Bharatmala Project: किसी भी देश का विकास मुख्य रूप से परिवहन नेटवर्क और उसके रखरखाव पर निर्भर करता है। बेहतर सड़क संपर्क के बिना, व्यापार संबंधों को प्रबंधित करना मुश्किल होगा। भारतमाला का प्रस्ताव भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने वर्ष 2015 में निर्बाध माल और यात्री आवागमन सुनिश्चित करने के लिए रखा था। जो देश के विकाश में एक ऐतिहासिक कदम था, आइये आपको इस भारतमाला प्रोजेक्ट के बारे में बताते है जो देश में रोडो का महाजाल है।
Bharatmala Project क्या है?
भारतीय सड़कें एक विशाल नेटवर्क की तरह हैं जहाँ माल लगातार चलता रहता है। Bharatmala Project, 10.63 लाख करोड़ रुपये (1.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर) की अनुमानित लागत वाली एक साहसिक पहल है, जिसका उद्देश्य इस नेटवर्क को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देना है। नाम का अर्थ है “राजमार्गों की माला”, जो इस महत्वाकांक्षा के विशाल पैमाने को दर्शाता है। यह माल और लोगों की आसान, तेज़ आवाजाही के लिए भारत के सड़क बुनियादी ढांचे की फिर से कल्पना करना चाहता हैं।
Bharatmala Project का उद्घाटन भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, श्री नितिन गडकरी ने किया था। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य देश के सड़क नेटवर्क को बेहतर बनाना है, जिससे यातायात में सुधार हो और व्यापार को बढ़ावा मिले। इस योजना के लिए बजट पेट्रोल और डीजल पर लगाए गए सेस और टोल बूथों से एकत्रित करों के माध्यम से प्रबंधित किया जाएगा, इसके अतिरिक्त सरकारी बजट से भी समर्थन प्राप्त होगा।
योजना का नाम | Bharatmala Project |
योजना की शुरुआत | 31 जुलाई, 2015 |
यह क्या है? | राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना के बाद यह भारत में हाईवे (राजमार्ग) के निर्माण की दूसरी सबसे बड़ी परियोजना है। |
परियोजना की निगरानी करने वाला मंत्रालय | सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय |
चरण | 2 |
अनुमानित खर्च | 5.35 लाख करोड़ रुपये |
योजना को लागू करने के लिए जिम्मेदार एजेंसियाँ | भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, राष्ट्रीय राजमार्ग एवं औद्योगिक विकास निगम, राज्यों के लोक निर्माण विभाग |
मौजूदा स्थिति | वर्तमान में जारी |
Bharatmala Project के घटक
- आर्थिक गलियारे (Economic Corridor): Bharatmala Project परियोजना के तहत केंद्रीय सरकार 9000 किलोमीटर लंबे आर्थिक गलियारों का निर्माण करेगी, जो प्रमुख व्यापारिक मार्गों को जोड़ेंगे।
- फीडर रूट या इंटर गलियारे (Feeder Route or Inter Corridor): 6000 किलोमीटर लंबी फीडर रूट या इंटर गलियारे के तहत सड़कें बनाई जाएंगी, जो मुख्य गलियारों को जोड़ेंगी।
- राष्ट्रीय गलियारे की दक्षता सुधार (National Corridor Efficiency Improvement): इस योजना के तहत 5000 किलोमीटर लंबी सड़कें बनाई जाएंगी, जो राष्ट्रीय गलियारे को बेहतर बनाएंगी।
- सीमा सड़क और अंतर्राष्ट्रीय कनेक्टिविटी (Border Road and International Connectivity): सीमा क्षेत्रों और दूरस्थ इलाकों को जोड़ने के लिए 2000 किलोमीटर की सड़कें बनाई जाएंगी, जो सीमा सड़क या अंतर्राष्ट्रीय कनेक्टिविटी श्रेणी में आएंगी।
- पोर्ट कनेक्टिविटी और तटीय सड़क (Port Connectivity and Coastal Road): समुद्री तटों और महत्वपूर्ण पोर्ट्स को जोड़ने के लिए 2000 किलोमीटर की सड़कें बनाई जाएंगी।
- ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (Green Field Expressway): ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण ट्रैफिक और फ्रेट प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए प्राथमिकता दी जाएगी।
- अवशेष NHDP कार्य (Balance NHDP Works): इस खंड के तहत लगभग 10,000 किलोमीटर की नई सड़कें बनाई जाएंगी और उनका रखरखाव किया जाएगा।
Bharatmala Project का उद्देश्य
Bharatmala Project का उद्देश्य राष्ट्रीय गलियारे की दक्षता में सुधार करना है, जिसमें गोल्डन क्वाड्रिलेटेरल और उत्तर-दक्षिण, पूर्व-पश्चिम गलियारे शामिल हैं। इसके तहत मुख्य choke points को खत्म करने के लिए ऊंचे गलियारे, बायपास, रिंग रोड और लॉजिस्टिक्स पार्क का निर्माण किया जाएगा।
Bharatmala Project का एक महत्वपूर्ण हिस्सा सीमा सड़कें और अंतर्राष्ट्रीय कनेक्टिविटी रोड्स हैं, जो म्यांमार, बांग्लादेश, भूटान और नेपाल के साथ व्यापार को बढ़ावा देंगे।

Bharatmala Project के चरण-I में बनाए जाने वाले एक्सप्रेस–वे
Bharatmala Project के चरण-I में सरकार कुछ एक्सप्रेसवे और एक्सेस कंट्रोल कॉरिडोर का विकास करेगी, ये इस प्रकार हैं
- दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे
- वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे
- दिल्ली-फरीदाबाद-सोहना एक्सप्रेसवे
- अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेसवे
- दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे
- बेंगलुरु-चेन्नई एक्सप्रेसवे
- कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे
- अंबाला-कोटपुतली कॉरिडोर
- चेन्नई-सलेम कॉरिडोर
- अमृतसर-भटिंडा-जामनगर कॉरिडोर
- दुर्ग-रायपुर-आरंग कॉरिडोर
- रायपुर-विशाखापत्तनम कॉरिडोर
- चित्तूर-थैचूर कॉरिडोर
- अर्बन एक्सटेंशन रोड II
- दिल्ली-देहरादून कॉरिडोर
- बेंगलुरु-सैटेलाइट रिंग रोड
- सूरत-अहमदनगर सोलापुर
- सोलापुर-कुर्नूल कॉरिडोर
- खड़गपुर-सिलीगुड़ी कॉरिडोर (मोरग्राम तक)
- इंदौर-हैदराबाद कॉरिडोर
- हैदराबाद (सूर्यपेट)-विशाखापत्तनम (देवरपल्ले) कॉरिडोर
- कोटा–इंदौर (गरोठ–उज्जैन) कॉरिडोर
- हैदराबाद-रायपुर कॉरिडोर
- नागपुर-विजयवाड़ा कॉरिडोर
Bharatmala Project की विशेषताएँ
- सड़क नेटवर्क में सुधार: परियोजना का मुख्य लक्ष्य सड़कों की गुणवत्ता को सुधारना है ताकि देश के हर कोने में विकास हो सके।
- नई सड़कों का निर्माण: नई सड़कों का निर्माण इस योजना की एक महत्वपूर्ण विशेषता है, जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देगा।
- समय सीमा: इस परियोजना को पांच वर्षों के भीतर पूरा करने की योजना है।
- वित्तीय स्रोत: सरकार के द्वारा प्रदान किए गए बजट के अलावा, मंत्रालय विभिन्न अन्य स्रोतों पर निर्भर रहेगा।
Bharatmala Project की चुनौतियाँ
भारतमाला परियोजना की शुरुआत 2017 में की गई थी और इसे 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य था। हालांकि, हालिया रिपोर्टों के अनुसार, परियोजना की प्रगति धीमी रही है। भूमि लागत में वृद्धि और परियोजना के अनुमानित बजट में बढ़ोतरी के कारण परियोजना पूरा नहीं हो पा रही है। केंद्रीय सरकार अब अधिक निवेश जुटाने के लिए बाजार से धन की मांग कर रही है और यदि बजट पूरा नहीं होता है, तो सरकार परियोजना के संपन्न हिस्सों की नीलामी या विदेशी कर्ज और बॉन्ड मार्केट की ओर देख सकती है।
Bharatmala Project के लिए पैसा कहाँ से आएगा
ट्रांसपोर्ट एंड परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि पैसों की कोई दिक्कत नहीं होगी क्योंकि चार-पांच लाख करोड़ पूंजी बाजार से जुटाए जा सकते हैं. जबकि बाकी पैसा वित्त मंत्रलय अपने बजट से देगा. इसके अलावे पेंशन फंड, इन्वेस्टमेंट फंड से भी पैसे आएंगे. एनएचएआइ की रेटिंग एएए प्लस है, इसलिए विश्व बाजार से धन जुटाने में कोई दिक्कत नहीं होगी. इसके साथ सवा लाख करोड़ रुपये का निवेश निजी क्षेत्र से होने की उम्मीद है.
Bharatmala Project के लिए संसाधनों की व्यवस्था चार प्रमुख मार्गों के माध्यम से की जाएगी:
- बाजार उधारी (Market Borrowings)
- केंद्रीय सड़क निधि (Central Road Fund)
- सरकारी सड़क संपत्तियों का मोनेटाइजेशन (Monetizing Government-Owned Road Assets)
- बजट आवंटन (Budgetary Allocation)
कुल राशि का ₹2 लाख करोड़ बाजार उधारी के माध्यम से जुटाए जाने की योजना है, जबकि ₹1 लाख करोड़ केंद्रीय सड़क निधि और NHAI द्वारा एकत्रित टोल कलेक्शन से उपयोग किया जाएगा।
Bharatmala Project के लाभ
- बेहतर कनेक्टिविटी: वर्तमान में 300 जिलों को राष्ट्रीय राजमार्गों के माध्यम से जोड़ा गया है। परियोजना के पूर्ण होने के बाद 550 जिलों को जोड़ने की योजना है।
- यात्री आंदोलन में सुधार: Bharatmala Project के तहत रास्ते पर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी जिससे यात्रियों की सुविधा और स्थानीय लोगों की जीवनशैली में सुधार होगा।
- फ्रेट मूवमेंट में सुधार: इंटर-डिस्ट्रिक्ट कनेक्शन के माध्यम से 80% फ्रेट मूवमेंट को सुगम बनाया जाएगा।
- समय और लागत में कमी: बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर और आर्थिक गलियारों को जोड़ने से यातायात की गति बढ़ेगी और आपूर्ति श्रृंखला लागत में कमी आएगी।
- रोजगार सृजन: पहली निर्माण चरण के दौरान अनुमानित 10 करोड़ रोजगार उत्पन्न होगा, और लगभग 22 मिलियन स्थायी नौकरियों का सृजन होगा।
Bharatmala Project भारतीय सड़कों के नेटवर्क का एक महत्वाकांक्षी और व्यापक विकास प्रोजेक्ट है जो देश की यातायात व्यवस्था, व्यापार और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह परियोजना न केवल राष्ट्रीय सड़कों की स्थिति को सुधारने के लिए है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय कनेक्टिविटी को भी मजबूत करेगी, जिससे भारत की व्यापारिक क्षमताओं में वृद्धि होगी।
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