Mumbai-Ahmedabad Bullet Train Project, भारत की पहली हाई स्पीड ट्रेन परियोजना, ने 2023-24 के दौरान कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। इस परियोजना के तहत, गुजरात, दादरा और नगर हवेली (DNH), और महाराष्ट्र में विभिन्न निर्माण कार्य पूरे किए गए हैं। यहां इस परियोजना की उपलब्धियों और वर्तमान स्थिति का विस्तृत विवरण प्रस्तुत है।
Highlights
ToggleBullet Train Project के पीछे का इतिहास
Bullet Train Project का उल्लेख पहली बार 2009 में किया गया था। इस विचार को पूर्व रेल मंत्री ममता बनर्जी ने विज़न 2020 नामक परियोजना में प्रस्तावित किया था। वर्ष 2013 में, मुंबई-अहमदाबाद Bullet Train Project की परिकल्पना पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने की थी। यह वह वर्ष था जब भारत और जापान ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे और इस मार्ग का संयुक्त रूप से अध्ययन करने की पहल की थी।
यह परियोजना 2017 में तब आकार लेने लगी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के पूर्व राष्ट्रपति शिंजो आबे ने पहली भारतीय बुलेट ट्रेन की आधारशिला रखी।
Bullet Train Project: प्रमुख निर्माण कार्य
- भारत की पहली अंडरसी सुरंग: 21 किलोमीटर लंबी अंडरसी सुरंग, जिसमें ठाणे क्रीक के नीचे एक खंड शामिल है, एक Engineerings के उत्कर्ष की मिसाल है। New Austrian Tunnelling Method (NATM) और Tunnel Boring Machine (TBM) तकनीक का उपयोग करके इस सुरंग का निर्माण किया जा रहा है।
- स्टेशनों का डिज़ाइन और निर्माण: MAHSR स्टेशनों को वास्तुकला की उत्कृष्टता के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जो स्थानीय सांस्कृतिक पहचान को दर्शाते हैं। साबरमती में एक उच्च-स्पीड रेल मल्टी-मॉडल हब भी पूरा हो चुका है, जो विभिन्न परिवहन मोड्स के बीच सुगम संक्रमण सुनिश्चित करता है।
- Bullet Train Project की विशेषताएँ: जापानी शिंकानसेन तकनीक पर आधारित, ये ट्रेनें सुरक्षा और समयपालन में उच्च मानक स्थापित करती हैं। डबल स्किन एल्यूमिनियम अलॉय एयर-टाइट बॉडीज़, शोर-रोधी कैबिन्स, और एर्गोनॉमिकली डिज़ाइन की गई सीटें यात्रियों के लिए एक आरामदायक यात्रा का अनुभव सुनिश्चित करती हैं।
Bullet Train Project: प्रमुख उपलब्धियां
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Bullet Train Project: निर्माण प्रगति
- वियाडक्ट और पियर कार्य: गुजरात में 173 किलोमीटर वियाडक्ट और 308 किलोमीटर पियर कार्य पूरा किया गया है।
- सिविल, ट्रैक, डिपो और इलेक्ट्रिकल अनुबंध: सभी सिविल, ट्रैक, डिपो और इलेक्ट्रिकल अनुबंध को मंजूरी दी गई है।
- भूमि अधिग्रहण: गुजरात, दादरा और नगर हवेली, और महाराष्ट्र के लिए 100% भूमि अधिग्रहण पूरा किया गया है।
- अनुबंधों पर हस्ताक्षर: महाराष्ट्र के लिए तीन पैकेज (156 किलोमीटर) के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसमें मुंबई बुलेट ट्रेन स्टेशन, 21 किलोमीटर लंबी सुरंग, और थाने, विरार, और बोइसार के साथ 135 किलोमीटर की संरेखण शामिल है।
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Bullet Train Project: विशेष निर्माण कार्य
- मुंबई बुलेट ट्रेन स्टेशन और सुरंग: मुंबई बुलेट ट्रेन स्टेशन और भूमिगत सुरंग का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।
- धातु पुलों का निर्माण: सूरत और आनंद में 70 मीटर और 100 मीटर लंबे दो धातु पुल पूरे किए गए हैं।
- नदी पुलों का निर्माण: गुजरात में सात नदी पुलों का निर्माण पूरा हो चुका है।
- साबरमती हाई-स्पीड रेल मल्टीमॉडल हब: इसका निर्माण भी पूरा हो चुका है।
- ट्रैक लेआउट और इंजीनियर प्रशिक्षण: गुजरात में ट्रैक बिछाने का काम अच्छी तरह से चल रहा है और इंजीनियरों का प्रशिक्षण सूरत में शुरू हो गया है।

Bullet Train Project: परियोजना की प्रगति
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Bullet Train Project की भौतिक और वित्तीय प्रगति
- भौतिक प्रगति: परियोजना की कुल भौतिक प्रगति 41.72% है, जिसमें गुजरात में 50.70% (सिविल कार्य 72.42%) और महाराष्ट्र में 23.27% प्रगति देखी गई है।
- वित्तीय प्रगति: वित्तीय प्रगति 48.80% है, 31 मार्च 2024 तक ₹59,292 करोड़ का व्यय हुआ है।
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Bullet Train Project की निर्धारित समय सीमा और चुनौतियां
- समय सीमा: सरकार ने 2017 में इस परियोजना की समाप्ति दिसंबर 2023 तक की घोषणा की थी, लेकिन अब इसे अगस्त 2026 तक के लिए टाल दिया गया है।
- भूमि अधिग्रहण और ठेके: भूमि अधिग्रहण पूरी तरह से संपन्न हो चुका है, लेकिन सभी सिविल ठेके अभी तक दिए नहीं गए हैं।
- प्रारंभिक चरण: मुंबई और अहमदाबाद के बीच पहले चरण के 50 किलोमीटर क्षेत्र का निर्माण अगस्त 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है।
Bullet Train Project: जटिलताएँ
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Bullet Train Project की तकनीकी चुनौतियाँ
- वियाडक्ट और सुरंगें: परियोजना में वियाडक्ट, पुल, पहाड़ी सुरंगें, और भूमिगत क्षेत्रों का निर्माण शामिल है। खासकर, बुलेट ट्रेन के लिए समुद्र के नीचे सुरंग एक विशेष चुनौती है।
- संरेखण और कंपन: उच्च गति के कारण संरेखण और कंपन को नियंत्रित करना परियोजना की तकनीकी जटिलता को बढ़ाता है।
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Bullet Train Project की अंतर्राष्ट्रीय तकनीकी मानक
- जापानी शिंकानसेन तकनीक: उच्च सुरक्षा स्तर के साथ जापानी शिंकानसेन तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इस तकनीक की सुरक्षा और विश्वसनीयता उच्च स्तर की मानी जाती है।
Bullet Train Project का भविष्य
Bullet Train Project के पूरा होने पर, मुंबई और अहमदाबाद के बीच यात्रा का समय 2 घंटे 58 मिनट होगा, और इसकी अधिकतम गति 320 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। यह बुलेट ट्रेन 9 अन्य स्टेशनों पर रुकेगी और यात्रा को अधिक सुविधाजनक और तेज बनाएगी।
हालांकि, Bullet Train Project परियोजना को लेकर कुछ आलोचनाएँ भी हैं, जिनमें इसके उच्च लागत और मौजूदा रेल नेटवर्क की स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता पर बल दिया गया है। फिर भी, इस Bullet Train Project परियोजना के लाभ, जैसे कि आर्थिक प्रोत्साहन, नई नौकरियों का सृजन, और पर्यावरण-मित्र यात्रा, इसे एक महत्वपूर्ण परियोजना बनाते हैं।
Bullet Train Project परियोजना एक महत्वाकांक्षी और तकनीकी दृष्टि से चुनौतीपूर्ण परियोजना है, जो भारत की परिवहन प्रणाली को नई ऊचाइयों पर ले जाएगी। इसके सफल कार्यान्वयन से उच्च गति, सुरक्षा और सुविधा की नई मानक स्थापित होंगे।
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