Bulandshahr Murder: Doctor Shadab के बदन में 31 गोलियां झोंकी गई। ऐसा कत्ल देखकर पुलिस भी हुई हैरान कहा जब एक इंसान एक या दो गोली से मर सकता है तो 31 गोलियां क्यों मारी। कत्ल की छानबीन में जुटी पुलिस, सच्चाई जानकर हुई हैरान …
यह कहानी है भारत की राजधानी दिल्ली से कुछ मील दूर उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले की, जहाँ एक डॉक्टर की बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी गयी। पुलिस का कहना है कि ये हत्या पुरानी रंजिश के चलते हुई है। इस घटना से पूरे जिले में दहशत का माहौल बन गया है।
सूत्रों के अनुसार गुलावटी नगर पालिका परिषद के पास Doctor Shadab अपनी क्लिनिक में बैठे थे। तभी बाइक पर चार बदमाश आये और Doctor Shadab पर गोलियों की बौछार करने लगे और मौत के घाट उतार दिया। Doctor Shadab को मारने के बाद हमलावर अपने हथियार हवा में घुमाते हुए वहाँ से चले गए। बता दें कि जब वारदात हुई तब डॉक्टर शादाब अपने क्लिनिक में बैठे थे। इस वारदात से पूरे इलाके में दहशत का माहौल हो गया है। पुलिस हमलावरों को ढूंढ़ने में लग गयी है और पूरे इलाके में नाकाबंदी लगा दी है।
Bulandshahr Murder: पुलिस ने की छानबीन
पुलिस हत्या की छानबीन में लग गयी लेकिन उसे कहीं से भी कोई सुराग नहीं मिला। पुलिस को पता चला कि डॉक्टर शादाब की किसी से कोई दुश्मनी नहीं है। वह बहुत ही शरीफ और सीधे-साधे शख्शियत थे। पोस्टमॉर्टम के दौरान पुलिस को पता चला कि, डॉक्टर शादाब के बदन में 31 गोलियां झोंकी गई हैं। बस यही से पुलिस टीमों के सवाल खड़े हो गए कि जब डॉक्टर शादाब की हत्या एक या दो गोली से हो सकती थी तो 31 गोलियों की बरसात क्यों की। पुलिस ने अपने जेहन में उभरे इस सवाल से पड़ताल की कई दिशाएं टटोल लीं। मसलन, एक इंसान के बदन में कोई इतनी गोलियां चिढ़कर या रंजिश के चलते ही मारता है। वरना कत्ल तो एक दो गोली से भी हो सकता है।
लेकिन परिवार वालों का कहना था कि डॉक्टर शादाब शरीफ चाल-चलन वाली शख्शियत थे। उनकी कभी किसी के साथ रंजिश तो दूर कभी किसी से तू-तू-मै-मैं भी नहीं हुई थी।
लिहाजा Doctor Shadab के परिवार वालों की इस दलील के सामने जाँच-पड़ताल में जुटी पुलिस फिर अपने ही सवाल पर आकर वहीं खाली हाथ खड़ी हो गई, जहां से उसने जाँच-पड़ताल शुरू की थी। बहरहाल कई दिनों की मेहनत के बाद पुलिस को जो कुछ मिला। उस सबको एक साथ इकक्ठा करके देखने से एक बात साफ हो चुकी थी कि, हो न हो परिवार वाले भले ही डॉक्टर शादाब की किसी से रंजिश की बात से इनकार करें, मगर कत्ल की इस घटना में “रंजिश”का एंगल तो कहीं न कहीं है। जिसे तलाश कर बाहर लाना और कातिलों तक पहुंचने की जिम्मेदारी पुलिस की थी। कहते हैं ना कि अपराधी कितनी भी चालाकी करले एक न एक दिन पकड़ा ही जाता है। हू-ब-हू ऐसा ही खुलासा हुआ बुलंदशहर के Doctor Shadab हत्याकांड में।
Bulandshahr Murder: हत्या की कड़ी से कड़ी जुड़ती गई
Doctor Shadab की अगर किसी से रंजिश नहीं थी तो फिर उनके बदन में आखिर 31 गोलियां क्यों झोंकी? इसी सवाल से जूझती हुई पुलिस बुलंदशहर से हापुड़ पहुंच गई। हापुड़ में कत्ल की उस वारदात या लाश की कहानी के करीब, जिसे इसी साल 18 मार्च को हापुड़ के हाफ़िज़पुर इलाक़े में अंजाम दिया गया था। पुलिस ने हापुड़ के हाजीपुर इलाके में हुए उस कत्ल की कुंडली खंगाली तो, उसके तार बुलंदशहर में कई किलोमीटर दूर हुए डॉक्टर शादाब हत्याकांड से मिलने लगे। पता चला कि हापुड़ में जिस इरफान नाम के शख्स का कत्ल इसी साल 18 मार्च को किया गया था, उसकी लाश के भी 31 टुकड़े किए गए थे। उन 31 टुकड़ों के लिए हत्यारों ने अलग अलग स्थानों पर 31 ही कब्र (गढ्ढों) का इतंजाम करके, उन 31 टुकड़ों को दफन कर दिया था।
बस बदन में 31 गोली और एक लाश के 31 टुकड़ों की कड़ी से कड़ी जुड़ते ही बुलंदशहर पुलिस, डॉक्टर शादाब हत्याकांड के खुलासे के करीब पहुँच गयी। पुलिस को पता चला कि, डॉक्टर शादाब के घरवालों ने जिन चार लोगों को नामजद करवाया था, वे सभी हापुड़ में इसी साल 18 मार्च को कत्ल किए जा चुके इरफ़ान के भाई थे। वही इरफान जिसकी हत्या में डॉक्टर शादाब के भाई और उसके दोस्तों का नाम आ रहा था। यही से पुलिस ने हत्यारों की कड़ी से कड़ी जोड़ ली और हत्यारों का पता लगा लिया। मगर इसके बाद सभी कातिलों की गिरफ्तारी नहीं हो पायी। कातिलों की खोज में बुलंदशहर पुलिस अभी तक अपना जाल बिछाए हुए है।
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