Telangana Murder: 8 करोड़ रूपये के लिए तेलंगाना में पत्नी ने किया पति का क़त्ल

Telangana Murder

Telangana Murder: आठ अक्टूबर को कर्नाटक के कोडगु में पुलिस को खबर मिली की एक अधजली हुई लाश सोनतिकोप्पा कसबे के कॉफ़ी एस्टेट के पास है।  सूचना पर पुलिस मौका ऐ वारदात पर पहुंची।  जांच करने पर पुलिस ने पाया की बॉडी आधी जल चुकी थी और लाश  के पास से पुलिस ऐसा कुछ नहीं ढून्ढ सकी जिस से यह पता चल सकता की यह लाश आखिर है किसकी।

कोडगु के SP रामरजन ने जांच जारी रखने के आदेश दिए।  जांच में शामिल अधिकारी के अनुसार शुरुआत में कोई क्लू नहीं मिला क्योंकि बॉडी आधी जल चुकी थी और साथ में कपडे भी।  इसलिए डायरेक्ट सबूत कुछ भी नहीं था।  लाश की स्थिति से पता चल रहा था की बॉडी वहां 3-4 दिन पहले से पड़ी हुई है क्योंकि बॉडी गल चुकी थी और कीड़े उसको खा रहे थे।

जब पुलिस को कहीं से कोई क्लू नहीं मिला तो जांच करता टीम ने अपना दिमाग दौड़ाया।  सबका मानना था की लाश वहां खुद नहीं आयी थी। किसी ने उसको वहां ला कर डाला है। और जो उसे वहां लाया है वह किसी वाहन से ही वहां आया होगा। बस फिर क्या था ? पुलिस ने इसी लाइन पर अपनी जांच शुरू की और वहां की CCTV कैमरा की footages जांचनी शुरू की और उन वाहनों को ध्यान से देखना शुरू किया जो उस इलाके से पिछले कुछ दिनों में गुजरे थे। पुलिस का ध्यान गया एक लाल रंग की मर्सिडीज़ बेंज पर जो बड़े संदेहास्पद तरीके से उस इलाके में रात 12 से 2 बजे के बीच घूम रही थी।

पर चूँकि फुटेज रात की थी तो पुलिस को इमेजेज साफ़ नहीं मिली।  लेकिन अब पुलिस को कुछ राह नज़र आने लगी थी इसलिए तुमकुर तक 500 CCTV फुटेज को पुलिस ने जांचा और वे यह पता लगाने में कामयाब हो गए की गाडी तेलंगाना में किसी ५४ वर्षीय रमेश के नाम रजिस्टर्ड थी।  अब कर्नाटक पुलिस ने तेलंगाना पुलिस से संपर्क किया रमेश के बारे में जानकारी इकठ्ठा करने के लिए।

तब पुलिस को पता चला की दरअसल दो हफ्तों से रमेश गायब हैं और उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट उनकी पत्नी निहारिका जो 29 साल की थी ने दर्ज़ कराई है। अब कर्णाटक पुलिस कन्फर्म थी की यह अधजली लाश और किसी की नहीं रमेश की है।  इधर तेलंगाना पुलिस ने भी नए तथ्यों की रौशनी में जांच शुरू की और जैसे जैसी जांच आगे बढ़ी पुलिस को यकीन होने लगा की अगर निहारिका क़त्ल की दोषी नहीं हैं तब भी क़त्ल से उनका लेना देना तो है।

पुलिस ने शक के आधार पर निहारिका को कस्टडी में ले कर जांच शुरू की।   पूछताछ के दौरान पुलिस का शक सही निकला।  निहारिका ने माना की उसने ही अपने बॉयफ्रेंड निखिल जो की एक वेटेरनरी डॉक्टर है  और अपने दोस्त अंकुर राणा  के साथ मिलकर रमेश की हत्या की योजना बनाई थी।  आगे की पूछताछ में निहारिका ने अपना जुर्म कबूल करते हुए हत्या के पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया।

पुलिस जांच में पाया गया कि 1 अक्टूबर को हैदराबाद के उप्पल में रमेश का गला घोंटकर हत्या की गई थी। हत्या के बाद, आरोपियों ने 800 किलोमीटर यात्रा कर के उसके शव को राज्य की सीमा पार करते हुए कर्नाटक के एक दूरस्थ कॉफी बागान में फेंक दिया। वहां शव को कंबल में लपेटकर आग लगा दी गई, ताकि सबूत पूरी तरह से मिटा दिए जाएं। इसके बाद तीनों हैदराबाद लौट आए, जहां निहारिका ने रमेश की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, ताकि उस पर कोई शक न किया जा सके। निहारिका से जब पुलिस ने हत्या की वजह जानना चाही तो उसने बताया की आठ करोड़ रूपये न देने के कारण हत्या कर दी उसने रमेश की।

निहारिका ने यह भी जानकारी दी की उसकी और रमेश दोनों की ही एक दुसरे से दूसरी शादी थी।  निहारिका की पहली शादी तलाक़ होने के बाद ख़त्म हो गयी थी।  पुलिस को जांच में पता चला की  निहारिका का अतीत काफी परेशानियों भरा रहा था। पुलिस रिकॉर्ड्स में यह सामने आया कि उनका बचपन मुश्किलों में बीता था। उन्होंने अपने पिता को कम उम्र में खो दिया था और उनकी मां ने पुनर्विवाह किया था।

पढ़ाई में निहारिका काफी होनहार थीं और उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी। पहली शादी जल्दी हुई और एक बच्ची की मां बनीं, लेकिन तलाक के कारण यह रिश्ता खत्म हो गया। हरियाणा में, एक वित्तीय घोटाले में फंसने के बाद निहारिका को जेल जाना पड़ा। जेल में ही उनकी मुलाकात अंकुर से हुई, जिस से उसकी अच्छी दोस्ती हो गयी।

जेल से आने के बाद रमेश से निहारिका की मुलाक़ात हुई और जल्द ही दोनों ने शादी कर ली।  रमेश से शादी के बाद, निहारिका एक आलीशान जीवनशैली में रम गई थीं। हालांकि, जब उन्होंने रमेश से 8 करोड़ रुपये की मांग की तो रमेश ने इस बड़ी रकम को देने से इंकार कर दिया, जिससे उनके रिश्ते में कड़वाहट आ गई। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, निहारिका ने गुस्से में आकर अपने साथियों के साथ मिलकर रमेश की हत्या की योजना बनाई। उन्होंने उप्पल में रमेश को एक स्थान पर बुलाया, जहां उसकी हत्या कर दी गई। हत्या के बाद, निहारिका, निकिल और अंकुर ने सबूत मिटाने की पूरी कोशिश की और शव को दूरस्थ स्थान पर ले जाकर आग के हवाले कर दिया।

हालांकि उन्होंने Telangana Murder सभी सबूत मिटाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने कोडागु क्षेत्र के सैकड़ों कैमरों की सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच की। कई जगहों पर वाहन की गतिविधियों का पता लगाने के बाद, पुलिस ने तेलंगाना पुलिस से संपर्क किया और पुष्टि की कि यह कार रमेश के नाम पर पंजीकृत है। निहारिका से पूछताछ और तकनीकी सबूतों के बाद पूरी सच्चाई सामने आई और उनके साथियों की भी संलिप्तता साबित हुई।

कोडागु के पुलिस प्रमुख रामराजन ने कहा कि यह Telangana Murder काफी जटिल था क्योंकि अपराधियों ने सभी सबूत मिटाने की कोशिश की थी। लेकिन पुलिस ने अपनी मेहनत से सबूतों को जोड़ते हुए अंततः दोषियों की गिरफ्तारी कर ली। रमेश एक ऐसे रिश्ते के हाथो दगा खा कर अपनी जान से हाथ धो बैठे जिस पर शायद उन्होंने सबसे ज्यादा यकीन किया था।

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