NCERT Report: क्लास 12th बोर्ड नतीजों में शामिल हो क्लास 9th से क्लास 11th तक की परफॉरमेंस भी!

NCERT Report

NCERT Report: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन प्रणाली में एक बड़ा सुधार प्रस्तावित किया है। NCERT द्वारा एक रिपोर्ट में ये सुधार प्रस्तावित किये गए हैं और कहा गया है की कक्षा 12th के बोर्ड नतीजों में कक्षा 9 से 11 तक के अंक भी शामिल किये जाएँ। अब ये अंक किस प्रकार समायोजित करने का सुझाव दिया गया है आइये जानते हैं।

“शिक्षा बोर्डों के बीच समानता स्थापित करना” या “Establishing Equivalence across Education Boards” शीर्षक वाली इस रिपोर्ट में, NCERT ने सुझाव दिया है कि कक्षा 9, 10 और 11 के अंकों को अंतिम कक्षा 12 के परिणामों में शामिल किया जाना चाहिए। इस प्रस्ताव का उद्देश्य भारत भर में बोर्ड परीक्षाओं के मूल्यांकन का एक समान पैमाना बनाना, समग्र शिक्षा को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के साथ तालमेल बिठाना है।

NCERT Report: कक्षा 12 के परिणामों में निचली कक्षाओं के अंकों को शामिल करना

NCERT के प्रस्ताव के अनुसार, कक्षा 9 से ही छात्रों के प्रदर्शन को उनके अंतिम कक्षा 12 बोर्ड परिणामों में शामिल किया जाएगा। जुलाई 2024 में शिक्षा मंत्रालय को परफॉर्मेंस असेसमेंट, रिव्यू, और एनालिसिस ऑफ नॉलेज फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट (PARAKH) केंद्र द्वारा प्रस्तुत इस रिपोर्ट में भारत के सभी शैक्षिक बोर्डों में एक स्टैंडर्डाइज़्ड मूल्यांकन तरीके की सिफारिश की गई है। इस सोच का उद्देश्य शैक्षिक मूल्यांकन में असमानताओं को दूर करना और छात्र की सम्पूर्ण शैक्षणिक प्रदर्शन का अधिक व्यापक मूल्यांकन सुनिश्चित करना है।

प्रस्तावित मॉडल के अनुसार, कक्षा 9, 10 और 11 में प्राप्त अंकों को विशिष्ट महत्व दिया जाएगा। विशेष रूप से, अंतिम कक्षा 12 के परिणामों में कक्षा 9 के अंकों का 15%, कक्षा 10 के अंकों का 20%, और कक्षा 11 के अंकों का 25% योगदान होगा। शेष 40% कक्षा 12 में छात्र के प्रदर्शन पर आधारित होगा। यह मॉडल छात्रों की क्षमताओं का एक अधिक संतुलित मूल्यांकन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, बजाय इसके कि केवल स्कूल के अंतिम वर्ष में उनके प्रदर्शन पर उनकी ज़िन्दगी की इतनी बड़ी परीक्षा का परिणाम निर्भर किया जाए।

NCERT Report: व्यावसायिक और कौशल-आधारित शिक्षा पर जोर

NCERT Report के प्रस्ताव के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक व्यावसायिक और कौशल-आधारित शिक्षा पर जोर देना है। रिपोर्ट में डेटा प्रबंधन, कोडिंग, एप्लिकेशन डेवलपमेंट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, संगीत, कला, और शिल्प जैसे क्षेत्रों को अनिवार्य रूप से पाठ्यक्रमों में शामिल करने की सिफारिश की गई है। NCERT Report का यह प्रस्ताव  NEP 2020 के उद्देश्यों के साथ मेल खाता है। इन विषयों को मुख्य पाठ्यक्रम में शामिल करके, NCERT का उद्देश्य छात्रों को विविध करियर पथ और वास्तविक जीवन की चुनौतियों के लिए बेहतर तरीके से तैयार करना है।

व्यावसायिक और कौशल-आधारित शिक्षा की शुरुआत को छात्रों को तेजी से बदलती दुनिया में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल से लैस करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है। व्यावहारिक कौशल और हाथों से काम करने पर ध्यान केंद्रित करके, शिक्षा प्रणाली उन बच्चो का निर्माण कर सकती है जो न केवल शैक्षणिक रूप से कुशल हैं, बल्कि अपने ज्ञान को वास्तविक स्थितियों में लागू करने में भी सक्षम हैं। इस दृष्टिकोण से शैक्षणिक शिक्षा और उद्योग की जरूरतों के बीच के अंतर को कम करने की उम्मीद है, जिससे छात्रों की रोजगार योग्यता में वृद्धि होगी और वे उद्योग जगत में जा कर कुछ काम करने लायक बन सकेंगे।

NCERT Report:  बोर्ड परीक्षा अंकों का वितरण

प्रस्तावित मूल्यांकन प्रणाली में विभिन्न कक्षाओं से अंकों को विशिष्ट वजन दिया जाएगा। कक्षा 12 के लिए मूल्यांकन को फॉर्मेटिव और समेटिव मूल्यांकन में विभाजित किया जाएगा। फॉर्मेटिव मूल्यांकन में आत्म-प्रतिबिंब, छात्र पोर्टफोलियो, शिक्षक मूल्यांकन, परियोजना निष्पादन, और समूह चर्चाएं शामिल होंगी, जबकि समेटिव मूल्यांकन में पारंपरिक टर्म-एंड परीक्षाएं होंगी।

अंकों का वितरण एक प्रगतिशील मॉडल का पालन करेगा। कक्षा 9 में, 70% अंक फॉर्मेटिव मूल्यांकन से आएंगे और 30% समेटिव मूल्यांकन से। कक्षा 10 में, फॉर्मेटिव और समेटिव मूल्यांकन के बीच 50-50 का समान विभाजन होगा। कक्षा 11 में, 40% अंक फॉर्मेटिव मूल्यांकन से और 60% समेटिव मूल्यांकन से प्राप्त होंगे। अंत में, कक्षा 12 में, फॉर्मेटिव और समेटिव मूल्यांकन के बीच 30-70 का विभाजन होगा।

इस प्रगतिशील मूल्यांकन दृष्टिकोण का उद्देश्य छात्रों को कक्षा 12 कीअंतिम बोर्ड परीक्षाओं के लिए धीरे-धीरे तैयार करना है। जैसे-जैसे छात्र कक्षाओं में आगे बढ़ते रहेंगे, समेटिव मूल्यांकन का महत्व बढ़ता जाएगा। ऐसा कर के NCERT का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्र कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं की चुनौतियों के लिए अच्छी तरह से तैयार हों, जबकि फॉर्मेटिव मूल्यांकन द्वारा मिल रहे फीडबैक से उन्हें लाभ भी मिल रहा हो।

NCERT Report: क्रेडिट-आधारित लर्निंग सिस्टम की शुरुआत

कक्षा 9 से 12 के लिए नया मूल्यांकन डिज़ाइन एक क्रेडिट-आधारित प्रणाली पर काम करेगा, जो प्रत्येक यूनिट के लिए क्रेडिट के रूप में उस यूनिट का महत्व तय करेगा। कक्षा 9 और 10 में छात्रों को 40 में से 32 Subject-Specific क्रेडिट प्राप्त करने होंगे, जबकि कक्षा 11 और 12 में छात्रों को 44 में से 36 Subject-Specific क्रेडिट अर्जित करने होंगे। शेष क्रेडिट्स ऑनलाइन पाठ्यक्रम जैसे मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स (MOOCs) या रिसर्च और कम्युनिटी-आधारित प्रोजेक्ट्स के माध्यम से प्राप्त किए जा सकते हैं।

यह क्रेडिट-आधारित प्रणाली छात्रों को अपने अंक प्राप्त करने में अधिक लचीलापन प्रदान करती है और उन्हें पारंपरिक पाठ्यक्रम के बाहर विषयों को एक्स्प्लोर करने के अवसर प्रदान करती है। ऑनलाइन पाठ्यक्रमों और कम्युनिटी प्रोजेक्ट्स को मूल्यांकन मॉडल में शामिल करके, NCERT का उद्देश्य एक अधिक व्यापक और विभिन्ताओ से भरा शैक्षिक अनुभव बच्चो को देना है। इस प्रणाली से कक्षा के बाहर होने वाले शिक्षण अनुभवों को भी मान्यता दी जा सकती है, जिससे व्यावहारिक और अनुभवात्मक शिक्षा के महत्व को स्वीकार किया जा सके।

NCERT Report: स्कूल के बुनियादी ढांचे और शिक्षक प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करना

NCERT Report में स्कूल के बुनियादी ढांचे और अध्यापको के मूल्यांकन में महत्वपूर्ण सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है। प्रभावी सीखने के माहौल को बढ़ावा देने के लिए, NCERT ने स्वच्छ पेयजल की पहुंच, अच्छी तरह से सुसज्जित पुस्तकालयों और पर्याप्त खेल सुविधाओं जैसे सुधारों की सिफारिश की है। ये उपाय शैक्षणिक और एक्सट्राकरिक्यूलर विकास दोनों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। इन डिज़ाइन का मकसद यह सुनिश्चित करता है कि स्कूल एक व्यापक शैक्षिक अनुभव प्रदान करें।

अध्यापको का मूल्याङ्कन NCERT Report में हाइलाइट किए गए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में से एक है। NCERT Report शिक्षकों के पढ़ाने के तरीको की प्रभावशीलता के और भी मुश्किल मूल्यांकन की सिफारिश करती है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शिक्षक पाठ्यक्रम को डिस्ट्रीब्यूट करने और छात्रों की लर्निंग को बढ़ाने के लिए अच्छी तरह से योग्य हो। इसमें शिक्षकों के लिए चल रही प्रशिख्शान वर्कशॉप्स और साथ ही नियमित मूल्यांकन भी शामिल हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि शिक्षण पद्धतियां प्रभावी बनी रहें।

NCERT Report: संभावित प्रभाव और भविष्य की निहितार्थ

NCERT Report के प्रस्तावित बदलाव भारत में बोर्ड परीक्षाओं के संचालन के तरीके में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतिनिधित्व करते हैं। कक्षा 9 से 11 के अंकों को शामिल करके, नया मॉडल छात्र की शैक्षणिक यात्रा का एक अधिक व्यापक मूल्यांकन करने का लक्ष्य रखता है। व्यावसायिक और कौशल-आधारित शिक्षा पर जोर, और क्रेडिट-आधारित प्रणाली की शुरुआत के साथ, छात्रों को आधुनिक दुनिया की चुनौतियों के लिए बेहतर तैयार करने की उम्मीद है।

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