Economic Survey 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2023-24 की आर्थिक समीक्षा प्रस्तुत की। इस समीक्षा में आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 6.5 से 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है।
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Economic Survey 2024 क्या है?
आर्थिक समीक्षा (Economic Survey) सरकार द्वारा केंद्रीय बजट से पहले प्रस्तुत किया जाने वाला वार्षिक दस्तावेज है। इसमें अर्थव्यवस्था की स्थिति की निष्पक्ष समीक्षा की जाती है। वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा इसे तैयार किया जाता है और मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में प्रस्तुत किया जाता है। पहली बार आर्थिक समीक्षा 1950-1951 में पेश की गई थी और इसे 1960 के दशक में बजट से अलग कर दिया गया।
Economic Survey 2024: सर्विसेज और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में वृद्धि
आर्थिक समीक्षा में बताया गया है कि सर्विसेज सेक्टर में लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार मिल रहा है और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी तेजी आई है। सरकार के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर देने से यह संभव हुआ है। हालांकि, फंसे कर्ज के कारण पिछले दशक के दौरान मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार में सुस्ती रही, लेकिन 2021-22 से स्थिति में सुधार आया है।
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Economic Survey 2024: असमानता की स्थिति
समीक्षा में कहा गया है कि 2022 के State of Inequality रिपोर्ट के अनुसार, देश के एक फीसदी टॉप अमीरों के पास कुल आय का 6-7 फीसदी हिस्सा है, जबकि टॉप 10 फीसदी के पास कुल आय का एक तिहाई हिस्सा है।

Economic Survey 2024: वैश्विक चुनौतियों के बावजूद मजबूत अर्थव्यवस्था
आर्थिक समीक्षा में यह भी कहा गया है कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। लगातार तीसरे साल देश की इकॉनमी सात फीसदी से अधिक दर से बढ़ी है। स्थाई मांग और निवेश की मांग में सुधार के कारण यह वृद्धि देखी गई है।
Economic Survey 2024: टैक्स में वृद्धि
फाइनेंशियल ईयर 2024 में ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) 7.2 फीसदी की दर से बढ़ा। इसी तरह, नेट टैक्सेज में 19.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। केंद्र और राज्य के स्तर पर टैक्स में मजबूती और सब्सिडी को व्यावहारिक बनाए जाने से यह वृद्धि संभव हुई है।
रेमिटेंस में भारत अव्वल
भारत विश्व स्तर पर सबसे ज्यादा रेमिटेंस पाने वाला देश है। साल 2023 में रेमिटेंस 120 अरब डॉलर तक पहुंच गया। वित्तीय वर्ष 2024 में भारत में पॉजिटिव नेट फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टमेंट फ्लो देखा गया है।
Economic Survey 2024: कृषि क्षेत्र में चुनौतियाँ
आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि फाइनेंशियल ईयर 2024 में प्रतिकूल मौसम के कारण खाद्यान्न उत्पादन प्रभावित हुआ। फसल पर बीमारी लगने, मॉनसून के जल्दी आने और लॉजिस्टिक्स में व्यवधान से टमाटर और प्याज की कीमतों में तेजी आई। खरीफ के मौसम में बुआई में देरी और लंबे सूखे के कारण फसल प्रभावित हुई, जिससे कृषि उत्पादन पर असर पड़ा और खाने-पीने की कीमतें बढ़ीं।
Economic Survey 2024: भविष्य की आर्थिक स्थिति
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट प्रस्तुत करेंगी। आर्थिक समीक्षा में पूंजीगत व्यय पर सरकार के जोर और निजी निवेश में निरंतर वृद्धि को देखते हुए यह अनुमान लगाया गया है कि देश की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ेगी। सकल स्थायी पूंजी निर्माण में 2023-24 में 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। देश का राजकोषीय घाटा (जीडीपी के प्रतिशत के रूप में) 2023 में 1.6 प्रतिशत अंक बढ़ा है।
इस प्रकार, आर्थिक समीक्षा 2023-24 ने भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूती और विकास की दिशा में सरकार के प्रयासों को उजागर किया है। अब देखना यह है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में क्या नई योजनाएँ और नीतियाँ सामने आती हैं।
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