Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या का हिन्दू धर्म में विशेष महत्त्व है। सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। ये वर्ष में लगभग एक या दो बार ही पड़ती है। सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान करके पितरों के लिए पूजा करने का भी खास धार्मिक महत्व होता है।
हमारे हिन्दू धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्त्व होता है। सोमवती अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है इसलिए इसे सोमवती अमावस्या कहते हैं। पं कुंतलेश पांडेय के अनुसार, सोमवार चंद्र देवता को समर्पित दिन है। भगवन चंद्र को मन का कारक माना जाता है। अतः इस दिन अमावस्या पड़ने का अर्थ है कि यह दिन मन संबंधित दोषों को दूर करने के लिए उत्तम है। इस दिन पूजा करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और मनोकामना पूरी करते हैं।
Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावश्या क्यों मनाते हैं ?
सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। सोमवती अमावस्या के दिन दिन पूजा-पाठ करने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बनाये रखते हैं। मान्यता के अनुसार, अमावस्या के दिन गंगा में स्नान करना या किसी पवित्र नदी में स्नान करना कई यज्ञों के बराबर पुण्य प्राप्त होता है। इससे घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है। सुख समृद्धि में वृद्धि होती है। ये वर्ष में लगभग एक या दो बार ही पड़ती है। इस अमावस्या का हिन्दू धर्म में विशेष महत्त्व है। हिंदू धर्म के अनुसार, अमावस्या के दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए दान-पुण्य और पिंडदान किए जाते हैं। विवाहित स्त्रियों इस दिन अपने पतियों की लम्बी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदी, तालाब या कुंड में स्नान करके सूर्य देव को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। सोमवती अमावस्या के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है।
Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या का शुभ मुहूर्त
सोमवती अमावस्या हिन्दू पंचांग में एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। यह अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है इसलिए इसे सोमवती अमावस्या कहते हैं। सोमवती अमावस्या इस बार साल में तीन बार पड़ी है।
- 8 अप्रैल 2024 (चैत्र अमावस्या)
- 2 सितंबर 2024 (भाद्रपद अमावस्या)
- 30 दिसंबर 2024 (पौष अमावस्या)
Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या का महत्व
सोमवती अमावस्या वाले दिन पितरों की पूजा की जाती है। यह दिन पितरों की पूजा के लिए समर्पित है। कई लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा-पाठ करते हैं। इस शुभ दिन पर पितृ तर्पण और पितृ पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। साथ ही उनका विशेष आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या पर उपाय
सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव और पार्वती की पूजा-अर्चना जरूर करनी चाहिए। इससे भगवान शिव की आपके ऊपर कृपा बनी रहती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती को तुलसी के पत्ते, सिंदूर, शंख, सिंदूर, नारियल और केतकी का फूल जरूर चढांना चाहिए।
सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करें। अगर ऐसा संभव नहीं है, तो पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। ऐसा माना जाता है कि यह उपाय करने से पितृ दोष का प्रभाव नहीं पड़ता है। सोमवती अमावस्या पर केला, बरगद, पीपल और तुलसी का पौधा लगाना बेहद शुभ माना जाता है। सोमवती अमावस्या के दिन आपको दूध और चावल का दान भी जरूर करना चाहिए।
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