College Ragging: क्या है रैगिंग को लेकर नियम और कैसे करे शिकायत?

College Ragging:

College Ragging: आज कल कॉलेजों में रैगिंग होना आम हो गया है. कॉलेज का नया सेशन शुरू होते ही रैगिंग भी शुरू हो जाती है. एक ओर जहां स्टूडेंट्स को कॉलेज में जाने की खुशी होती है, वहीं उनके मन में एक डर यह भी होता है कि कहीं कॉलेज में जाकर उनके साथ रैगिंग न हो. अक्सर इस रैगिंग से परेशान होकर कई स्टूडेंट्स डिप्रेस्शन में चले जाते है और फिर आत्महत्या भी कर लेते हैं और दिन पर दिन ये अकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. आइये आपको बताते है की कैसे आप रैगिंग से के खिलाफ लड़ सकते है.

College Ragging क्या होता है?

किसी कॉलेज में किसी छात्र के खिलाफ एक छात्र द्वारा किये गये किसी भी शारीरिक, मौखिक या मानसिक दुर्व्‍यवहार को रैगिंग कहते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन सा छात्र इसे करता है या किस छात्र के साथ यह दुर्व्यवहार किया जाता है,देश में रैगिंग एक अपराध है.

निम्नलिखित सभी रैगिंग के दायरे में आते है;-

  • हॉस्टल से लेकर क्लास रूम में कहीं भी किसी स्टूडेंट के साथ उसके रंग, पहनावे के आधार पर टिप्पणी को रैगिंग के दायरे में लिया जाता है.
  • क्षेत्रीयता, भाषा, कद आदि को लेकर अनैतिक टिप्पणी करना.
  • स्टूडेंट के नाम के अलावा उसे किसी ऐसे नाम से पुकारना, जो उसे अच्छा न लगे, रैगिंग है.
  • पारिवारिक पृष्ठभूमि, गरीबी आदि की वजह से अपमानित करना भी रैगिंग है.
  • नए स्टूडेंट्स को अजीबो-गरीब टास्क देना और उसे पूरा करने को मजबूर करना.
  • मारपीट, बाल कटवाना, मुर्गा बनाना, किसी भी अन्य तरीके से प्रताड़ित करना.
  • अभद्र इशारे करना, चलते फिरते फब्तियाँ कसना, हॉस्टल-क्लासरूम में बदसलूकी करना.
  • कुल मिलाकर ऐसी कोई भी घटना जो नए स्टूडेंट्स की भावना को आहत करे.

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College Ragging के लिए क्या सजा है

भारत में रैगिंग लॉ ‘प्रिवेंशन ऑफ रैगिंग एक्ट 1997′ और इसके अमेंडमेंट्स के अंतर्गत आता है. साल 1999 में सुप्रीम कोर्ट ने विश्व जागृति मिशन के तहत इस कानून को डिफाइन किया था. जिसके बाद से सुप्रीम कोर्ट ने 2001 से ही रैगिंग पूरी तरह पाबन्दी लगा रहा रखा है.

College Ragging:

2009 में सर्वोच्च न्यायालय ने रैगिंग मुद्दे पर पुनः विचार किया और रैगिंग का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए UGC ने विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये जिनका पालन करना विश्वविद्यालयों के लिये आवश्यक था। निर्देश के बाद से यूजीसी ने देश के सभी कॉलेजो को इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही न बरतने की हिदायत दे रखी है, और साथ ही कॉलेज में एक कमेटी बनाने को कहा जिससे रैंगिंग को रोका जा सके.

  • यूजीसी ने इसके लिए अपनी ओर से सजा तय की है.
  • दोषी पाए जाने पर क्लास से निलंबित किया जा सकता है.
  • छात्रवृत्ति समेत अन्य सरकारी सुविधाएं रोकी जा सकती हैं.
  • परीक्षा का मूल्यांकन, एवं परिणाम रोका जा सकता है.
  • हॉस्टल से निलंबित या निष्काषित किया जा सकता है.
  • किसी भी अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने से रोका जा सकता है.
  • एडमिशन भी रद्द हो सकता है.
  • किसी एक संस्थान से निकाले जाने के बाद कहीं और एडमिशन पर प्रतिबंध संभव
  • 25 हजार से एक लाख रुपये तक का आर्थिक दंड संभव
  • रैगिंग के तहत सामूहिक सजा का प्रावधान भी है.

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College Ragging: कहां करे शिकायत

हर शैक्षणिक संस्थान में अब Anti College Ragging कमेटी है. कोई भी छात्र-छात्रा इस कमेटी के किसी भी सदस्य से मिलकर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. इस कमेटी में टीचिंग-नॉन टीचिंग स्टाफ, पैरेंट्स, स्टूडेंट, इलाकाई पुलिस अफसर, मीडिया कर्मी भी होते हैं. महिला सदस्य का होना भी अनिवार्य किया गया है. यही कमेटी रैगिंग जैसी घटना पर नजर रखती है. यूजीसी के नियमों के मुताबिक हर संस्थान में रैगिंग को लेकर नियम-कानून वाले बोर्ड भी लगे रहते हैं. आप यहाँ अपना शिकायत दर्ज करा सकते है

अगर आप यहाँ से संतोष नहीं होते तो आप नेशनल हेल्पलाइन नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. कोई दूसरा व्यक्ति भी आपकी कंप्लेन कर सकता है. आप यूनिवर्सिटी ग्रैंट्स कमीशन के हेल्पलाइन नंबर 1800 –180–5522 पर अपनी शिकायत कर सकते हैं. इसके अलावा helpline@antiragging.in पर मेल के जरिए भी आप अपनी कंप्लेन कर सकते हैं. आप यूजीसी के वेब पोर्टल पर जाकर भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

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