर अंकुश लगाना है.

इस कानून के तहत अपराधियों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल की सजा और 1 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान फरवरी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस अधिनियम को मंजूरी दी थी. अब नीट, यूजीसी-नेट परीक्षाओं को लेकर विवाद के बीच केंद्र सरकार ने इसको लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि कानून के प्रावधान 21 जून से लागू हो जाएंगे. अब देखना यह होगा की यह कमिटी से पेपर लीक का मामला हल होगा की ये भी ऐसे ही मामले को ठंडा करने के लिए लाया गया है.