Jewar Airport जिसका आधिकारिक नाम नॉएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, यह उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर के जेवर में स्थित है, जो दिल्ली से लगभग 80 किमी दूर है। Jewar Airport के पहले चरण का विकास 10,050 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जा रहा है। जो दिल्ली हवाई अड्डे और गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस के बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में तीसरा प्रमुख विमानन केंद्र बनेगा। और यह पुरे एशिया का सबसे बड़ा और पुरे दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। यह क्षेत्रीय वाणिज्यिक गतिविधियों, कनेक्टिविटी, और पर्यटन को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा।
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Toggleआधुनिक कनेक्टिविटी सुविधाएँ
Jewar Airport अपने आप में कई इतिहास समेटे हुए होगा। इसका डिजाइन भी भारतीय परंपरा को दिखा रहा है। जेवर एयरपोर्ट का डिजाइन कुछ इस तरह बनाया गया है कि जब आप NIA में प्रवेश करेंगे तो आपको ऐसा लगेगा कि यह पूरा का पूरा एयरपोर्ट एक हवेली जैसा है Jewar Airport को एक उच्चस्तरीय कनेक्टिविटी के साथ जोड़ा जाएगा। इसे जोड़ने के लिए एक विस्तृत नेटवर्क विकसित किया जा रहा है, जिसमें छह सड़कें, एक रैपिड रेल-कम-मेट्रो प्रणाली, और पॉड टैक्सी शामिल हैं। हवाई अड्डे को बल्लभगढ़ में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए 31 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे एयरपोर्ट तक की पहुंच को सुगम बनाएगा।
सात करोड़ यात्रियों को सँभालने की छमता
Jewar Airport यानी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट 3500 एकड़ में बनाया जाना है, पहले चरण में NIA में 1327 हेक्टेयर जमीन को विकसित किया जाना है। और इसका पहला चरण 2024 तक पूरा हो जाएगा। इसकी क्षमता एक वर्ष में लगभग 1.2 करोड़ यात्रियों को संभालने की होगी। सभी चारों चरण पूरा होने के बाद यह क्षमता बढ़कर सात करोड़ यात्रियों तक पहुंच जाएगी। शुरुआत में जेवर हवाअड्डे पर दो हवाईपट्टियां चालू होंगी। इस हवाईअड्डे के विकास का ठेका ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल को दिया गया है।
शून्य उत्सर्जन वाला पहला एयरपोर्ट
Jewar Airport यानी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट भारत का पहला ऐसा एयरपोर्ट होगा, जहां उत्सर्जन शुद्ध रूप से शून्य होगा। एयरपोर्ट के एक हिस्से को परियोजना स्थल से हटाये जाने वाले वृक्षों को लगाने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

मेट्रो, रैपिड रेल और पोड टैक्सी से जुड़ेगा एयरपोर्ट
Jewar Airport पर ग्राउंड ट्रांसपोर्टेशन सेंटर विकसित किया जायेगा, जिसमें मल्टी माडल ट्रांजिट केंद्र होगा, मेट्रो और हाई स्पीड रेलवे के स्टेशन होंगे, टैक्सी, बस सेवा और निजी वाहन पार्किंग सुविधा मौजूद होगी। एयरपोर्ट को मेट्रो सेवा के जरिये भी जोड़ा जायेगा। इसके साथ ही यमुना एक्सप्रेस-वे, वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे को भी Jewar Airport से जोड़ा जाएगा। और रैपिड रेल-कम-मेट्रो रेल परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। सरकार से धन प्राप्त करने के प्रयास जारी हैं। पॉड टैक्सियों और मोनोरैल के कार्यान्वयन के लिए भी अध्ययन चल रहे हैं, जिनके दो साल के भीतर पूरा होने का अनुमान है।
रियल एस्टेट में आया उछाल
जब Jewar Airport का उद्घाटन हुआ है, उसके बाद से ही वह के प्रॉपर्टी में तेज़ी से उछाल आया है, लोग जेवर एयरपोर्ट के बाद प्रॉपर्टी में खूब इन्वेस्ट कर रहे है। नॉएडा अथॉरिटी भी इसके लिए समय समय पर प्लाट टोकन निकलती रही है।
कब शुरू होगा पहल फेज
पहले Jewar Airport का पहले का परिचालन दिसंबर 2024 तक होना था, लेकिन निर्माण कार्य में देरी के कारण या ताल दिया गया है अब पहले फेज का परिचालन अप्रैल 2025 में होना तय हुआ है।

Jewar International Airport से जुड़ी अहम बातें –
- पीएम मोदी ने जिस नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास किया है, वह दुनिया का चौथा और एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा.
- नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कुल 6200 हेक्टेयर में फैला होगा.
- Jewar Airport पर एक साथ 178 विमान खड़े हो पाएंगे.
- नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट चार एक्सप्रेस वे से जुड़ेगा.
- Jewar Airport पर बुलेट ट्रेन, मेट्रो और पॉड टैक्सी की सुविधा भी उपलब्ध होगी.
- मेट्रो और बुलेट ट्रेन के स्टेशन एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग में ही मौजूद होंगे.
- Jewar Airport की कुल लागत 30 हजार करोड़ के करीब है.
- Jewar Airport पर रोजाना 3 लाख यात्रियों का आना-जाना होगा.
- Jewar Airport का पहला चरण साल 2024 में पूरा हो जाएगा.
- पहले चरण में जेवर एयरपोर्ट पर 4588 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
- पहले चरण में दो रनवे बनाए जाएंगे, एयरपोर्ट का निर्माण पूरा होने पर यहां कुल 5 रनवे होंगे.
- नोएडा एयरपोर्ट का दूसरा चरण साल 2031 में पूरा हो जाएगा.
- जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का तीसरा चरण 2036 तक पूरा कर लिया जाएगा.
- नोएडा एयरपोर्ट का चौथा चरण साल 2040 तक पूरा करने की समय सीमा तय की गई है.
- निर्माण कार्य पूरा हो जाने पर जेवर एयरपोर्ट पर 5 रनवे होंगे, रनवे की लंबाई 4 किमी होगी.
- जेवर एयरपोर्ट को स्विटजरलैंड के ज्यूरिक इंटरनेशनल एयरपोर्ट की तर्ज पर बनाया जा रहा है.
- केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, यहां 1 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा.
पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट
Jewar Airport के खुलने के बाद से उत्तर प्रदेश में कुल पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट हो जायेगे जो भारत के किसी राज्य के पास नहीं है, इस एयरपोर्ट का लाभ दिल्ली-एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के करोड़ों लोगों को होगा।
यूपी सूची में हवाई अड्डा – अंतर्राष्ट्रीय | ||||
अयोध्या | मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट | अंतरराष्ट्रीय | प्रस्तावित | भारत सरकार और एएआई |
कुशीनगर | कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | अंतरराष्ट्रीय | आपरेशनल | एएआई |
लखनऊ | चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | अंतरराष्ट्रीय | आपरेशनल | एलआईएएल |
नोएडा | नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट | अंतरराष्ट्रीय | प्रस्तावित | ज्यूरिख एयरपोर्ट एजी |
वाराणसी | लाल बहादुर शास्त्री अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | अंतरराष्ट्रीय | आपरेशनल | एएआई |
देश में 149 एयरपोर्ट
उत्तर प्रदेश में कुल 16 हवाई अड्डों से उड़ानों का परिचालन होगा। देश में पहले 74 हवाई अड्डे थे, लेकिन अब इसकी संख्या 149 हो गयी है तथा यात्रियों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि के कारण देश हवाई यात्रा के मामले में 2030 तक तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा।
जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत के विमानन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होने वाला है। इसका आधुनिक कनेक्टिविटी नेटवर्क और सुव्यवस्थित निर्माण कार्य इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए एक प्रमुख केंद्र बनाएंगे। आने वाले वर्षों में, यह हवाई अड्डा क्षेत्रीय विकास, वाणिज्यिक अवसरों, और पर्यटन को नई दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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