सोमवार को हुई 54th GST Council Meeting में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए जिनका प्रभाव स्वास्थ्य और जीवन बीमा, कैंसर की दवाओं और खाद्य उद्योग पर दिखाई देगा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि काउंसिल ने बीमा प्रीमियम पर कर की दर में कटौती, कैंसर की दवाओं और कुछ नमकीन पर जीएसटी में कटौती, हेलीकॉप्टर सेवाओं और ऑनलाइन गेमिंग उद्योग से संबंधित निर्णय लिए हैं।
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Toggle54th GST Council Meeting: स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी में कटौती
54th GST Council Meeting में एक प्रमुख मुद्दा स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी की दर को घटाने का था, जिसे पिछली संसद सत्र में विपक्षी दलों द्वारा उठाया गया था। सीतारमण ने घोषणा की कि बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में एक मंत्रियों का समूह (GoM) बनाया जाएगा, जो इन प्रीमियम पर जीएसटी दरों की समीक्षा करेगा। यह समूह अक्टूबर के अंत तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा, जिसके बाद काउंसिल नवंबर की बैठक में अंतिम निर्णय लेगी।
वर्तमान में स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर 18% जीएसटी लागू है। राज्यों ने इस टैक्स बोझ को कम करने पर सहमति व्यक्त की है। 54th GST Council Meeting के दौरान कई मुद्दे उठाए गए, जैसे कि रेजिडेंट वेलफेयर अस्सोसिएशन्स (RWAs) और कंपनियों द्वारा समूह बीमा पॉलिसियों का प्रावधान, जीवन बीमा और टर्म बीमा का अंतर, और वरिष्ठ नागरिकों के लिए बीमा प्रावधान। GoM इन सभी जटिल मुद्दों पर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगा।
54th GST Council Meeting: कैंसर की दवाओं और नमकीन पर जीएसटी में कटौती
एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में, GST Council ने कुछ कैंसर की दवाओं और नमकीन पर GST दरों को घटाने की घोषणा की। काउंसिल ने तीन कैंसर की दवाओं—Trastuzumab Deruxtecan, Osimertinib और Durvalumab—पर जीएसटी को 12% से घटाकर 5% कर दिया। इस निर्णय से कैंसर मरीजों को राहत मिलेगी क्योंकि इन आवश्यक दवाओं की कीमत में कमी आएगी।
इसके अलावा, नमकीन, जैसे भुजिया, मिश्रण और चबेना (प्री-पैकेज्ड और लेबल्ड) पर जीएसटी दर को 18% से घटाकर 12% कर दिया गया। हालांकि, अनफ्राइड या अनकुक्ड स्नैक पेलेट्स पर 5% की जीएसटी दर लागू रहेगी। इस निर्णय से आम उपभोक्ताओं पर कर बोझ कम होगा और उन्हें राहत मिलेगी।
54th GST Council Meeting: तीर्थ यात्राओं के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं पर जीएसटी में कमी
GST Council ने तीर्थ यात्राओं के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं पर जीएसटी दर को 18% से घटाकर 5% कर दिया, जिसमें केदारनाथ जैसी धार्मिक यात्राएं शामिल हैं। यह कमी सीट-शेयर आधार पर यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए लागू होगी, जबकि हेलीकॉप्टर की चार्टर सेवाओं पर 18% जीएसटी लागू रहेगा। इस निर्णय से धार्मिक यात्राएं करने वाले तीर्थयात्रियों को लाभ होगा और हेलीकॉप्टर सेवाएं अधिक किफायती बनेंगी।
क्षतिपूर्ति सेस
काउंसिल ने मार्च 2026 की अंतिम तिथि के बाद लक्जरी वस्तुओं, जैसे ऑटोमोबाइल, एरेटेड पेय, कोयला और तंबाकू उत्पादों पर लगाए गए क्षतिपूर्ति सेस के भविष्य पर भी चर्चा की। वित्त मंत्री ने संकेत दिया कि इन लक्जरी वस्तुओं पर उच्च शुल्क को किसी अन्य रूप में जारी रखा जा सकता है, लेकिन वर्तमान क्षतिपूर्ति सेस के तहत नहीं। इस पर निर्णय लेने के लिए एक अलग GoM का गठन किया जाएगा, जो अपनी सिफारिशें पेश करेगा।
यह सेस जीएसटी लागू होने के बाद राज्यों को हुए राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए शुरू किया गया था। 2026 के बाद, सरकार के लिए बैक-टू-बैक लोन की अदायगी के बाद लगभग 40,000 करोड़ रुपये की सरप्लस राशि की उम्मीद है। GoM इस सरप्लस का भविष्य तय करेगा।
ऑनलाइन गेमिंग उद्योग और GST
GST Counsil ने ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र, कैसीनो और रेसकोर्स पर 28% जीएसटी लगाए जाने की स्थिति पर भी चर्चा की। 1 अक्टूबर, 2023 से ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्मों पर लगाए गए एंट्री-लेवल दांवों पर 28% कर लागू है। इस कदम ने पहले के स्किल आधारित और चांस आधारित खेलों के लिए अलग-अलग कर दरों के प्रावधान को स्पष्ट कर दिया।
ऑनलाइन गेमिंग से रेवेन्यू में 412% की वृद्धि दर्ज की गई, जो अक्टूबर 2023 में नई कर व्यवस्था लागू होने के बाद सिर्फ छः महीने में ही ₹6,909 करोड़ तक पहुंच गई। काउंसिल इस टैक्स के प्रभाव की समीक्षा करेगी। वहीं, ऑफशोर गेमिंग प्लेटफार्मों को भी जीएसटी के तहत पंजीकृत होने और कर का भुगतान करने की आवश्यकता है। अनुपालन न करने पर, सरकार उन साइटों को ब्लॉक कर देगी।
अनुसंधान और विकास सेवाओं पर GST छूट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बाद, काउंसिल ने मान्यता प्राप्त संस्थानों द्वारा प्रदान की जाने वाली अनुसंधान और विकास (R&D) सेवाओं पर जीएसटी में छूट देने का निर्णय लिया। इसमें सार्वजनिक और निजी अनुसंधान संस्थान दोनों शामिल हैं, जो पहले से ही आयकर छूट का लाभ उठा रहे हैं। सात संस्थानों को जिन्हे पहले R&D फंड्स पर टैक्स नोटिस मिले थे उन्हें अब जीएसटी से छूट दी जाएगी, जिससे शोध के क्षेत्र को राहत मिलेगी।
अन्य निर्णय: मेटल स्क्रैप, कार सीटें और वाणिज्यिक संपत्ति
बैठक के दौरान, काउंसिल ने कई अन्य महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए हैं। मेटल स्क्रैप लेन-देन के लिए रिवर्स चार्ज तंत्र (RCM) पेश किया जाएगा, जहां पंजीकृत खरीदारों को अपंजीकृत आपूर्तिकर्ताओं से मेटल स्क्रैप पर जीएसटी का भुगतान करना होगा। इसके साथ ही, बिज़नेस से बिज़नेस (B2B) लेन-देन में मेटल स्क्रैप पर 2% टैक्स कटौती का प्रावधान भी लागू होगा।
कार और मोटरसाइकिल की सीटों पर जीएसटी दर 18% से बढ़ाकर 28% कर दी गई, जो अन्य वाहन पार्ट्स की दरों के अनुरूप है। इसके अलावा, अपंजीकृत व्यक्तियों द्वारा पंजीकृत व्यक्तियों को कमर्शियल संपत्ति किराए पर देने को RCM के तहत लाया जाएगा, ताकि राजस्व की हानि रोकी जा सके।
बी2सी ई-इनवॉइसिंग पायलट परियोजना
काउंसिल ने बी2सी ई-इनवॉइसिंग के लिए पायलट परियोजना को भी मंजूरी दी, जिसके तहत उपभोक्ता एक निर्दिष्ट पोर्टल के माध्यम से इनवॉइस एक्सेस कर सकेंगे। यह कदम कर चोरी को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विदेश से सामान खरीदने वाले पर्यटकों को भी इस प्रणाली से लाभ होगा, क्योंकि कस्टम अधिकारी टैक्स रिफंड के लिए पात्रता की जांच के लिए ई-इनवॉइस का उपयोग करेंगे।
54वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक ने बीमा, स्वास्थ्य देखभाल और गेमिंग जैसे क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण बदलावों को आगे बढ़ाया है। स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम, कैंसर की दवाओं और नमकीन पर जीएसटी में कटौती करके काउंसिल ने उपभोक्ताओं पर कर के बोझ को कम करने के प्रयास किए हैं। क्षतिपूर्ति सेस और बीमा प्रीमियम पर आगे की चर्चा के लिए GoM का गठन इन मुद्दों को उचित प्राथमिकता देने का संकेत देता है। इस बैठक में लिए गए निर्णयों ने नवंबर में होने वाली काउंसिल की अगली बैठक के लिए मंच तैयार किया है। उम्मीद है की नवंबर मीटिंग और महत्वपूर्ण नीतिगत घोषणाएं होंगी।
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