Solar Eclipse 2024: तब लगता है, जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुज़रता है। इस वजह से, सूर्य का प्रकाश पूरी तरह से पृथ्वी पर नहीं पड़ पाता।
सूर्य ग्रहण के दौरान, चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है। इस छाया में दो भाग होते हैं – अम्ब्रा और पेनम्ब्रा। अम्ब्रा, छाया का गहरा केंद्र होता है, जहां सूर्य का प्रकाश पूरी तरह से अवरुद्ध होता है। पेनम्ब्रा, छाया का हल्का हिस्सा होता है, जहां सूर्य का प्रकाश केवल आंशिक रूप से अवरुद्ध होता है।
जब चंद्रमा सूर्य के पूरे हिस्से को ढक लेता है, तो इसे पूर्ण सूर्य ग्रहण कहते हैं। वहीं, जब चंद्रमा सूर्य के केवल एक हिस्से को ढकता है, तो इसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहते हैं। आंशिक सूर्य ग्रहण साल में कई बार लगता है, लेकिन पूर्ण सूर्य ग्रहण बहुत कम होता है।
पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान, सूर्य का वायुमंडल या कोरोना उजागर हो जाता है। कोरोना को केवल पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान या विशेष उपकरणों से ही देखा जा सकता है।
Surya Grahan 2024:
इस साल 2024 में दो सूर्य ग्रहण हैं। पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल (2024) को लगा था। वहीं दूसरा सूर्य ग्रहण 2 अक्टूबर (2024) को दिखाई देगा। यह एक वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा जो दक्षिणी अमेरिका के कुछ हिस्सों में ही दिखाई देगा। एक बड़े इलाके में आंशिक सूर्य ग्रहण की झलक दिखाई देगी।
सूर्य ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी और सूर्य के बीच से चंद्रमा गुजरता है। यह कुछ समय के लिए सूर्य को ढंक लेता है। इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को पड़ा था। यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण था जो अमेरिका और कनाडा के ऊपर से गुजरते हुए पूरे उत्तरी अमेरिका में दिखाई दिया था। हालांकि भारत के लोगो ने इसे नहीं देखा था।
अंतरिक्ष से देखने पर पृथ्वी पर चंद्रमा की एक बड़ी परछाई दिखाई देती है। सूर्य ग्रहण किस तरह लगेगा यह चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी पर भी तय होता है, क्योंकि चंद्रमा धरती से दूर और पास होता रहता है। इसके अलावा यह आपको कैसा दिखाई देगा यह आपकी लोकेशन पर भी निर्भर करता है।
Solar Eclipse 2024: सूर्य ग्रहण के प्रकार : सूर्य ग्रहण चार प्रकार के होते हैं।
- पूर्ण सूर्य ग्रहण
- आंशिक सूर्य ग्रहण
- वलयाकार सूर्य ग्रहण
- हाइब्रिड सूर्य ग्रहण
Solar Eclipse 2024: पूर्ण सूर्य ग्रहण: पूर्ण सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच से गुज़रता है और सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है। इस दौरान, पृथ्वी के एक छोटे से हिस्से पर दिन के समय रात जैसा अंधेरा छा जाता है। साथ ही तापमान भी गिर जाता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान, अगर आकाश साफ़ हो, तो सूर्य के बाहरी वातावरण यानी कोरोना को देखा जा सकता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण एकमात्र ऐसा ग्रहण है जिसे लोग चश्मे के बिना देख सकते हैं।
आंशिक सूर्य ग्रहण: आंशिक सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक लाइन में सीधे नहीं होते। इस कारण चंद्रमा सूर्य के कुछ हिस्से को ही ढक पाता है। जिससे यह अर्धचंद्राकार आकार का दिखाई देता है।
वलयाकार सूर्य ग्रहण: वलयाकार सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी से दूर होता है और यह पूरी तरह सूर्य को नहीं ढक पाता, जिस कारण हमें सूर्य ग्रहण के दौरान आसमान में एक ‘आग की रिंग‘ दिखाई देती है।
हाइब्रिड सूर्य ग्रहण: हाइब्रिड सूर्य ग्रहण को वलयाकार–पूर्ण ग्रहण भी कहा जाता है। इसमें यह सूर्य को पूरी तरह ढक लेता है, लेकिन कुछ हिस्सा खुला रह जाता है।
Lalbaghucha Raja की अमरता: भव्यता और धार्मिक भक्ति का अनूठा संगम
Lalbaug Cha Raja: जानें इतिहास, प्रसिद्धि और विसर्जन
Ganesh Chaturthi 2024: गणेश जी को कैसे सजाया जाता है, जानें विस्तार से
Ganesh Visarjan 2024: गणेश विसर्जन कब है, जानिए अनंत चतुर्दशी की सही तारीख, मुहूर्त और पूजा-विधि
One thought on “Solar Eclipse 2024: सूर्य ग्रहण क्यों होता है ? जानें इस साल का सूर्य ग्रहण कब है ? ”